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Sunday, 22 March 2020

दूसरी वाणी जिसे यीशु ने क्रूस कही | Second voice: what Jesus called the cross |मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होग

दूसरी वाणी : जिसे यीशु ने क्रूस कही

लूका 23:43 "यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥

यीशु ने किससे और क्यों कहा: आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ?
    बाइबिल हमे यह बताती है कि यीशु के साथ दो डाकू और क्रूस पर लटकाये गए थे । एक यीशु के दाहिनी ओर एक बाई ओर ।  जिस का वर्णन बाइबिल में इस प्रकार से है :
लुक 23:39-43 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की (यीशु ) निन्दा करके कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा। इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है। और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया।  तब उस ने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।
तब यीशु ने कहा :
लुक 23:43 यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥

      उपरोक्त वचन के अनुसार एक डाकू ने यीशु पर विश्वाश किया कि यीशु परमेश्वर है और दूसरे डाकू ने विश्वाश नही किया ।
जिसने विशवास किया ,उससे यीशु ने कहा : तू आज ही मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ।

   प्रियो, इस वाणी से हमे यह शिक्षा मिलती है :
1. यीशु पर विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है ।
2. उस डाकू के समान अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार करना है ।
       प्रियो,  बाइबिल में यीशु मसीह ने कई उपदेश दिए विश्वास पर । जैसे यीशु ने कहा :

यूहन्ना 3:18,19 जो उस (यीशु) पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।  और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे। " एक ओर वचन को पढ़े  जो मिलता है :

इब्रानियों 11:6" और विश्वास बिना उसे  प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। " एक ओर वचन पड़ेंगे जो मिलता :

यूहन्ना 3:13,14" और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र ( यीशु ) भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए। ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए॥  "

       अर्थात अनंत जीवन ,स्वर्गीय जीवन पाने के लिए यीशु पर विश्वास करना जरूरी है । एक और वचन पढे जो मिलता है :

यूहन्ना 3:36 " जो पुत्र (यीशु ) पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र (यीशु ) की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥
   
      यदि यीशु पर विश्वास नही करते है तो परमेश्वर के क्रोध का सामना करना होगा । अर्थात नरक में डाला जाना ।एक ओर वचन को पढ़े जो मिलता है :

प्रिरितो के काम 16:30-31 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।

    प्रियो, यदि आप पापों से उद्धार पाना चाहते है  और स्वर्गीय आशीष को, अनन्त जीवन को पाना चाहते है , तो यीशु मसीह पर विश्वास करना होगा कि वह परमेश्वर का पुत्र है और हमे हमारे पापों से उद्धार देने इस जगत में आया । और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए क्रूस पर बलिदान हुआ ।
   
प्रियो, जैसे उस डाकू ने  यीशु पर विश्वास  किया कि  यीशु परमेश्वर का पुत्र है और अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार किया । तो यीशु ने उससे कहा : आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा ।

विश्वास के लिये दो बातें जरूरी है । जैसा परमेश्वर का वचन कहता :

रोमियो 10:10" क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।

एक और वचन की ओर आपका ध्यान ले जाना चाहती हूं :

1 यूहन्ना 1:9,10 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह (यीशु ) हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है॥

प्रियो, जैसे एक डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार कर  स्वर्गीय राज्य को पाया । लेकिन दूसरे डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे काबुल न कर स्वर्गीय आशीष को खो दिया । वैसे ही आज बहुत से लोग अपने पापों में बने  हुए है और परमेश्वर की दया को ठुकरा रहे है ये बहुत ही दुख की बात है । ये वाणी उन्हें फिर से परमेश्वर की दया को याद दिला रही है कि वे पापों से मन फिराए ओर परमेश्वर की दया को प्राप्त करे ।

