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Sunday, 16 August 2020

Everyone gets time to change life, but life does not get to change time

वक़्त सबको मिलता है, जिंदगी बदलने के लिए, 
पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिए*। 
इस संसार के सदृश्य न बनो, परंतु तुम्हारे मन के नये हो जाने से तुम्हारा चाल चलन भी बदलता जाये
 जिससे तुम परमेश्वर की भली और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। रोमियो 12:2, 
 क्योंकि वह, अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है,
 हमारी दीन हीन देह का रूप बदलकर , अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा। फिलि 3:21,
 इसलिए अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा। कुलु 4:5.

  *किसी को खोकर ही उसकी कीमत समझ में आती है, चाहे वह रिश्ता हो या कोई वस्तु,
 इसलिए वक़्त रहते उसकी कद्र जरूर करें, क्योंकि वक़्त निकल गया तो सिर्फ पछतावा ही बचता है।*

 वह तुच्छ जाना जाता, और मनुष्यों का त्यागा हुआ था, वह दुःखी पुरूष था, रोग से उसकी जान
 पहिचान थी, और लोग उससे मुँह फेर लेते थे, वह तुच्छ जाना गया, और हमने उसका मूल्य 
न जाना। यशा 53:3, और जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि
 अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है कि मसीह जो महिमा 
की आशा है, तुम में रहता है।कुलु 1:27, लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन 
मुझसे दूर रहता है। मत्ती 15:8 ,किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों
 में और कोई दूसरा  नाम नहीं दिया गया है, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें। प्रेरितों के काम 4:12.


भोर की प्रार्थनाओं का क्या महत्व होता हैं.....?*

1) भोर की प्रार्थना अतिआवश्यक होती हैं, क्योंकि प्रार्थना के द्वारा सैतान से मुलाक़ात करने से पहले आप अपने प्रभु से मुलाक़ात करतें हैं l 
2  आपकी जिन्दगी की परिस्थितियों से भेंट होने से पूर्व आपकी मुलाकात आपके परमेश्वर से हो जाती हैं l 

3) बहुत से लोगों से बातचीत करने से पहले आप अपने प्रभु से बातें करतें हो l  

4) अन्य लोगों के संग संगती करने से पहले आप अपने प्रभु के साथ संगती करते हो l  

5)  संसार की कोई भी ताज़ा ख़बर सुनने से पहले आप स्वर्गीय  ख़बर को प्राप्त कर लेते हैं l 

6) लोगो के सामने बैठने से पहले आप अपने प्रभु के सामने बैठते हो l 

7) इससे पहले की आपको किसी मनुष्ये के सामने घुटने झुकाने पड़ें, आप अपने प्रभु के सामने घुटनों पर आ जाते हो l  

8) प्रार्थना के द्वारा किसी भी मनुष्य को आदर सम्मान देने से पहले आप अपने प्रभु को आदर सम्मान देतें हो l 

9)  प्रार्थना के द्वारा आप किसी भी मनुष्य की उपस्थिति में जाने से पहले आप अपने प्रभु की उपस्थिति में जाते  हैं l 

10) प्रार्थना के द्वारा आप अपने शरीर को भोजन देने से पहले अपनी आत्मा को भोजन देते हैं l 

11) और अन्य छोटे-छोटे नामों को लेने से पहले प्रार्थना के द्वारा यीशुवा को पुकारते हो l 

12) इससे पहले की आप अपने आपको आईने  में देखें  प्रार्थना के द्वारा आप अपने प्रभु यीशुवा को देखते हो l 

13) प्रार्थना के द्वारा आप अपने घर आँगन की सफाई करने से पहले अपने हृदय को साफ़ करते हो l 

अतः प्रियों, भोर को उठकर अपने मुखों को खोलें और प्रभु के संग संगती करें!!!!!!!!!

प्रार्थना एक बहुत ही प्रभावशाली हथियार हैं, एक वो हथियार जो आपके हाथों में हैं l  आपके मुख में सामर्थ हैं, जाग उठों, और अपने आपको शशक्त करने के लिए इस समर्थ का उपयोग करें!!!!!!

प्रभु आपको बहुतायत से आशीषें दें!


Thursday, 28 February 2019

क्या आपके शाप आपके जीवन को उन्नति करने मे बाधा डालता है

प्रभु यीशु के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की
जरा इन    वचनो को ध्यान से पढे 

       " मै ने तुम्हारे जुए को तोड डाला है  और तुम को सीधा करके चलाया है ।" ( लैव्यव्यवस्था  26 :13 )

  क्या आपके शाप आपके जीवन को उन्नति करने मे बाधा डालता है  ?  क्या आपके आत्मिकजीवन के अगले स्तर को बढने के दासत्व मे बंधे पडे है  ? प्रभु जो आपके जुए और बंधनो को तितर बितर कर देगा और आपको जयवंत करेगा । 

   क्या आप परेशान होकर यह कह रहे हैं,  "मैं जीवन में सफल नही हो पाऊंगा /पाऊँगी;  मैं अपने जीवन में उन्नति करने में असमर्थ हूं; मेरे अच्छे कमाने के बावजूद खर्च करने या बचाने के लिए मेरे पास पैसे नही है ...मुझे अपने व्यापार में पैसे डालने के लिए पैसे नहीं है  ?"

