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Friday, 24 January 2020

उद्धार की योजना

उद्धार की योजना
          क्या आप भूखे हैं? शारीरिक रूप से भूखे
नहीं, वरन् क्या आपके जीवन में किसी और
चीज की भूख है? क्या आपके मन की गहराई में
ऐसी कोई चीज है जो कभी भी संतुष्ट होती
प्रतीत नहीं होती? 
   यदि ऐसा है तो, यीशु ही एक मार्ग है! यीशु ने कहा,
            "जीवन की रोटी मैं  हूँ : जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा,
 और जो मुझ पर विश्वास करता है, वह  कभी प्यासा न होगा" (यूहन्ना 6:35)।

क्या आप उलझन में पड़े हैं? क्या आपके जीवन के
लिए आपको कोई मार्ग या उद्देश्य नहीं जान
पड़ा? क्या ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी
ने बत्ती बुझा दी है और आप इसे जलाने के लिए
बटन नहीं ढूँढ पा रहे हैं? 
     यदि ऐसा है तो, यीशु ही एक मार्ग है! यीशु ने घोषणा की कि,
"जगत की ज्योति मैं हूँ; जो मेरे पीछे हो लेगा
वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की
ज्योति पाएगा" (यूहन्ना 8:12)।

क्या आप कभी ऐसा महसूस करते हैं कि आपके
जीवन के द्वार बन्द हो गए हैं? क्या आपने बहुत
सारे द्वारों को केवल यह जानने के लिए
खटखटाया है, कि उनके पीछे केवल खालीपन
तथा अर्थहीनता है? क्या आप भरपूरी के एक
जीवन में प्रवेश करने के लिए प्रवेश द्वार की
खोज में हैं? 
   यदि ऐसा है तो, यीशु ही एक मार्ग
है! यीशु ने घोषणा की कि, 

"द्वार में हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे, तो
 उद्धार पाएगा, और भीतर बाहर आया जाया करेगा
और चारा पाएगा" (यूहन्ना 10:9)।

क्या अन्य लोग हमेशा आपको नीचा दिखाते
हैं? क्या आपके सम्बन्ध सतही और थोथले हैं?
क्या आपको ऐसा प्रतीत होता है कि हर एक
व्यक्ति आपका लाभ उठाने का प्रयास कर
रहा है?
  यदि ऐसा है तो, यीशु ही एक मार्ग है! यीशु ने कहा था, 
"अच्छा चरवाहा मैं हूँ;  अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिए अपना प्राण  
देता है; मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं" (यूहन्ना 10:11, 14)।

क्या आप आश्चर्य करते हैं कि इस जीवन के बाद
क्या होता है? क्या आप अपने जीवन को उन
वस्तुओं के लिए यापन करते हुए थक गए हैं जो
केवल सड़ती या जंक़ खा जाती हैं? क्या आप
को कई बार सन्देह होता है कि जीवन का कुछ
अर्थ है या नहीं? क्या आप अपनी मृत्यु के बाद
जीना चाहते हैं? 
यदि ऐसा है तो, यीशु ही एक मार्ग है! यीशु ने घोषणा की कि,
 "पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ; जो कोई मुझ पर विश्वास करता है 
वह यदि मर भी जाए तोभी जीएगा।
और जो कोई जीवित है और मुझ पर विश्वास
करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा" (यूहन्ना
11:25-26)।

मार्ग क्या है? सत्य क्या है? जीवन क्या हैॽ
यीशु ने उत्तर दिया, "मार्ग और सत्य और जीवन
मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास
नहीं पहुँच सकता" (यूहन्ना 14:6)।

जिस भूख को आप महसूस करते हैं वह एक
आत्मिक भूख है, और केवल यीशु के द्वारा ही
पूरी की जा सकती है। एकमात्र यीशु ही है
जो अंधेरे को समाप्त कर सकता है। यीशु एक
संतुष्ट जीवन का द्वार है। यीशु एक मित्र और
चरवाहा है जिसकी आप खोज कर रहे थे। यीशु
- इस और आने वाले संसार के लिए जीवन है।
यीशु ही उद्धार का मार्ग है!

वह कारण जिससे आप भूख को महसूस करते हैं,
वह कारण जिससे आपको अंधेरे में खो जाना
प्रतीत होता है, वह कारण जिससे आप अपने
जीवन में कोई अर्थ नहीं पाते हैं, यह है कि आप
परमेश्वर से अलग हो गए हैं (सभोपदेशक 7:20;
रोमियों 3:23)। जिस खालीपन को आप अपने
हृदय में महसूस करते हैं वह आपके जीवन में परमेश्वर का न होना है।
 हमारी रचना परमेश्वर के साथ सम्बन्ध बनाए रखने के लिए की गई थी। 

परन्तु हमारे अपने पाप के कारण, हम उस सम्बन्ध से
अलग हो गए। इससे भी बुरा यह है कि, हमारा
पाप हमें इस और अगले जीवन में, भी पूरे
अनन्तकाल के लिए परमेश्वर से अलग होने का
कारण बनेगा (रोमियों 6:23; यूहन्ना 3:36)।

