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Saturday, 29 December 2018

Conference Herodes Raja Ke mahal Me By Bro Shishye Thompson



कांफ्रेंस - सम्मेलन
(Conference)
हेरोदेस राजा के महल में मत्ती 2:1-16 / लूका 2:8-20
विदेशी ज्ञानी ज्योतिष शास्त्री (scientist) यरुशलम आ गए थे, राजा ने उनका स्वागत किया
ये विदेशी ज्योतिषी ज्ञानी यरुशलम की शान शौकत, भीड़ भाड़ ओर बाज़ार से काफी प्रभावित हुए थे, उन्हें लगा कि उनकी यात्रा, मेहनत सफल हुई, अच्छा लग रहा था।
उन्होंने ऊपर से निर्देषित सितारे की दिशा त्याग दी थी, और अब बुद्धि ज्ञान और किताबों का सहारा लेना था।
राजा पैदा तो राजा के घर ही होता है, इस सोच में कोई
मुश्किल उन्हें नहीं लगी
* हेरोदेस राजा ने महल में कांफ्रेंस (conference) बुलाई
एक तरफ ज्योतिषियों का सांसारिक ज्ञान अनुसंधान तो दूसरी तरफ यहूदी गुरुओं का बाइबिल का धार्मिक ज्ञान,
एक तरफ ज्योतिष शास्त्र तो दूसरी तरफ धर्म शास्त्र
ज्योतिषियों ने राजा या मसीह के पैदा होने की बात कही, तो धार्मिक शास्त्रियों ने बाइबिल पढ़के उसके पैदा होने वाले शहर का नाम बताया
दोनों ज्ञानों की सहायता से हेरोदेस ने अपने कत्लेआम के मनसूबे को अंजाम दिया
और सैंकड़ों बच्चों का खून बैतलहम की गरीब गलियों में बहाया जिसकी क्रूरता की आवाज़ आज भी हमारे कानों में गूंज रही है
दूसरी ओर
* अनपढ़ चरवाहे
- कंगाली, अंधापन, बन्धुआई और लाचारी के प्रतीक थे
- घर में सो नहीं रहे थे पर मैदान में अंधेरे में बैठे थे
- उनपर प्रकाश ऊपर से चमका
- बड़े आनंद का संदेश ऊपर से आया
- मुक्तिदाता के जन्म स्थान का पता ऊपर से आया
-जाओ, मिलो ओर आराधना करो का संदेश ऊपर से आया
- बिना भेंट लिए खाली हाथ जाकर दंडवत करो का संदेश ऊपर से आया

उनकी नज़र और कान ऊपर आसमान की ओर लगे थे
(आपने ये भी देखा है
हाथ में बाइबिल है और इस्तेमाल बच्चों के कत्लेआम के लिये ?
हाथ में बाइबिल है और एक स्त्री को पत्थरवाह करने के लिये ?
हाथ में बाइबिल है, और आज धन दौलत इकट्ठा करने के लिये ?
हाथ में बाइबिल हैं,और आज उद्देश्य नाम कमाने के लिये, बड़े बनने के लिये ?
हाथ में बाइबिल है,और आज इस्तेमाल झूठी
भविष्यवाणियां करने के लिये ?)
आज सवाल है
किस कांफ्रेंस में बैठे हैं आप ?


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1} दशमांश किसको देना है ??





5} प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ।


Wednesday, 26 December 2018

Jina Jaruri Nahi Hai Mar Jao Yadi Esse Premeshawar Ki Mhima Hoti Hai

जीना ज़रूरी नहीं है"
मर जाओ यदि इससे परमेश्वर की महिमा होती है।
"प्रेम 'किया' जाता है, प्रेम 'बोला' नहीं जाता"
प्रेम 'कर्म' में है 'शब्द' में नहीं
दूसरे शब्दों में- क्या तुम मुझ से प्रेम करते हो ? मेरे पीछे आओगे? मेरी आज्ञा मानोगे ? मेरे लिये मरोगे ?
यदि हाँ, तभी तुम मेरी महिमा कर पाओगे
"अपने स्वार्थ को मारना, अपना इनकार करना, अपना क्रूस उठाना, वही एक महिमामय मृत्युमार्ग है जिस के द्वारा दुनिया को हमारे अंतःकरण से प्रभु यीशु दिखाई देने लगते हैं"