      सर्वशक्तिमान प्रभु कहता है,  "मेरे प्रियो बेटे / बेटी मैं तुम्हारा प्रभु हूं जो तुम्हारे जुए को तोडता हूं । तुम्हे अपनी तरफ से कोशिश करने की जरूरत नही है, यह सोचकर कि अपनी तरफ से चीजो को प्राप्त कर कर सकूंगा /सकूंगी । मै तुम्हारे लिए सब कुछ पूरा करूंगा" 
         शायद आप एक निराशाजनक स्थिति में है । आपके रिश्तेदार आपके बारे मे यह कहते होंगे, कोई भी इसके जीवन को ठीक नही कर सकता । जिन लोगों पर आपने भोरोसा रखा था वे कहते होंगे,  "मै ने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की । मुझे माफ करना,  मै तुम्हारी मदद करने में असमर्थ हूं । आपके लिए एक आशा है । यह प्रभु यीशु है । स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार उसे दिया गया है ।" ( मत्ती  28 :18 )वह आपके बंधनो को तोड देगा और आपको छुटकारा देगा । 
       "प्रभु कहता है,  मैं तेरी मदद करूंगा । मैं कभी बदलता नहीं । प्रभु आपको आशीषित करेगा आपके बंधनो और दासत्व को तोड़ेगा और आपको छुटकारा देगा ।"  ( यशायाह  10 :27 ;  2 कुरिन्थियों  3 :17 )
     मेरे प्रियजनो, आज प्रभु को अपना ह्दय खोलें जिससे कि वह आपके जीवन की एक गुलाब की तरह प्रफुल्लित करे और सूसन के फूलो की तरह फूलेगा । अपने जीवन को उसके हाथो मे दे दें । तब यह  महिना  आपके लिए एक आशीषित महिना होगा । 

प्रभु आप सभी को इस वचन के द्वारा आशीष देवे
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सचेत हो और जागते रहो क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है

सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है
 कि किस को फाड़ खाए।
 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं
 ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
(1 पतरस 5:8,9)

"शैतान को अवसर न दो "
( इफिसियो 4:27)
--------------------------
जब तक हम इस संसार में है तब तक सदैव् हमे शैतान के प्रति सतर्क रहना होगा! शैतान परमेश्वर की आशीषो को चुराने का तथा हमे छुटकारे के लाभों से वचिंत रखने का प्रयास करेगा,ताकि हम सदैव चिंतित बने रहे, अन्य क्षेत्रो में नाश होने , बीमारियों के द्रारा हमारे शरीर को नाश करने , निर्धनता में डालने , परमेश्वर के कार्यों को करने से रोकने , पाप के द्रारा हमारे परिवारों को नाश करने अथवा हमारे विरोध में सताव भेजने का प्रयास करेगा आदि आदि!!!!!!

शैतन इन झेत्रो में से क्यों भी झेत्र चुने लेकिन हमे!!!!  हेलो!!!
लेकिन हमे---

विशवास "TRUST "में द्ढ होकर उसको झिडकना( भगाना ) है !
हमे अपने जीवन में शैतन को एक भी अवसर नही देना चाहिए!
भयभीत होने के बजाये हमे परमेश्वर और उसके वचनों में स्थिर रहना चाहिए !
लोगो के प्रति क्रोधित और कडवे होने के बजाए हमे परमेश्वर के वचन का दावा करना चाहिए !
हमे आत्मा की तलवार से , जो आपको मुख से बोला गया परमेश्वर का वचन है , शत्रु से युद्ध करना है!!

यहाँ एक ऐसा शत्रु है जहा बहुत से मसीही लोग गिर जाते है ! जैसे ही शत्रु उनके विरोध में आता है , वैसे ही वे वहँ से भाग जाते है! 
वे सोचते है की छुटकारे की आशीषो में चलना संभव नहीं है!
वे यह भी सोचते है की शायद परमेश्वर नाही चाहता की वे आशीष पाये ! इन सब बातो के बजाये हमे शत्रु को भगाना है और वस्तुओं का चुनाव करना है जिन्हें यीशु ने अपनी मृत्यु  के द्रारा हमे दिया है और तीसरे दिन जी उठा है !!!!!!!!!