      उपरोक्त वचनों को जानने के बाद यदि आप यीशु पर विश्वास करते है और अपने पापों से उद्धार पाना चाहते है । और स्वर्गी राज्य में भागी होना चाहते है । और नरक के दंड से बचना चाहते है तो इसी वक़्त अपने अपने पापों को यीशु के आगे कबुल करे । मतलब अपने आप को यीशु के आगे सरेंडर करे। सरेंडर करने का मतलब। जैसे एक सैनिक दूसरे देश के बॉर्डर पर यदि दूसरे देश के सैनिकों से घिर जाए तो वह अपनी जान बचाने के लिए अपने आप को सरेंडर करता है अर्थात  वह अपनी बंदूक,बैग, और जो कुछ भी उसके पास होता है उसे जमीन पर फैक कर दोनों हाथों को ऊपर करता तब दूसरे देश के सैनिक उस पर गोली नही चलते । उसी प्रकार जितने अपने पापों को यीशु के आगे डाल देते है जितने पापों से मन फिरते है और  उसे अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते है । तब यीशु उनके पापों को क्षमा करेगा । और उनको  स्वर्गीय राज्य के लिए चुन लेगा । प्रियो ,इसी वक्त अपना जीवन प्रभु यीशु को दे । ताकि स्वर्गीय आशीष को पा सको ओर नरक के दंड से बच सको । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुत बहुत आशीष दे । आमीन

     

Friday, 24 January 2020

यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा हे लाज़र निकल आ

                                                         -यूहन्ना 11:43-44--
  यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, "हे लाज़र, निकल आ !
 जो मर गया था वह कफ़न से हाथ पाँव बँधे हुए निकल आया, और उसका मुँह अंगोछे से लिपटा हुआ था ! 
यीशु ने उससे कहा,"उसे खोल दो और जाने दो !"

   सभी भाई और बहनों को जय मसीह की   
 
आज हम देखते है कि, लाज़र जो मर गया था, जिसे मरे हुए चार दिन हो चुके थे ! 
लेकिन जब प्रभु यीशु मसीह ने बड़ी जोर से पुकारा, "हे लाज़र, निकल आ !" 
उसी वक्त वो मरा हुआ लाज़र कफ़न से हाथ-पेर् बँधा हुआ कब्र से बाहर निकल आया !
 सच में यह केवल प्रभु यीशु मसीह ही कर सकता है ! एक मुर्दे को जिन्दा करके उसे एक नयी जिन्दगी दे सकता है ! 
हम भी भाईयो और बहनों बहुत सारे रीति रिवाजों में बँधे हुए है ! लाज़र की तरह आज हमारे हाथ-पेर भी बहुत
 सारे बंधनों में बँधे है, आज हम भी लाज़र की तरह मुर्दा हालत में पड़े है !
 फर्क इतना है की हम शारीरिक तोर पर तो चल फ़िर रहे है पर आत्मिक तोर पर मर चुके है ! 
      ""हमने अपने पहले प्रेम को खो दिया है ! अपने वरदानों को गँवा चुके है ! आज हम भी एक कब्र की तरह 
अँधेरी जगह में दबे हुए है ! आज हमे भी प्रभु आत्मिक तोर पर जिन्दा करना चाहता है, जिस तरह प्रभु
 यीशु ने लाज़र को जोर से पुकारा हमे भी हर रोज़ पुकार रहा है ! जैसे लाज़र को कब्र से बाहर आने के
 लिये कहा आज हमे हमारे गुनाहों से, हमारे पापों से बाहर आने के लिये कह रहा है ! 
""""""""लेकिन लाज़र शारीरिक तोर मरा हुआ था फ़िर भी प्रभु की आवाज़ उसके कानो में पड़ी और 
जिंदा होकर कब्र से बाहर आया ! पर अफसोस हम शारीरिक तोर पर जिन्दा होकर भी प्रभु की आवाज़ 
नही सुनते, या फ़िर सुनकर भी अनसुनी करते है ! लेकिन आज हमे प्रभु की आवाज़ सुनने की ज़रूरत है ! 
अपने गुनाहों की कब्र छोड़कर गुनाहों से बाहर आने के ज़रूरत है ! आज हम लाज़र की मानिंद नया जीवन पाएँ !
 प्रभु यीशु मसीह बहुत जल्द आनेवाला है ! प्रभु हमे इस वचन से आशीष करे ! आमीन ! मसीह में आप का भाई


Wednesday, 13 March 2019

New Jerusalem Study Who will not enter new Jerusalem New Jerusalem under construction in heaven