पतरस से सवाल -
तीन बार प्रभु यीशु ने पतरस से एक ही सवाल किया था ताकि पतरस को सवाल की 'गंभीरता' का पता लगे
क्या तुम मुझ से प्रेम करते हो ?
यदि प्रेम करते हो... तो करो (मेमनों को चराओ)
यदि प्रेम करते हो...तो करो (भेड़ों की रखवाली करो)
यदि प्रेम करते हो...तो करो (भेड़ों को चराओ )
और फिर मर जाओ, मेरे पीछे चलते चलते, ताकि परमेश्वर की महिमा हो । यूहन्ना 21:15
प्रभु यीशु ने पतरस को यही बताया
और उसने प्रेम का मापदंड (स्केल) भी दिया

यूहन्ना 21:15-19
'सिद्ध प्रेम' (Perfect love) जीवित रहकर नहीं दिखाया जा सकता है,
उसके लिए मरना पड़ेगा ।
समझने के लिये
यदि perfect प्रेम 100 % है,
तो शायद पति पत्नी का प्रेम 70% हो सकता है
मा बाप और बच्चे के बीच का प्रेम शायद 90% होगा
लेकिन 100% प्रेम वो perfect प्रेम है जो मौत के द्वारा प्रगट किया जाता है और नापा जा सकता है।
* प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है,
* पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता,
* प्रेम न महानदों से डूब सकता है।
* प्रेम की कीमत यदि कोई अपने घर की सारी सम्पत्ति से दे तो वह प्रेम का अपमान माना जायेगा।
श्रेष्ठगीत 8:6,7
- इसलिए प्रभु यीशु ने कहा इससे बड़ा प्रेम और कोई नहीं कि एक मनुष्य अपने मित्र के लिए जान दे
यूहन्ना 15:13
- प्रभु यीशु कहता है, मरने तक धीरज रखना है, विश्वास नहीं खोना है। प्रकाशित 2:10
- परमेश्वर का प्रेम तो इस बात से प्रगट हुआ कि जब हम पापी/शत्रु ही थे, तब प्रभु यीशु हमे बचाने के लिए मर गया । रोमियों 5:8


आज सवाल है
हम किस तरह का प्रेम कर रहे हैं ?
गीत
मेरे यीशु तुमने मुझसे,कैसा ये प्रेम किया
क्या बताऊँ कैसे गाउँ, हर गली घर ये कथा
1
मैं जहां में भटका, कोई हमदर्द न था
मेरे दुखदर्द देखने, आये जीवनदाता
प्राण देह सब, तुझ पर अब, प्रभु यीशु वार दूँ मैं
क्या बताऊँ कैसे गाउँ, तेरे गुणगान यहां
2
तुमने ये क्या कर दिया, रक्त अपना दे दिया
कर्ज़ ले सब क्रूस पर, कर दिया तुमने अदा
करूँ इनकार, तज संसार, पीछे पीछे आऊं मैं
क्या बताऊँ कैसे गाउँ हर गली घर ये कथा
3
जीना अब तेरे लिये, मरना वर मेरे लिये
पाप कर मेरे क्षमा, तुमने मुझे मुक्त किया
लेकर अब क्रूस, दुनिया से दूर पीछे पीछे आऊं मैं
कौन सा गीत, कैसा संगीत कर सके तेरा बयाँ




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1} दशमांश किसको देना है ??