Tuesday, 19 February 2019

अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले यीशु ने कहा कि इसलिए तुम जाओ सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिम्मा दो

मेरे प्यारे भाई और बहनो आप सभी को प्रभु यीशु मशीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की कहता हु 

अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले, यीशु ने कहा कि, "इसलिए तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिम्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी हैं, मानना सीखाओ। और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ" (मत्ती 28:19-20)। ये निर्देश स्पष्ट करते हैं कि कलीसिया को यीशु का चेला बनाने, और उन चेलों को बपतिस्मा देने के शब्दों को पूरा करने का दायित्व है। इन बातों को सभी जगहों पर ("सब जातियों") जब तक "जगत का अन्त" नहीं आ जाता किया जाना चाहिए। इसलिए, बपतिस्मा के अतिमहत्वपूर्ण होने का कोई और कारण नहीं, क्योंकि यीशु ने इसकी आज्ञा दी है।

बपतिस्मा की प्रथा कलीसिया की स्थापना से पहले की गई है। प्राचीन समय के यहूदी अन्य विश्वासों में से आए हुए लोगों को बपतिस्मा के द्वारा उनके "शुद्ध" स्वभाव के होने के चिन्ह के रूप में दर्शाते थे। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने बपतिस्मे का उपयोग न केवल अन्यजातियों के लिए, अपितु प्रत्येक लिए आवश्यक रूप से प्रभु के मार्ग की तैयारी के लिए किया, कि प्रत्येक व्यक्ति को बपतिस्मा लेना है क्योंकि प्रत्येक को पश्चाताप की आवश्यकता है। परन्तु फिर भी, यूहन्ना का बपतिस्मा, जो केवल पश्चाताप को ही दर्शाता है, वह वैसा ही नहीं है जैसा कि मसीही विश्वास वाला होता है, जो कि प्रेरितों के काम 18:26 और 19:1-7 में दिखाई देता है। मसीही बपतिस्मे की बहुत गहरी विशेषता है।

बपतिस्मा पिता, पुत्र और आत्मा के नाम से दिया जाता है – ये मिल कर एक "मसीही बपतिस्मा" को बनाते हैं। इस विधान के द्वारा एक व्यक्ति को कलीसिया की संगति में स्वीकार कर लिया जाता है। जब हम बचाए जाते हैं, तब हमारा "बपतिस्मा" मसीह की देह में आत्मा के द्वारा हो जाता है। 1 कुरिन्थियों 12:13 कहता है, "क्योंकि हम सब ने - क्या यहूदी हो क्या यूनानी, क्या दास हो क्या स्वतंत्र - एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिए बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया।" पानी के द्वारा दिया हुआ बपतिस्मा आत्मा के द्वारा दिए हुए बपतिस्मे का "पुन र्प्रदर्शन" है। 

मसीही बपतिस्मा एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा एक व्यक्ति विश्वास और शिष्यता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता है। पानी के बपतिस्मे में, एक व्यक्ति इन शब्दों को कहता है कि, "मैं यीशु में अपने विश्वास का अंगीकार करता हूँ; यीशु ने मेरे प्राणों को पाप से शुद्ध कर दिया है और मेरे पास अब पवित्रीकरण में चलने वाला नया जीवन है।" 

मसीही बपतिस्मा, शैली में, मसीह की मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने को दर्शाता है। ठीक इसी समय, यह पाप के लिए हमारी मृत्यु और मसीह में नए जीवन को प्रगट करता है। जब एक पापी प्रभु यीशु का अंगीकार करता है, तो वह पाप के लिए मर जाता है (रोमियों 6:11) और पूरी तरह से एक नए-जीवन के लिए जी उठता है (कुलुस्सियों 2:12)। पानी में डूब जाना पाप के लिए मृत्यु को प्रस्तुत करता है, और पानी में से बाहर निकलना शुद्ध, पवित्र जीवन को प्रगट करता है, जो उद्धार का अनुसरण करता है। रोमियों 6:4 इसे इस तरह से कहती है कि, "अत: उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।" 

सरल रूप से कहना, बपतिस्मा एक विश्वासी के आंतरिक जीवन में हुए परिवर्तन की बाहरी गवाही है। मसीही बपतिस्मा उद्धार के बाद प्रभु की आज्ञापालन करने का एक कार्य है; यद्यपि बपतिस्मा निकटता से उद्धार के साथ सम्बन्धित है, तौभी यह बचाए जाने के लिए एक शर्त नहीं है। बाइबल इस से सम्बन्धित घटनाओं के क्रम को बहुत से स्थानों पर दर्शाती है कि 1) पहले एक व्यक्ति प्रभु यीशु में विश्वास करता है और 2) फिर उसका बपतिस्मा होता है। इस क्रम को प्रेरितों के काम 2:1 में भी देखा जा सकता है, "अत: जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया" (प्रेरितों के काम 16:14-15 को भी देखें)।

यीशु मसीह में एक नए विश्वासी को शीघ्र अतिशीघ्र बपतिस्मा लेने की इच्छा को प्रगट कर देना चाहिए। प्रेरितों के काम 8 में फिलिप्पुस कूशी खोजे को "यीशु के शुभ-सन्देश के बारे" में बताता है, और जब "वे मार्ग में चलते चलते किसी जल की जगह पहुँचे, तब खोजे ने कहा, 'देख वहाँ जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक हैॽ" (आयतें 35-36)। ठीक वहीं, उन्होंने रथ को रोक लिया, और फिलिप्पुस ने उस व्यक्ति को बपतिस्मा दिया। 

मसीही बपतिस्मा एक विश्वासी की पहचान मसीह, मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने को दर्शाता है। जहाँ कहीं भी सुसमाचार का प्रचार किया जाता है, वहाँ पर लोगों को बपतिस्मा दिया जाना चाहिए।