नये यरूशलेम का अध्ययन
         स्वर्ग में निर्माणाधीन नया यरूशलेम
मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।  यूहन्ना 14: 2-3
प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए रहने की जगह तैयार कर रहे हैं जब हमारे रहने का स्थान तैयार हो जाएगा । तब वे हमें लेने आएंगे । मसीह की दुल्हन व उसका निवास स्थान अर्थात नया यरूशलेम दुल्हन सहित नई पृथ्वी पर उतरेगा । (प्रा वा. 21: 1-2 )2 पतरस 3: 7, 10-13 के अनुसार वर्तमान पृथ्वी और आकाश जलाए जाने के लिए रखे गए है । क्योंकि शैतान ओर उसके और उसके दूतो ने वर्त्तमान पृथ्वी और आकाश को अपने धृणीत कामो और विचरण से अपवित्र कर दिया है । परमेश्वर की आग तत्वों को पिघलाकर उन्हें नया रूप देगी पृथ्वी पर समुद्र भी नहीं रहेगा और इस प्रकार वर्तमान पृथ्वी और आकाश नए आकाश और पृथ्वी में तब्दील हो जायेगे । पृथ्वी  और आकाश को बदल कर नये व पवित्र स्वरूप में होने के बाद पृथ्वी पर नया यरूशलेम उतरेगा ।
नया यरूशलेम कैसा होगा ?
(1) उसका नाम क्या होगा ।
(1) पवित्र नगर ( प्र.वा.21:2, 22:19)
(2) नया यरूशलेम (  प्र.वा. 3:12, 21:2)
(3) परमेस्वर का डेरा (  प्र.वा. 21 :2, 9,19 )
(4) दुल्हन मेमने की पत्नी (  प्र.वा. 21:2,9,19 )
(5) पवित्र यरूशलेम (  प्र.वा. 21:10)
(6) स्वर्गीय यरूशलेम (इबा : 12:2 )
(7) पिता का घर ( यूहन्ना 14:2)
(2) नये यरूशलेम के बनाने वाले-
परमेश्वर व प्रभु मसीह (  प्र.वा.3: 12, 21:1, 10
यूहन्ना 14:1-3, कुलु 4:26, इब्रा 9:11, 11: 10-16)
(3) नये यरूशलेम का बाहरी स्वरूप-
1) परमेश्वर की महिमा उसमे होगी ।
2) उसकी ज्योति प्रकाश बिल्लौर के समान और यशब की तरह स्वच्छ होगी ।
3) उसकी शहर पनाह बहुत उची होगी।
4) उसके बाहर फाटक होंगे जिन पर 12 स्वर्गदुत होंगे । और इस फाटकों पर इसाइल के 12 गोत्रो का नाम होंगे।
5) पूर्व, पश्चिम, उत्तर , दक्षिण , में 3-3 फाटक होंगे।
6) शहर पनाह की 12 निवे होगी जिन पर मेम्ने (प्रभु यीशु) के 12 प्रेरितो के नाम होंगे ( प्रा.वा. 21:11-14)
(4) नये यरूशलेम का आकार व माप -
1) नगर  वर्गाकार बसा हुआ होगा ।
2) नगर का माप साढे सात सौ कोस । इस नगर की ऊँचाई ,लाबाई और चौडाई एक बराबर होगी अर्थात 2400 कि. मी. लबा ऊँचा और चौडा नगर।
3) शहर पनाह का माप 144 हाथ ( लगभग 100 मीटर ऊँचा ) होगा ( प्रा. वा. 21:16-17)
(5) नये यरुशलेम की निर्माण सामग्री
1) शहरपनाह - यशब की
2) नगर - शुद्ध सोना ( स्वच्छ कांच के समान )
3) नगर की नीव - बहुमुल्य पत्थरो की ( 1. यशब 2) निलमणि 3) लालडी 4) मरकत 5) गोमेदक 6) पुखराज 7) लहसनिआ 8 ) याकूत की होगी।
4) 12 फाटक - मोतियों के
5) सड़क - स्वाच्छ कांच के सामान शुद्ध सोने की ( प्रा .वा. 21:18:21)
(6) नये यरुशलेम की प्रकाश व्यवस्था-
1) नगर में सूर्य और चाँद की उजियाला नही होगी।
2) परमेश्वर के तेज से उसमे उजियाला होगा व हो रहा है।
3) मेम्ना नगर का दीपक है।
4) उस नगर में रात कभी न होगी । ( प्रा. वा. 21:23, 25, 22: 5)
(7) नये यरुशलेम की जल व्यवस्था-
* उस नगर में बिल्लौर के सामान झलकती हुए जीवन के जल नदी है ।
 कोई भी आकर इस जल को पी सकेगा ( प्रा. वा. 221,17 )
(8) नये यरूसलेम की भोजन व्यवस्था- 
1) जीवन के वृक्ष में 12 प्रकार के फल लगेंगे जो हर माह फलेंगे । वृक्ष के पते जाती जाती के लोगो को चंगा करेगे( प्रा.वा. 22:2:7)
2) गुत्त मन्ना ( स्वर्गीय अन्न) स्वर्गदूतो का भोजन  ( प्रा.वा. 2:17) (भजन 78:24-25)
3)प्रभु भोज प्राप्त होगा ( लुका 22:15-18,30)
(9) नये यरुशलेम में कौन प्रवेश नहीं करेगा।
1. डरपोक 2. अविश्वासियों 3. घिनौनो 4. हत्यारो 5. व्यभिचारी 6. टोन्हों जादूगरों तांत्रिक 7. अपवित्र 8. घृणित काम करने वाले 10. झूठे झूठ को चाहने वाले और गठने वाले (  ( प्रा.वा. 21:8, 27, 22, 15 )
(10) नये यरूशलेम में कौन रहेंगे -
1) पुराने नियम के पवित्र लोगो से नये यरूशलेम की प्रतिज्ञा की गई थी ( इब्रा 11:8-16 )
2) आरभीभक कलीसिया से नगर की प्रतिज्ञा की गई थी ( यूहन्ना 14:1-3 , इब्रा 12:22-23)
3) प्रत्येक मसीही से नगर की प्रतिज्ञा है ( प्रा. वा. 3:12 यूहन्ना 14:1-3
4) वहां 144000 यहूदी होंगे । (  ( प्रा.वा. 6:9-11, 7:9-17 ,15:2-4 ,20:4-6
(11) नये यरूशलेम के शासक 
परमेश्वर और मेम्ना (  ( प्रा.वा. 22: 3-5) है व होंगे।
प्रियो स्वर्ग असीमित है उसका आकार व्यापक है जिसका हमे ज्ञान नही है। परमेश्वर जी जो कि आत्मा है और हर जगह व्याप्त है स्वर्ग , अंतरीक्ष,प्रथ्वी, नरक,अधोलोक ,सूर्य ,ग्रह ,नक्षत्र, तारे हर एक स्थान पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर मौजूद है हम हर जगह उसके देखने मे आते है हम उससे बच नही सकते ।
प्रभु परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारे निवास के लिए स्वर्ग के किसी हिस्से में नये यरुशलेम में स्थान तैयार किया जा रहा है और स्थान का निर्माण कार्य पूरा होते ही वे हमें लेने आएगे ।
स्वर्ग औऱ नये यरुशलेम मव यही फर्क है मानो स्वर्ग 1000 एकड़ की जमीन है और उस नया यरूशलेम 20 × 50 वर्गफीट का मकान ।।