5} प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ।



Bhool Na Jana Do not forget By Bro Shishye Thompson

भूल न जाना
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
फुलझड़ियों की चमक दमक में,
आये थे प्रभु यीशु जग में,
हम सबको नवजीवन देने
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
सृष्टी ने कर्ता को नकारा,
अन्धकार ने न स्वीकारा,
तिरस्कार ही था बस घर में,
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
धर्म, अधर्म के इन योगों में,
सर्व लोक के प्रभु महाराजा,
निर्बल बन आये इस जग में,
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
भौतिकता की तड़क भड़क में,
नम्र दीन दयाल थे प्रभुवर,
जनम लिए आये चरनी में,
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
बालक जिसने जन्म लिया था,
स्वर्ग पिता का नामकरण था,
यीशु पाप हरे जो जग में,
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
अन्धकार की घमासान में,
हाहाकार मचा था जग में,
खून बहा घर घर गलियों में
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
कंगालों की खुशखबरी को,
अंधे देखें, बंधुए मुक्त हैं,
कुचले अब उठ आये हैं
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
मानव चोला पहन लिए जो,
राजाधिराज प्रभु ही हैं वो,
घर आये जो संग रहने को
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
काँटों के राज्याभिषेक को,
कोड़े, मार जख्म और लहू को,
फेहराते उस रक्त ध्वज को
भूल न जाना जन्मोत्सव में,
हंसी रंग और नृत्य नाद में,
शीघ्र पधारें परम प्रभुजी
राज्य पराक्रम महिमा पाने
आज सवाल है
तो आप क्या सोच रहे हैं इस जन्मोत्सव में


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1} दशमांश किसको देना है ??





5} प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ।



Wednesday, 7 November 2018

क्या आप "प्रभु यीशु नाम" बांट रहे हैं ? | मेरा नाम शिष्य है, और मैं 'प्रभु यीशु' का भक्त हूँ। BY भाई Shishye Thompson के कलम से

 भाई Shishye 

Thompson के कलम से


मेरा नाम शिष्य है और मैं प्रभु यीशु का भक्त हूँ।

(इस तरह का परिचय (introduction) यदि आप किसी को देंगे 
तो शायद वे आपको अजीब समझें ) पिछले दिनों

मैं प्रार्थना यात्रा (prayer journey) पर निकला था उत्तर भारत में
 कश्मीर और नेपाल गया था

प्रभु यीशु की गवाही देने के कई अवसर मिले 
कुछ  उदाहरण (example) आपके सामने रखता हूँ 

यीशु नाम बांटने का मौका मिला।
(आप भी कर सकते हैं)

चाय की दुकान में, रास्ते में खड़े लोगों से, गांधी संग्रहालय में एक 
जापानी व्यकि से, मुस्लिम व्यवसायी से, ऑटो ड्राइवर से, सफाई
 करनेवालों से साधुओं से और भी अनेक लोगों से मिल सका।

* एक मित्र को लेकर मैं दिल्ली के गांधी संग्रहालय में गया  वहां 
पास खड़े एक जापानी व्यक्ति के उत्साह को देख मैंने उसके पास
 जाकर बातचीत प्रारम्भ की, उन्हें बताया कि गांधी जी ने प्रभु यीशु
 के पहाड़ी उपदेश  का गहन अध्ययन किया था जो मत्ती :5 -7 में है। 
अहिंसा की सीख उन्हें यीशु के उपदेश और जीवन से मिली। प्रभु 
यीशु मानुष के जीवनको बदलता है। वही मुक्तिदाता है।

* आगरा शहर के बाहर किसी सस्ते रेस्टोरेंट की खोज करते हुए मैं
 ओर मेरे साथी एक ढाबे पर पहुंचे। टूटी से कुर्सियां लड़खड़ाता
 टेबलऔर कच्चा खुदा हुआ फर्श जब हम असमंजस में पड़े 
थे तो मालिक बोला पीछे बाहर घास में टेबल  लगा देते हैं
तो जब वहां खाने का इंतज़ार कर रहे थे  तो थोड़ी दूर, रस्सी
 की खाट पर एक व्यक्ति जिसके  पांव में पट्टी बंधी थी बैठा दिखा।

में उठकर उसके पास गया और साथ बैठा। 
साईकल से गिर गया था सड़क में कुत्ते से टकराकर पास के गांव
 का था। मुस्लिम था अपनी मां और बीबी बच्चों को वही संभाले था
 साफ सफाई का उसका काम था। दवाई करवाने के भी पैसे उसके
 पास नहीं थे मैंने उसे प्रभु यीशु का प्रेम संदेश सुनाया उसके ज़ख्म 
और गरीबी हालात के लिए प्रार्थना  करी उसने मेरे साथ भी प्रार्थना
 करी और मैं उसकी कुछ मदद भी कर सका 