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Saturday, 9 February 2019

इजेबल परमेश्वर के नबियों का विरोध करने वाली आत्मा है इस वचन को ध्यान से पढ़े यह वचन आपके लिए बहुत ही आशिष और छुटकारे का कारण बनेगा। आमीन

इस वचन को ध्यान से पढ़े यह वचन आपके लिए बहुत ही 
आशिष और छुटकारे का कारण बनेगा। आमीन

 ईज़ेबेल की आत्मा और इसके कुछ लक्षण :- 

1) भय - फेल हो जाने का भय , मृत्यु का भय किसी के दूर हो जाने का भय
भय किसी भी प्रकार हो सकता है, वचन कहता है कि भय का संबंध दंड से होता है।

2) प्रबल ईर्ष्या, गुस्सा , घमण्ड 
3) जादू टोना के द्वारा, मूर्ति पूजा 
4) अधिकार का गलत इस्तेमाल करना 
5) असुद्धता, कामुकता, व्यभिचार, बुरे विचारों का आना
6) परमेश्वर के दासों का विरोध करना

यह सिर्फ कुछ ही बातें यहां लिखी है, आप और भी लक्षणों का 
पता लगा सकते हैं वचन में से ध्यान से पढ़कर।

इजेबल परमेश्वर के नबियों का विरोध करने वाली आत्मा है और जितने भी लोग, भविष्यवाणी के क्षेत्र में इस्तेमाल होते हैं, उन सब पर इस आत्मा का अटैक हो सकता है, क्योंकि यह शुरू से ही परमेश्वर के नबियों की दुश्मन रही है, आपको इसकी युक्तियों का पता लगाना है, और इसे निकाल देना है, ईज़ेबेल की आत्मा ज्यादातर भावनायों के द्वारा भी कार्यन्वित होती है, प्राण के क्षेत्र में, और ज्यादातर महिलाओं के द्वारा, इसलिए यदि आप एक नबी के रूप में और नबूवत करनेवाले के रूप में बुलाये गयें हैं तो सावधानी पूर्वक अपनी बुलाहट को पूरा करें। आमीन।।

 प्रकाशित वाक्य 2:19-21
मैं तेरे कामों, और प्रेम, और विश्वास, और सेवा, और धीरज को जानता हूं, और यह भी कि तेरे पिछले काम पहिलों से बढ़ कर हैं।पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है।मैं ने उस को मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।
1 राजा 19:1-3
तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।

ईज़ेबेल कोई साधारण स्त्री नही थी, वह सिदोनियों के राजा एतबाल की बेटी थी, ईज़ेबेल के पिता ने इसको जन्म के समय से ही बाल देवता और अशेरा देवी के सामने अर्पित किया था, इसलिए शुरू से ही ईजेबेल में यह बुरी आत्मायों का वास था, इसलिए जैसे ही ईजेबेल का विवाह अहाब राजा से हुआ तभी से अहाब की दुष्टता इस्राएल में और भी बढ़ गई थी, और उसने अपनी पत्नी की बात मान कर बाल और अशेरा की आराधना की और इस्राएल से भी यह पाप करवाया, जिसके कारण परमेश्वर का क्रोध इस्राएल पर पडा था, वचन में लिखा है कि अहाब अपनी पत्नी के हाथों में बिक गया था, असल में रानी ईजेबेल के पास दूसरों को वश में करने की दुष्ट शक्तियां थी, इसलिए अहाब बुरी रीति से अपनी पत्नी के जाल में फंस गया था, (1 राजा 21:20)

ईजेबेल ने अपने अधिकार का गलत प्रयोग किया था
               और परमेश्वर के बहुत सारे नबियो को मरवा दिया था।

Saturday, 2 February 2019

YESHU NAMAK PANI ES PANI KO PIYO OR AMAR HO JAO Water named Jesus

यीशु नामक पानी 
    प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम मे आप सभी भाईओ बहनों पास्टर 
उपदेशक और युवा मित्र साथियों कॊ जय मसीह कई कहता हूँ 

आप लोगो ने बहुत पानी का नाम सुना होगा 
जो भिँय भिँय कार्यों मे काम आता हैं 

लेकीन मै आप सब कॊ एक येसे पानी का नाम बताऊँगा जिससे पी कर आप हमेशा
 के लिये अमर हो जायेंगे हमेशा के लिये जीवित रहेंगे.

      आप लोगो ने सुना होगा टीवी मे देखा होगा की अमृत पीने से मनुष्य जो हैं ओ अमर हो जाता हैं.
      पहली बात तो ये साच्च नहीँ हैं सही नहीँ हैं और मान लो सही भी हैं तो आप कॊ अमृत कहाँ मिलेगा ?

    हम पहले देख चुके हैं टीवी मे की लोग अमृत पाने के लिये क्या क्या करते हैं.
     काई काई  वर्ष पहाडो पर जा कर तपस्या करते हैं उपवास करते हैं कइओं सालो तक ,बली देते हैं
 अमृत कॊ पाने के लिये भीर भी कोई भरोसा नहीँ की उनको अमृत मील जायेगा.