Thursday, 28 February 2019

Happy Palm Sunday पाम संडे क्या होता है ?

पाम संडे क्या होता है ?
 आये हम जानते है पाम संडे क्या होता है?

पाम संडे यानी खजूर रविवार को ईसाई धर्म के अनुयाइयों के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार मनाया गया। 
इस दिन को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। 
इस बार 28 March  को पाम संडे मनाया गया।
पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशू जब यरुशलम पहुँचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियाँ अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे। लोगों ने प्रभु यीशू की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। यह बात करीब दो हजार वर्ष पहले की बताई जाती है। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है।
इसे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है।  पाम संडे दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इसे पैसन संडे भी कहा जाता है।
इस मौके पर चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं। इसमें बाइबल का पाठ, प्रवचन और मीसा का आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही एक विशेष आयोजन के साथ शाम को विशेष चल समारोह निकाला जाएगा। ईसाई समाज पाम संडे के दिन प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर इस दिन का स्वागत करते हैं। वे हाथों में खजूर की डालियाँ लेकर प्रभु के आने की खुशी में गीत गाएँगे। रविवार से गिरिजाघरों में शुरू हुई प्रभु आराधना एवं भक्ति का सिलसिला ईस्टर तक जारी रहेगा।
मसीही मंदिरों में विशेष प्रार्थना होगी। 
 इसमें झाँकी सजाकर प्रभु के जीवन को दर्शाया जाएगा।