* दिल्ली में एक चाय की  दुकान में वेटर से मैं नेपाली में बात करने 
लगा जब मुझे मालूम पड़ा कि वो नेपाली है, साधारण बातचीते के 
बाद मैंने सवाल किया कि क्या वो प्रभु यीशु को जानता है पहले तो
 उसने इनकार किया पर जब मैंने अपने हाथ के इशारे से क्रूस पर 
लटकने वाले के बारे में पूछा, तो उसे याद आया ईसा मसीह  के
 बारे में हाँ उसने फ़िल्म देखी थी और उसके गांव में कुछ लोग 
आए थे यीशु कथा सुनाने। हमने भी उसे सुसमाचार सुनाया


* श्रीनगर में एक कश्मीरी से दिली बातचीत हुई उसने बताया कि
 किस तरह उसकी माँ को दिमागी बीमारी पकड़े है, सालों से बस
 बैठी रहती है ना करे बात और न ही करे कोई काम। उसका एक
 भाई दिनभर सोता है और रात को बस निकलता है और बस
 बिलकुल निकम्मा। दूसरे एक भाई ने पिछले 6 महीनों में
 बस एक बार नहाया  था और आत्महत्या करने के लिए
हाथ में रेज़र चला चुका था।

इनकी पत्नी को भी  भूत प्रेत सताते थे इन जनाब का बिज़नेस भी
 ठप्प हुआ जा रहा था। मुझे उसने अपने घर बुलाया मैंने सारे 
परिवार को इकट्ठा किया और पूरा सुसमाचार सुनाया उनके कुरान
 के भी कुछ हवाले दिए, ओर प्रार्थना करी ओर कुछ उर्दू का
 साहित्य उनको दे दिया। उनके लिए प्रार्थना जारी है।

* सूर्योदय के पहले मैं  नगरकोट नेपाल में पहाड़ पर प्रार्थना के लिये
 गया वहां पर मेरी मुलाकात अचनाक एक  बौद्ध साधु से हुई
मैंने अपना परिचय दिया कि प्रभु यीशु भक्त हूँ, तब उन्होंने और 
जानकारी चाही मैंने उन्हें बताया की सब लोग सत्य मार्ग ओर
 मुक्ति के खोजी हैं,(गौतम बुद्ध भी) लेकिंग प्रभु यीशु ही हैं जो 
स्वर्ग से उतर आये हमारे बीच में और प्रभु यीशु के दावा सही था
  कि मार्ग सत्य और जीवन मैं ही हूँ। साधु सोच में पड़ गया।

* एक बहाई मत का विदेशी पर्यटक मिला, जिससे लंबी बात हुई 
मैन उसको पूरा सुसमाचार सुनाया वो प्रभु यीशु की कब्र कश्मीर 
 में खोजता हुआ आया था, और उस पर रिसर्च कर रहा था।

मैंने बाइबिल से समझाया  कि प्रभु यीशु कब्र में नहीं हैं जीवित हुए 
और स्वर्ग में विराजमान हैं उनकी खाली कब्र यरुशलम में है। 

पुनुरुत्थान और जीवन प्रभु यीशु ही हैं
वहां और भी कई लोगों को मैंने प्रभु यीशु का नाम सुनाया

आज सवाल है,
क्या आप "प्रभु यीशु नाम" बांट रहे हैं ?

 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर
 अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे।
 Hear, O LORD, when I cry with my voice: have mercy also upon me, and answer me.
 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन 
तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा।
 When thou saidst, Seek ye my face; my heart said unto thee, Thy face, LORD, will I seek.
 अपना मुख मुझ से न छिपा॥ अपने दास को क्रोध करके 
न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले 
परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे!
 Hide not thy face far from me; put not thy servant away in anger: thou hast been my help; leave me not, neither forsake me, O God of my salvation.
 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा॥
 When my father and my mother forsake me, then the LORD will take me up.
 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे 
द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल।
 Teach me thy way, O LORD, and lead me in a plain path, because of mine enemies.
 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि
 झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं॥
 Deliver me not over unto the will of mine enemies: for false witnesses are risen up against me, and such as breathe out cruelty.
 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर
यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता।
 I had fainted, unless I had believed to see the goodness of the LORD in the land of the living.
 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा 
हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!
 Wait on the LORD: be of good courage, and he shall strengthen thine heart: wait, I say, on the LORD.