लेकीन प्रियाओं आप सब कॊ ये करने की जरुर नहीँ हैं ना ही आप कॊ पहाडो पर जाना हैं 
और ना ही आप कॊ बली देना हैं और ना ही आप कॊ तपस्या करना हैं 

   तो करना क्या हैं 

 आप कॊ बस ये करना हैं की आप कॊ अपना जीवन यीशु कॊ देना हैं 
   उसके आज्ञा कॊ बनना हैं उसके कहे वचनों पर विश्वाश करना हैं उसके साथ
 पवित्रा के साथ जीवन बिताना हैं लोगो कॊ यीशु के बारे मे बताना हैं 
    
   भीर जब आप ये सब करेंगे तो यीशु आप कॊ पानी पिलायेंगे 
   ओ पानी का नाम हैं 
"यीशु नामक पानी" 
    जी हाँ  यीशु नामक पानी पीने से आपस अमर हो जायेंगे 
यीशु ने कहाँ हैं यूहन्ना 4 अध्याय के 14 पद मे  की 

परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक
 प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो
 अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

  जी मेरे प्रियाओं ओ एक सोता बन जायेगा और ओ 
अनन्त जीवन के लिये रहेगा आप के पास.

तो मेरे दोस्तो अपना जीवन प्रभु कॊ दीजिये अपने मुँह से कहते रहे जाहे जहाँ 
भी रहे क्योंकि प्रभु ने आप कॊ ओ जल दे दिये हैं तो आप उनका धन्यवाद इस प्रकार से करे.




धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद यीशु,
धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद यीशु,धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद
 यीशु,धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद यीशु, अनगिनत बार बोलते रहे


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Thursday, 31 January 2019

Lazare Ko Jivan Dan लाजर को जीवन दान jesus group

परमेश्वर की स्तुति हो।
             लाजर को जीवन दान
प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम में
 आप सभी को जय मसीह की कहता हूं

मरियम उस जगह पहुँची, जहाँ प्रभु यीशु मसीह  थे । 
उन्हे देखते ही वह उनके चरणों पर गिर पड़ी और बोली,  प्रभु !
  यदि आप यहाँ होते तो मेरा भाई नही मरता  " । 
प्रभु यीशु मसीह  उसे और उसके साथ आये हुए यहुदियों को रोते देखकर 
बहुत व्याकुल हो उठे और आह भर कर बोले तुम लोगो ने उसे कहाँ रखा है? 
उन्होंने कहा प्रभु  !  आइये और देखिए । 
प्रभु यीशु मसीह रो पड़े । इस पर यहुदियों ने कहा देखो! 
वै उसे कितना प्यार करते थे । 
कब्र के पास पहुंचने पर प्रभु यीशु मसीह फिर बहुत व्याकुल हो उठे । 
वह कब्र एक गुफा थी जिसके मुँह पर एक बडा पत्थर रखा हुआ था ।
प्रभु यीशु मसीह ने कहा  पत्थर हटा दो  । म्रितक की बहन मरथा ने उन से कहा प्रभु!
 अब तो दुर्गन्ध आती होगी आज चौथा दिन है प्रभु यीशु मसीह ने उसे उत्तर दिया
 क्या मैंने तुमसे यह नही कहा कि यदि तुम विश्वास करोगी तो परमेश्वर की महिमा देखोगी.
 हल्लिलुय्याह हल्लिलुय्याह आमीन आमीन आमीन
( यहुन्ना 11 : 32 - 40 )
प्रभु इस वचन के द्वारा आप सभी को आशीष देवे

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6} लोगो से शिकायते नही प्रभु से प्रार्थना कीजिये आप परिस्थितियों से आजाद हो जायेंगे