Tuesday, 19 February 2019

GOOD FRIDAY SPECIAL गुड फ्रायडे के दिन प्रभु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था।

गुड फ्रायडे के दिन "प्रभु ईसा मसीह
        को सूली पर चढ़ाया गया था। 

सूली पर चढ़ते वक्त प्रभु ने सात वाणियां कहीं थीं जो अमर हो गईं।

___  पहली वाणी- ___
हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।" लूका 23:34

___  दूसरी वाणी-  ___
आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।" लूका 23:42,43

___ तीसरी वाणी- ___
"हे नारी! देख यह तेरा पुत्र है।" यहुन्ना 19:25 - 26

 ___  चौथी वाणी-  ___
"हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया।"  मत्ती 27:45,46

___ पांचवी वाणी-  ___
"मैं प्यासा हूं।" यहुन्ना 19:28,29

___ छठी वाणी- ___
"पूरा हुआ।" यहुन्ना 19:30

___  सातवीं वाणी- ___
हे पिता! मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।" लूका



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Easter Special पुर्नरुत्थान शब्द का अर्थ है फिर से जी उठना संसार के इतिहास में वह सबसे अद्भुत घटना हुई जब यीशु मसीह तीन दिनों तक मृतक रहने के बाद कब्र से बाहर निकल आये।

पुर्नरुत्थान शब्द का अर्थ है फिर से जी उठना
     मेरे प्यारे भाई  बहन पास्टर प्रचारक और युवा मित्र साथियों आप सभी को प्रभु यीशु 
मसीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की कहता हूँ  


 संसार के इतिहास में वह सबसे अद्भुत घटना हुई जब यीशु मसीह तीन दिनों तक 
मृतक रहने के बाद कब्र से बाहर निकल आये।
जब उसके शिष्यो ने उसे देखा तो उन्हें अपनी आखों पर विश्वास नहीं हुआ।
 उन्होंने सोचा कि वह एक आत्मा है परन्तु यीशु ने उनसे कहा,

 मेरे हाथ और मेरे पाँव को देखो कि मैं वही हूँ। मुझे छूकर देखो, क्‍योंकि आत्मा के
 हड्डी माँस नहीं होता जैसा मुझ में देखते हो।
      यह कहकर उसने उन्‍हें अपने हाथ पाँव दिखाए। जब आनन्‍द के मारे उनको प्रतीति न हुई
और वे आश्‍चर्य करते थे, तो उसने उनसे पूछा, “क्‍या यहाँ तुम्हारे पास कुछ भोजन है?
      उन्‍होंने उसे भूनी हुई मछली का टुकड़ा दिया।
 उसने लेकर उनके सामने खाया।’ (लूका 24:39-43)
अन्त में उन्हें विश्‍वास हो गया कि वह सचमुच में फिर से जीवित हो गया था। 
परमेश्वर ने उन्‍हें अनन्‍त जीवन दे दिया। प्रकाशितवाक्य में यीशु कहते है कि ‘देख, मैं
 युगानुयुग जीवता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 1:18)

   यीशु उसके पीछे चलनेवालों को जी उठाएगा
यीशु ने अपने शिष्‍यों को सिखाया कि वे भी मृतकों में से जी उठा दिये जायेंगे। फिर 
से ऊपर बताए पद को पूरा पढ़िये।यीशु ने कहा,
मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीवता हूँ और मृत्यु और अधोलोक 
की कुंजियाँ मेरे ही पास हैं।’ (प्रकाशित्वाक्य 1:18)