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Wednesday, 31 October 2018

प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ। Prarthna Me Ghutne Tekne Ke Arth By भाई Shishye Thompson के कलम से

प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ।
भाई शिष्य थॉमसन के कलम से 
कई साल पहले की बात है मैं मुम्बई में रह रहा था। मेरे साथ मेरा
 एक मुस्लिम मित्र भी मेहमान था। कलीसिया के कुछ elders (वृद)
 मुझे मिलने आये। जाते समय एक वुज़ुर्ग ने प्रार्थना करी। सब ने
 घुटने टेके और मैं और मेरा मुस्लिम मित्र आंखें बंद कर खड़े हुए 
प्रार्थना में शामिल हुए।प्रार्थना खत्म हुई वुज़ुर्ग विश्वासी ने सबके
 सुनते हुए कहा कि हमें परमेश्वर के सामने घुटने टेकने में कभी 
शर्मिंदगी नही महसूस करनी चाहिए।
उस समय मैं एक सामान्य सा विश्वासी था और मुझे थोड़ा बुरा लगा। लेकिन पवित्र आत्मा ने मुझे बोझिल किया और बताया कि सच ही तो था मैं अपने मित्र का साथ दे रहा था। और घुटने टेकने में संकोच ओर शर्म महसूस कर रहा था।
परिणाम ये हुआ के इसके बाद जब भी घुटने टेक कर प्रार्थना करने का मौका होता है तो मैं प्रयास करता हूँ कि घुटने टेकूँ।
यहां मैं किसी की निंदा नहीं कर रहा। मैं एक बार शिमला के माल में स्थित १५० वर्ष पुराने चर्च (कलीसिया) में प्रचार कर रहा था। एक समय शिमला भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी (Summer Capital) अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ करती थी। वहां चर्च में मैंने वाइसराय की आगेवाली बेंच देखी जो अधिक खूबसूरत और कीमती थी और घुटने टेकने के लिए महंगा मलमल का कपड़ा था।
सवाल है।
क्या हमारे कपड़े खराब होने कर डर है या घुटने मैं दर्द होने का भय, आखिर हम झुक किस के सामने रहे हैं?
क्या वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर नहीं जिसने अपने मुंह के वचन से सृष्टि रची?
बाइबिल में हर जगह प्रार्थना की मुद्रा घुटने पर दिखाई देती है। एक उदाहरण दानिएल का ही लें वो प्रधानमंत्री था।
बाबुल के १२० गवर्नर्स के ऊपर था। राजा दारा के बाद सारा साम्राज्य वही चलाता था। उसे फसाने या दोषी साबित करने का किसी के पास कोई उपाय नहीं था।
लेकिन दानिएल की पहचान उसके आत्मिक जीवन से थी।
वह दिन में ३ बार अपनी अटारी पर खिड़की का दरवाजा जो यरूशलेम की तरफ था उसे खोल कर रखता था और घुटने टेक कर प्रार्थना करता था। यही दानिएल की पहचान थी। इसीलिए उसे सिंहों की मांद में डाला गया। दानिएल ६।
सुलैमान राजा घुटने टेके और हाथ फैलाये परमेश्वर के सामने बैठता है। १ राजा ८:५४
आओ हम झुक कर दंडवत करें, और अपने कर्ता यहोवा के सामने घुटने टेकें। भजन ९५:६
प्रभु यीशु घुटने टेक कर प्रार्थना करते हैं। लूका २२:४१
स्वर्ग में तो साष्टांग प्रणाम करते हुए सभी प्राणी प्रभु के सामने दंडवत करते हैं। प्रकाशितवाक्य ५:८-१४
घुटने टेक कर प्रार्थना करने की मुद्रा क्या सिखाती है।
यही कि हम अपने आप को परमेश्वर की इच्छा के आधीन करते हैं।
फिलिपिओं २:१० में लिखा है कि स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में सब यीशु के नाम पर घुटना टेकेंगे।
सवाल है
क्या आज हम घुटने टेकेंगे?