 क्योंकि व्यवस्था जिस में आने वाली अच्छी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब है, पर उन का असली स्वरूप नहीं, इसलिये उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा, जो प्रति वर्ष अचूक चढ़ाए जाते हैं, पास आने वालों को कदापि सिद्ध नहीं कर सकतीं।
 For the law having a shadow of good things to come, and not the very image of the things, can never with those sacrifices which they offered year by year continually make the comers thereunto perfect.
 नहीं तो उन का चढ़ाना बन्द क्यों न हो जाता? इसलिये कि जब सेवा करने वाले एक ही बार शुद्ध हो जाते, तो फिर उन का विवेक उन्हें पापी न ठहराता।
 For then would they not have ceased to be offered? because that the worshippers once purged should have had no more conscience of sins.
 परन्तु उन के द्वारा प्रति वर्ष पापों का स्मरण हुआ करता है।
 But in those sacrifices there is a remembrance again made of sins every year.
 क्योंकि अनहोना है, कि बैलों और बकरों का लोहू पापों को दूर करे।
 For it is not possible that the blood of bulls and of goats should take away sins.
 इसी कारण वह जगत में आते समय कहता है, कि बलिदान और भेंट तू ने न चाही, पर मेरे लिये एक देह तैयार किया।
 Wherefore when he cometh into the world, he saith, Sacrifice and offering thou wouldest not, but a body hast thou prepared me:
 होम-बलियों और पाप-बलियों से तू प्रसन्न नहीं हुआ।
 In burnt offerings and sacrifices for sin thou hast had no pleasure.
 तब मैं ने कहा, देख, मैं आ गया हूं, (पवित्र शास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है) ताकि हे परमेश्वर तेरी इच्छा पूरी करूं।
 Then said I, Lo, I come (in the volume of the book it is written of me,) to do thy will, O God.
 ऊपर तो वह कहता है, कि न तू ने बलिदान और भेंट और होम-बलियों और पाप-बलियों को चाहा, और न उन से प्रसन्न हुआ; यद्यपि ये बलिदान तो व्यवस्था के अनुसार चढ़ाए जाते हैं।
 Above when he said, Sacrifice and offering and burnt offerings and offering for sin thou wouldest not, neither hadst pleasure therein; which are offered by the law;
 फिर यह भी कहता है, कि देख, मैं आ गया हूं, ताकि तेरी इच्छा पूरी करूं; निदान वह पहिले को उठा देता है, ताकि दूसरे को नियुक्त करे।
Then said he, Lo, I come to do thy will, O God. He taketh away the first, that he may establish the second.
 उसी इच्छा से हम यीशु मसीह की देह के एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा पवित्र किए गए हैं।
 By the which will we are sanctified through the offering of the body of Jesus Christ once for all.
 और हर एक याजक तो खड़े होकर प्रति दिन सेवा करता है, और एक ही प्रकार के बलिदान को जो पापों को कभी भी दूर नहीं कर सकते; बार बार चढ़ाता है।
 And every priest standeth daily ministering and offering oftentimes the same sacrifices, which can never take away sins:
 पर यह व्यक्ति तो पापों के बदले एक ही बलिदान सर्वदा के लिये चढ़ा कर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
 But this man, after he had offered one sacrifice for sins for ever, sat down on the right hand of God;
 और उसी समय से इस की बाट जोह रहा है, कि उसके बैरी उसके पांवों के नीचे की पीढ़ी बनें।
 From henceforth expecting till his enemies be made his footstool.
 क्योंकि उस ने एक ही चढ़ावे के द्वारा उन्हें जो पवित्र किए जाते हैं, सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है।
 For by one offering he hath perfected for ever them that are sanctified.
 और पवित्र आत्मा भी हमें यही गवाही देता है; क्योंकि उस ने पहिले कहा था
 Whereof the Holy Ghost also is a witness to us: for after that he had said before,
 कि प्रभु कहता है; कि जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उन से बान्धूंगा वह यह है कि मैं अपनी व्यवस्थाओं को उनके हृदय पर लिखूंगा और मैं उन के विवेक में डालूंगा।
 This is the covenant that I will make with them after those days, saith the Lord, I will put my laws into their hearts, and in their minds will I write them;
 (फिर वह यह कहता है, कि) मैं उन के पापों को, और उन के अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण न करूंगा।
 And their sins and iniquities will I remember no more.
 और जब इन की क्षमा हो गई है, तो फिर पाप का बलिदान नहीं रहा॥
 Now where remission of these is, there is no more offering for sin.
 सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है।
 Having therefore, brethren, boldness to enter into the holiest by the blood of Jesus,
 जो उस ने परदे अर्थात अपने शरीर में से होकर, हमारे लिये अभिषेक किया है,
 By a new and living way, which he hath consecrated for us, through the veil, that is to say, his flesh;
 और इसलिये कि हमारा ऐसा महान याजक है, जो परमेश्वर के घर का अधिकारी है।
 And having an high priest over the house of God;
 तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं।
 Let us draw near with a true heart in full assurance of faith, having our hearts sprinkled from an evil conscience, and our bodies washed with pure water.
 और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्योंकि जिस ने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्चा है।
 Let us hold fast the profession of our faith without wavering; (for he is faithful that promised;)
 और प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें।
 And let us consider one another to provoke unto love and to good works:
 और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो॥
 Not forsaking the assembling of ourselves together, as the manner of some is; but exhorting one another: and so much the more, as ye see the day approaching.
 क्योंकि सच्चाई की पहिचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझ कर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं।
 For if we sin wilfully after that we have received the knowledge of the truth, there remaineth no more sacrifice for sins,
 हां, दण्ड का एक भयानक बाट जोहना और आग का ज्वलन बाकी है जो विरोधियों को भस्म कर देगा।
 But a certain fearful looking for of judgment and fiery indignation, which shall devour the adversaries.
 जब कि मूसा की व्यवस्था का न मानने वाला दो या तीन जनों की गवाही पर, बिना दया के मार डाला जाता है।
 He that despised Moses' law died without mercy under two or three witnesses:
 तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्ड के योग्य ठहरेगा, जिस ने परमेश्वर के पुत्र को पांवों से रौंदा, और वाचा के लोहू को जिस के द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना है, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया।
 Of how much sorer punishment, suppose ye, shall he be thought worthy, who hath trodden under foot the Son of God, and hath counted the blood of the covenant, wherewith he was sanctified, an unholy thing, and hath done despite unto the Spirit of grace?
 क्योंकि हम उसे जानते हैं, जिस ने कहा, कि पलटा लेना मेरा काम है, मैं ही बदला दूंगा: और फिर यह, कि प्रभु अपने लोगों का न्याय करेगा।
 For we know him that hath said, Vengeance belongeth unto me, I will recompense, saith the Lord. And again, The Lord shall judge his people.
 जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है॥
 It is a fearful thing to fall into the hands of the living God.
 परन्तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे।
 But call to remembrance the former days, in which, after ye were illuminated, ye endured a great fight of afflictions;
 कुछ तो यों, कि तुम निन्दा, और क्लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी।
 Partly, whilst ye were made a gazingstock both by reproaches and afflictions; and partly, whilst ye became companions of them that were so used.
 क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है।
 For ye had compassion of me in my bonds, and took joyfully the spoiling of your goods, knowing in yourselves that ye have in heaven a better and an enduring substance.
 सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है।
 Cast not away therefore your confidence, which hath great recompence of reward.
 क्योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्छा को पूरी करके तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ।
 For ye have need of patience, that, after ye have done the will of God, ye might receive the promise.
 क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा।
 For yet a little while, and he that shall come will come, and will not tarry.
 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा।
 Now the just shall live by faith: but if any man draw back, my soul shall have no pleasure in him.
 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं॥
 But we are not of them who draw back unto perdition; but of them that believe to the saving of the soul.