 अत: यदि आपके पास किसी दरवाजे की कुंजी (चाबी) है तो इसका मतलब है कि आप 
उस दरवाजे को खोल सकते है। यीशु के पास अधोलोक की कुंजियाँ है। दूसरे शब्दों में इसका 
मतलब है कि यीशु के पास वह सामर्थ है कि वे कब्रों को खोलकर जो उसमें गड़े (सोए) हैं उन्हें स्वतत्र कर सकते है। यह सामर्थ उसे परमेश्वर द्वारा दी गई है। यूहन्ना रचित सुसमाचार 5:20-29 पदों को पढ़िये।
 विशेष रूप से 21 पद पर ध्यान दीजिये जो कहता है कि

   जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है वैसा ही पुत्र भी
 जिन्‍हें चाहता है उन्‍हें जिलाता है। (यूहन्ना 5:21)
   जीवन देने के लिए परमेश्वर ने यीशु को मनुष्‍यों को फिर से जिलाने की सामर्थ दी है।

    सब विश्वासियों की एक आशा
सब युगों में परमेश्वर के जन उस दिन की प्रतीक्षा करते हुए मर गए जब वे फिर से जिन्दा उठा लिए जायेगें। 
     कुछ के बारे में इब्रानियों का लेखक बताता है कि,
‘विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएँ नही पाईं, पर उन्हें दूर से देखकर आनन्दित हुए।’ (इब्रानियों 11:13)

   आगे फिर वह इन लोगों के विषय में बताते है कि इन्‍हें,
‘प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तु न मिली। क्‍योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहले से एक उत्तम बात ठहराई
 कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुँचे।’ (इब्रानियों 11:39-40)
हम इस पद में देखते है कि अनन्त जीवन का दान परमेश्वर के सब सच्चे भक्तों को एक ही समय दिया जायेगा। पहले विश्‍वासी लोग भी इस समय की प्रतीक्षा में थे। जब पहले विश्‍वासियों में से किसी की मृत्यु होती थी तो वे कहते थे कि वह सो गया है क्योंकि जिस तरह नींद के बाद मनुष्य जाग जाते हैं, उसी तरह शिष्य भी मृतकों में से जिन्दा कर दिये जायेंगे। 1 कुरिन्थियों के 15 

     अध्याय में जिसे आप पढ़ चुके है; पौलुस ऐसे 500 विश्‍वासियों के विषय में बताते है जिन्होंने यीशु को उनके पुर्नरुत्थान के पश्चात देखा था उनमें से कुछ के बारे में कहते है कि, ‘कुछ सो गए’। (1 कुरिन्थियों 15:6)
पुर्नरुत्थान कब होगा?
इस बात को लगभग 2016 वर्ष बीत गये है जब प्रभु यीशु मसीह का पुर्नरूत्‍थान हुआ।
जो लोग विश्‍वास में मर गये है उनको यीशु कब जिलायेंगे?

      प्रेरित पौलुस इस प्रश्‍न का उत्‍तर हमें देते है।1 कुरिन्थियों 15 अध्‍याय में वह कहता है कि,
‘जैसे आदम में सब मरते हैं, वैसे ही मसीह में सब जिलाए जाएँगे, परन्‍तु हर एक अपनी अपनी बारी से: पहला फल मसीह, फिर मसीह के आने पर उसके लोग।’ (1 कुरिन्थियों 15:22-23)
  
      हम देख चुके हैं कि यीशु मसीह परमेश्वर का राज्य स्थापित करने और पूरी पृथ्वी पर राज्य करने के लिये वापिस आ रहे है। जब प्रभु यीशु यह राज्‍य स्‍थापित करेंगे तो वे मरे हुओं को उठायेंगे। तब वे जो विश्वासी हैं उन्हें अनन्त जीवन दिया जाएगा और यीशु के साथ पृथ्वी पर राज्य करने में सहायता करने के विशेष अधिकार का आनन्द उठाएंगे जैसे हम प्रकाशितवाक्य 5:9-10 में पढ़ते हैं। यहां हम उस दिन गाये जाने वाले एक गीत के शब्दों को पढ़ते हैं,

   ‘तूने वध होकर अपने लहू से हर एक कुल और भाषा और लोग और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है, और उन्‍हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।’ (प्रकाशितवाक्य 5:9-10)


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