 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
 The LORD is my light and my salvation; whom shall I fear? the LORD is the strength of my life; of whom shall I be afraid?
 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े॥
 When the wicked, even mine enemies and my foes, came upon me to eat up my flesh, they stumbled and fell.
 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा॥
 Though an host should encamp against me, my heart shall not fear: though war should rise against me, in this will I be confident.
 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं॥
 One thing have I desired of the LORD, that will I seek after; that I may dwell in the house of the LORD all the days of my life, to behold the beauty of the LORD, and to enquire in his temple.
 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
 For in the time of trouble he shall hide me in his pavilion: in the secret of his tabernacle shall he hide me; he shall set me up upon a rock.
 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा॥
 And now shall mine head be lifted up above mine enemies round about me: therefore will I offer in his tabernacle sacrifices of joy; I will sing, yea, I will sing praises unto the LORD.
 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे।
 Hear, O LORD, when I cry with my voice: have mercy also upon me, and answer me.
 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा।
 When thou saidst, Seek ye my face; my heart said unto thee, Thy face, LORD, will I seek.
 अपना मुख मुझ से न छिपा॥ अपने दास को क्रोध करके न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे!
 Hide not thy face far from me; put not thy servant away in anger: thou hast been my help; leave me not, neither forsake me, O God of my salvation.
 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा॥
 When my father and my mother forsake me, then the LORD will take me up.
 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल।
 Teach me thy way, O LORD, and lead me in a plain path, because of mine enemies.
 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं॥
 Deliver me not over unto the will of mine enemies: for false witnesses are risen up against me, and such as breathe out cruelty.
 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता।
 I had fainted, unless I had believed to see the goodness of the LORD in the land of the living.
 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!
 Wait on the LORD: be of good courage, and he shall strengthen thine heart: wait, I say, on the LORD.

Friday, 26 October 2018

मसीही जगत में भी आज सेलिब्रिटी (celebrity) मसीही छाए हुए हैं भीड़भाड़ की मीटिंगों धनदौलत नाम सम्मान और दिखावे का बोलबाला है।

मसीहियत में Celebrity (मशहूरी, ख्याति)
हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे" लूका 6:26
(जब मनुष्य दिखता है, आदर पाता है, और प्रभु यीशु नहीं नज़र आता है )
आखिर क्यों ? टिकेगा हर घुटना, करेगी हर ज़ुबान अंगीकार की 
"यीशु ही प्रभु है"   फिलि. 2:5 -11
वो इसलिये की प्रभु यीशु ने 
* अपने अधिकारों को त्यागा * स्वयं शून्य बने * मनुष्य बने * दास बने  * दीन बने
* आज्ञाकारी बने * क्रूस की मृत्यु भी सह ली
क्योंकि वो शून्य बने
- इसलिए उन्होंने कोढ़ियों को गले लगाया, 
- चुंगी लेनेवालों, वेश्याओं, गुनाहगारों के साथ बैठकर मुक्ति की बातें की, 
- पांच पति करने वाली सामरी स्त्री के साथ कुएं पर बैठकर जीवन जल की बातें करी।
- अपने चेलों के पांव धोये।
- जब उसके मुंह पर थूका, मारा पीटा, कोड़े मारे,  सिरपर काँटों का ताज रखा, उसने शिकायत नहीं करी, वह चुप रहा।
( इसके विपरीत आज सारे गुरु, धर्म, धनी, अपने आप को बड़ा बनाते हैं, सोने के तख्त पर बैठते है, भक्तों से अपने पांव धुलाते हैं। धनदौलत से घिरे रहते हैं )
मसीही जगत में भी आज
सेलिब्रिटी (celebrity) मसीही छाए हुए हैं
भीड़भाड़ की मीटिंगों, धनदौलत , नाम ,सम्मान, और दिखावे का बोलबाला है।
 आज सवाल है
क्या हमारा स्वभाव प्रभु यीशु जैसा है ?
_
गीत  (unknown)
यीशु का नाम है
मीठा नाम है, सबसे प्यारा नाम है
यीशु का नाम - बोलो नाम
( यीशु का .... )
हर व्यक्ति हो छोटा बड़ा
यीशु के पास आओ
देगा वो शांति आराम

हर घुटना टिक जाएगा
हर एक ज़बान मानेगी
यीशु मसीह ही प्रभु है

BY भाई Shishye Thompson के कलम से


______________________________
मैंने ये गीत क्यों लिखा ?
मैं दिल्ली में अपने शिष्याश्रम पहुंचा, कुछ गांव के देहाती भाई लंबा ट्रैन का सफर करके आश्रम पहुंचे थे।