Sunday, 20 January 2019

Shaitan Ne Yahova Ko Uttar Diya Kya Aayob Prameshawar Ka BHAY Bina Labh Ke Mantaa hai

अय्यूब 1:9 Job 1:9
शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया,"क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है ?

मसीह में भाईयो और बहनों सबको जय मसीह की ! 
प्रभु का धन्यवाद आज के इस सुंदर वचन के लिये ! 

आज हम देखे तो हम सब बहुत बड़े स्वार्थी है ! हम सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में ही सोचते है !
 हम हर चीज़ में हर बात में बस अपना मतलब ढूँढते है ! यहाँ तक की हम अपने प्रभु के साथ 
जो रिश्ता कायम करते है, उसमे भी हमारा हर समय स्वार्थ ही होता है 

.हम जब प्रार्थना करते है तो पहले तो एक लम्बी चौड़ी लिस्ट होती है हमारे पास, प्रभु हमे यह चाहिये 
ऐसा करदो वैसा करदो ! हम अपनी इच्छाओं  को पूरा करने के लिये, अपने जरूरतों के लिये अपनी
 मनोकामनाओं के लिये ही प्रभु से प्रार्थना करते है ! हम अपनी इच्छाओं को तो हर रोज़ प्रभु को बताते है ! 
लेकिन कभी क्या हमने यह जानने की कोशिश की, कि प्रभु कि क्या इच्छा है

हम तो प्रभु से अनगिणित  चीजे चाहते ह पर प्रभु हम से क्या चाहता है, कभी हमने सोचा है ? 
इतना ही नही  हम जब प्रभु के घर भी जाते है अपनी बहुत सारी माँगे तो प्रभु के सामने रख आते है
और कुछ लोग तो शर्ते भी रख आते है, ऐसा हो जाएगा तो हम ऐसा करेगे, वगेरह  - वगेरह  ! 
 पर मज़े की बात तो यह है अपनी लिस्ट प्रभु को देने के चक्कर में हम प्रभु की तरफ़ देखते भी नही ! 
जबकि प्रभु चाहता है, कि हम उससे बाते करे उससे अपनी बाते कहे और उसकी भी सुने !
 प्रभु चाहता है कि उसका और हमारा प्यार मतलबी न हो और देखा जाए तो ऐसा तो कोई
 भी नही चाहता की उनका किसी के भी साथ प्यार मतलबी हो ! 
आज हम वचन में देखते है कि अय्यूब का प्यार यहोवा के साथ मतलबी नही था 
वो बिना किसी लाभ के यहोवा का भय मानता था ! शैतान यहोवा से कहता है कि
 तूने अभी तक अय्यूब को आशीष  ही दी है, इसी लिये वो तेरा भय मानता है ! 
लकिन उसकी आशीशे  वापिस लेकर देख वो तेरी निन्दा करेगा ! लकिन 
अय्यूब पर कितनी ही विपितिया आई पर उसके मुँह से कभी यहोवा के विरुद्ध
 कोई बात नही निकाली, पर धन्यवाद ही निकला ! 
पर हमे थोड़ा सा कोई दुख, कोई तकलीफ, कोई परेशानी आई नही कि हम शुरू हो जाते है
 प्रभु के विरूध्द बूढ़बुडाने ! लकिन आज हमे अपने स्वभाव में बदलाव लाने की ज़रूरत है ! 
अय्यूब की तरह बिना लाभ के प्रभु का भय मानने की ज़रूरत है ! प्रभु यीशु मसीह बहुत 
जल्द आनेवाला है ! प्रभु हमे इस वचन से आशीष करे ! आमीन ! 
धन्यवाद !