पर,रोटी बनाने वाली एक बहिन नहीं आयी, चिंतित होकर मैन फ़ोन लगाया, तो बोली, भैया जी मैं बहुत परेशान हूँ।

मेरी बहू (उम्र करीब 20 वर्ष) को भूत लग गए हैं। उसके अंदर से आदमी की आवाज़ में बात कर रहे हैं। और वो मार पीट कर रही है, गालियां दे रही है, कोई उसको काबू में नहीं कर पा रहा है। पड़ोसी और आसपास के लोग घर के बाहर जमा हो रहे हैं।

मैंने उससे कहा, इसका उपाय तो आसान है, 
मैंने तुम्हें प्रभु यीशु के बारे में, और उसके नाम की शक्ति के बारे में बताया था ।
तुम अपनी बहू के पास जाकर प्रभु यीशु के नाम से भूत प्रेत को आदेश दो की  वो निकल जाएं। लेकिन,
दोपहर को वो फिर नहीं आयी, और हमने रोटी खुद ही बना ली।
बहरहाल,
मैंने फ़ोन लगाकर पूछा , क्या हुआ बहन , क्या प्रार्थना करी थी?
उसने जवाब दिया, हाँ
जब प्रार्थना करी तो भूत तो नहीं भागे, लेकिन बहू घर से निकलकर भागने लगी, 
और लोग बड़ी मुश्किल से उसे पकड़कर वापस लाये हैं।
उसी दिन शाम को हम भाई मिलकर इंडिया गेट के पास राजपथ पर चल रहे थे।
एक देहात से आये भाई ने सवाल किया -
शिष्य जी, आप ने पहले बताया था कि इन सास और बहू  के बीच में बहुत झगड़ा हुआ करता था, और इस लड़की ने हमारे आश्रम में सेवा करने वाली बहिन को बहुत सताया था, गालियां दी थीं, तो क्या इस ने अपनी सास से माफी मांग ली है?
मैंने जवाब दिया, इस लड़की ने अभी तक अपनी सास से माफी नहीं मांगी है। इस पर भाई ने कहा, 
तो आओ फिर हम लोग ही उस लड़की की तरफ से परमेश्वर से क्षमा मांग लेते हैं। तब हम पांचों भाइयों ने रास्ते के किनारे खड़े होकर प्रभु से प्रार्थना करी, और कहा हे प्रभु इस लड़की के गुनाह हम पर डाल दीजिए,उसकी तरफ से उसके बदले हम पापों की क्षमा मांगते हैं, उस पर दया करो, क्षमा करो, मुक्त करो'।
दूसरे दिन जब सुबह बहन खुशी  से आश्रम आ गयी
तो मैंने सवाल किया, क्या है तुम्हारी बहू का हाल ?
उसने जवाब दिया,
अचानक कल शाम को उसके अंदर से भूत प्रेत बोले , "हम निकल कर जा रहे हैं" करीब शाम के 6 बजे
(ये वही समय था, जब हम मिलकर प्रभु से प्रार्थना कर रहे थे, उसके पापों को अपने ऊपर लेकर क्षमा याचना कर रहे थे।)
मैंने उसी दिन ये गीत लिखा - 
सबसे ऊंचा सबसे प्यारा यीशु का  वो नाम रे, 
स्वर्ग लोक संसार में, अधोलोक पाताल में"
भीड़ के कारण उसे खाट समेत बीच में यीशु के साम्हने उतार  दिया।
उस ने उन का विश्वास देखकर उस से कहा; हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए"
लूका 5:19-21 आज सवाल है,
दूसरों के बदले, उनकी मुक्ति के लिए क्या आप प्रभु के सामने प्रार्थना में घुटनों पर आने को तैयार हैं ?

----गीत - 
सबसे ऊंचा सबसे प्यारा यीशु का वो नाम रे, 
स्वर्ग लोक संसार में, अधोलोक पाताल में,
भूत प्रेत सब थर थर कापें सुन यीशु का नाम रे,
सब घबराएं डर डर भागें, यीशु के शुभ नाम से - 2
सबसे ऊंचा...
राजे- राज और सब नर नारी, महिमा उसकी जान के,
चरण कमल पर  सब रख जाएँ, हर वैभव और शान रे - 2
सबसे ऊंचा...
यीशु नाम जय ख्रिस्त नाम, राजाधिराज वो नाम रे, 
पाप हरण सब जीवन पाएं, यीशु के बलिदान से,
सबसे ऊंचा...

Tuesday, 23 October 2018

एक पंडित प्रभु यीशु के पास आया, एक सवाल पूछता है BY भाई Shishye Thompson के कलम से

पर मैं,पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को" (कविता) एक पंडित प्रभु यीशु के पास आया, एक सवाल पूछता है (परीक्षा लेने के लिए) 
अनंत जीवन का वारिस होने के लिए मैं क्या करूँ ?( वैसे सवाल भी गलत है क्योंकि मनुष्य  ऐसा कोई कर्म नहीं कर सकता जिससे वह मुक्ति हासिल करे ) प्रभु यीशु ने सवाल पर सवाल किया कि लिखा क्या है? उसने कहा परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख और  अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख (लूका 10:27 ) आगे पंडित ने फिर सवाल किया - ये मेरा पड़ोसी कौन है ?
प्रभ यीशु ने जवाब में एक सामरी राहगीर का ज़िक्र किया जिसने एक यहूदी, जिसे डाकुओं ने लूटकर अधमरा छोड़ दिया था, उसकी मदद करी थी ।
उसने - ज़ख्मो की मरहम पट्टी की - अपने गधे पर बैठाया- सराय में लेकर गया
- देखभाल करने के लिए दो दीनार अडवांस देकर गया
  कहा में लौटकर आऊंगा,और जो पैसा बनेगा, में  वो भी चुकाऊंगा, बस इसका ख़याल करना।
इस कहानी का सार- परमेश्वर जीवन चाहता है, ज्ञान नहीं"
कविता
"पर मैं, पहचान ही न पाया पड़ोसी को"

मैं पहचान नहीं पाया अपने आप को
जान नहीं पाया हार को
स्वार्थ का, शरीर का बस एक कैदी था, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

सही हूँ, मैं साबित करूँ सबको 
अन्याय सही, पर दिलासा देउँ खुदको 
हार अपनी  ही लिखता रहा, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

दोष  देता रहा, उन लोगों को
घरवालों, पड़ोसी और सरकार को 
लकीरें हाँथ की तो खींचता  रहा, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

बस मुझे करना क्या है, बता दो 
पहुंच जाऊंगा, पा लूंगा रास्ता वो
स्वर्ग राज्य का, कहते हैं जिसे वो, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

हृदय, मन या शक्ति हो
कर सकता हूँ प्रेम, परमेश्वर को
लेकिन यहां तो है वही तस्वीर उसकी, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

मारा कूटा, लुटा अधमुआ पड़ा जो 
अनजान, दलित,अछूत ही था वो
कहीं वो ही तो न था, अभागा
पर मैं पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

करता होगा इंतज़ार मेरा, हाँ वहीं वो 
दूर बढ़ गया हूँ तेज चलता  था मैं तो
जाने किधर आ गया हूँ खो गया हूँ, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

पूछता तो फिर भी  है, आज हम सब से वो
कौन है तुम्हारा पड़ोसी वो
क्या नही कंगाल, कुचला और लाचार, 
पर मैं, पहचान ही न पाया उस पड़ोसी को 

आज सवाल है
क्या अपने पड़ोसी को पहचान रहे हो ?
भाई  Shishye Thompson के कलम से 

यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
 The LORD is my light and my salvation; whom shall I fear? the LORD is the strength of my life; of whom shall I be afraid?
 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े॥
 When the wicked, even mine enemies and my foes, came upon me to eat up my flesh, they stumbled and fell.
 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा॥
 Though an host should encamp against me, my heart shall not fear: though war should rise against me, in this will I be confident.
 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं॥
 One thing have I desired of the LORD, that will I seek after; that I may dwell in the house of the LORD all the days of my life, to behold the beauty of the LORD, and to enquire in his temple.
 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
 For in the time of trouble he shall hide me in his pavilion: in the secret of his tabernacle shall he hide me; he shall set me up upon a rock.
 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा॥
 And now shall mine head be lifted up above mine enemies round about me: therefore will I offer in his tabernacle sacrifices of joy; I will sing, yea, I will sing praises unto the LORD.