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1} दशमांश किसको देना है ??





5} प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ।



Friday, 18 January 2019

PRAY AAP KI PRARTHNA ME KUCH MUL BATE HONA JARURI HAI

प्रार्थना PRAY
यदि हम यह चाहते है, की परमेश्वर हमारी प्रार्थना को सुने तो 
हमारी प्रार्थना में कुछ मूल बाते होना आवश्यक है। जैसे.
   सबसे पहला है - क्षमा 
मरकुस 11:25-26 मे लिखा है यीशु ने कहा  जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो तो
 यदि तुम्हारे मन में किसी के प्रति कुछ विरोध हो तो उसे क्षमा करो 
 इसलिए की तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे। 


और यदि तुम क्षमा न करो तो तुम्हारा पिता भी जो  
स्वर्ग में है तुम्हारा अपराध क्षमा न करेगा।
इसीलिये प्रार्थना से पहले अगर किसी के लिए कुछ भी मन में विद्रोह हो तो 
हमे उससे मिलकर मन मुटाव दूर करना जरूरी है, एेसा करना थोड़ा मुश्किल है 
लेकिन नामुमकिन नही एेसा ख्याल दिल मे आते ही प्रभु हमारी सहायता करता है

दूसरी बात - प्रार्थना विश्ववास से की जाए । 
विश्ववास से की जाने वाली हर प्रार्थना का उत्तर हमे मिलता है कई लोग प्रार्थना को 
लाटरी टिकट की तरह मानते है हमे इस तरह से और इस सोच से प्रार्थना नही करना
 चाहिए, परमेश्वर की ओर से हर बात का एक समय है हमे जवाब के लिए थोड़ा इंतेजार करना चाहिए.

मरकुस 11:24 मे लिखा हैं जो कुछ तुम प्रार्थना करके माँगो तो प्रतीति कर लो की 
वह तुम्हे मिल गया और तुम्हारे लिये हो जायेगा
बहुत से भाई बहन विश्ववास के साथ प्रार्थना करते है और उनका अपने विश्ववास के कारण 
यह विश्ववास होकी है की जो उन्होंने प्रार्थना में माँगा उन्हें वह मिल गया है।हालेलूय्या..
पवित्रशास्त्र कहता है -याकूब 5:17 मे लिखा है एलिय्याह भी तो हमारे समान दुःख सुख भोगी मनुष्य था
 और उसने प्रार्थना की कि मेह ना बरसे और साढ़े तीन साल तक भूमि पर मेह नही बरसा ! 
यह थी विश्ववास के साथ माँगी गई प्रार्थना का जवाब .

हमारी प्रार्थना सुनकर प्रार्थना को परमेश्वर तक पहुँचाने
 वाला आज भी हमारे लिये जीवित है। 

इब्रानियों 7:25, मे लिखा है  इसी लिये जो उसके द्वारा "यानी प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के पास आते है वह उनका यानी प्रभु यीशु मसीह पूरा पूरा उद्धार कर सकता है क्योकि वह उनके लिए विनती  करने को सर्वदा जीवित हैं

तीसरी बात - प्रार्थना एक याचना है एलिय्याह ने प्रार्थना में याचना की वह उसे मिल भी गया। 
इसी तरह हन्ना ने परमेश्वर से माँगा और परमेश्वर ने उसे दे दिया।
अब लोग माँगने के लिए तैयार नही होते है।
 पवित्र बाइबल कहती है माँगो तो तुम्हे दिया जायेगा
1शमुएल 1: 10-18 में हन्ना की प्रार्थना लिखी है उसकी  प्रार्थना में विस्वास की प्रार्थना थी।

15 मे लिखा है, हन्ना ने कहा नहीं हे मैरे प्रभु मैं तो दु:खिया हूँ  मैं ने न तो दाखमधु पिया है
 और न मदिरा मैं ने अपने मन की बात खोलकर" यहोवा से कही है।

यहा खास बात यह है हन्ना ने  मन की बात खोलकर यहोवा से कही थी.
18 मे लिखा हैं उसका मुँह भी फिर उदास न रहा
वह उदास होकर आयी तो थी परन्तु आनन्द के साथ घर लौटी हालेलूय्या

1 शमुएल 1:27 मे लिखा है यहोवा से मैने प्रार्थना की थी और उसने मुझे मुँह माँगा वर दिया है। हमारी प्रार्थनाओ को न ठुकराने वाला परमेश्वर आज भी जीवित है, जो भी माँगो विश्ववास से माँगो लेकिन प्रभु यीशु मसीह के नाम से माँगों.

यूहन्ना 14:13, मे लिखा हैं, जो कुछ तुम मैरे नाम से माँगोंगे, वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।.

आज हमारे पास समय है के इस साल हम अपने विरोधीयो को माफ करे, अपने विश्ववास को बढ़ाए याचना के साथ प्रभु यीशु मसीह के नाम से माँगें ताकि हमारी हर प्रार्थना परमेश्वर के सम्मुख कबूल हो आमीन..

आप सभी को प्रभु यीशु मसीह इस वचन के द्वारा आशीष देवे आमीन