इस समस्या का हल क्या हो सकता है? यीशु
ही एक मार्ग है! यीशु ने हमारा पाप अपने ऊपर
ले लिया (2कुरिन्थियों 5:21)। यीशु हमारे
स्थान पर (रोमियों 5:8), उस दण्ड को लेते हुए
मर गया जिसके पात्र हम थे।
 तीन दिनों के पश्चात, यीशु मुर्दों में से, पाप तथा मृत्यु के ऊपर 
अपनी विजय को प्रमाणित करते हुए जी
उठा (रोमियों 6:4-5)। उसने ऐसा क्यों
किया? यीशु ने स्वयं इस प्रश्न का उत्तर दिया
है: "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई
अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे" (यूहन्ना
15:13)! यीशु मरा ताकि हम जी सकें। यदि हम
यीशु में अपना विश्वास, उसकी मृत्यु को
हमारे पापों के लिएचुकाई हुई कीमत मानकर
करते हैं – तो हमारे सारे पाप क्षमा किए और
धो दिए जाते हैं। तब हम अपनी आत्मिक भूख
की संतुष्टि को पा सकेंगे। फिर से बत्तियाँ
जल उठेंगी। हमारी पहुँच एक भरपूरी के जीवन
तक हो जाएगी। हम हमारे सच्चे उत्तम मित्र
तथा अच्छे चरवाहे को जानेंगे। हम यह जानेंगे
कि मरने के बाद भी हमारे पास जीवन होगा
– यीशु के साथ अनन्तकाल के लिए स्वर्ग में एक
जी उठा हुआ जीवन!
"क्योंकि परमेश्वर ने जगत में ऐसा प्रेम रखा कि
उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि
जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो,
परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)।

Sunday, 3 March 2019

तुम रोओगे और विलाप करोगे तुम्हारा शोक आनन्द में बदक जाएगा।

तुम रोओगे और विलाप करोगे... तुम्हारा शोक आनन्द में बदक जाएगा।’ (यूहन्ना, 16: 20)

आप सभी भाई ,बहनों पास्टर और प्रचारक को प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की

यीशु को सलीव की मौत दी गई थी। उसके शिष्य व्याकुल और निराश हो गए थे। उनकी सब आशाएँ उसी पर थी - अब वह कबर में मृतक पड़ा था।
परन्तु तीसरे दिन वह जी उठा। उसके शिष्यों ने अवश्य ही उन शब्दों को याद रखा होगा जिन्हें कि उसने उनसे अपनी मृत्यु के पहले कहा था: जो ऊपर लिखा है 
अपने प्यारे प्रभु और स्वामी को फिर देखने में उन्हें कितना आनन्द हुआ होगा! यूहन्ना हमें बताता है, ‘तब चेले प्रभु को देखकर आनन्दित हुए’ (यूहन्ना, अध्याय 20, पद 20)।

हम उनके आनन्द का अन्दाजा नही लगा सकते हैं।
जब यीशु स्वर्ग चला गया
प्ररितों के काम के पहले अध्याय के प्रथम आठ पदों को फिर से पढ़िये। कल्‍पना कीजिये कि जी उठने के बाद चालीस दिनों तक जब यीशु अपने शिष्यों के बीच में रहा और फिर से उन्हें शिक्षा देते रहा तो वे कितने आनन्दित हुए होंगे।

  चालीस दिनों के बाद आप उन्हें और उनके बीच यीशु को बैतनिय्याह की हरी पहाड़ियों पर खड़ा देखते हैं। अचानक वह उनके बीच में से ऊपर स्वर्ग पर उठा लिया गया। कितने अचम्‍भे से वे उस दृश्‍य को निहार रहे होंगे जब उन्‍उसने पृथ्वी को छोड़ा और एक बादल ने उसे उनकी आखों से छिपा लिया। फिर से वह उनसे ले लिया गया। लेकिन इस समय वे न विस्मित हुए और न निराश हुए; बिल्‍कुल भी नही! 
    लूका हमें बताता है,
‘वह उनसे अलग हो गया और स्वर्ग पर उठा लिया गया। तब वे उसको दण्डवत् करके बड़े आनन्द से यरूशलेम को लौट गए।’ (लूका 24:51-52)

दूसरी बार उनसे अलग होने पर वे इतने आनन्दित क्यों थे? इसलिये कि यीशु ने उनसे एक प्रतिज्ञा की थी। उसने कहा था,
‘देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ।’ (मत्ती, अध्याय 28, पद 20)

   वे जानते थे कि कुछ भी हो जाए, वह स्वर्ग से उनकी चौकसी करता रहेगा।
परन्तु सिर्फ इतना ही नहीं। जब वे उसे स्वर्ग में जाते हुए देख रहे थे, दो स्वर्गदूत एक संदेश लेकर उनके पास आए। उन्होंने कहा,
‘हे गलीली पुरूषो, तुम क्‍यों खड़े आकाश की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्‍वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्‍वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा।’ (प्रेरितों के काम 1:11)

  यह छोटा सा पद इतना महत्‍वपूर्ण है कि इसे हमेशा याद रखना चाहिये। जब शिष्य यरूशलेम को अपने प्रभु की आज्ञाओं का पालन करने  वापस लौटे, तो उन्‍हें पक्‍का विश्‍वास था कि यीशु खुद पृथ्वी पर वापस लौटेगा। इस बात ने उनहें बहुत आनन्दित किया।
यीशु ने कहाँ था ऊन से 
यह सब 2016 वर्ष  पूर्व हुआ और यीशु अभी तक वापस नहीं आये है।
परन्तु वह अवश्य आयेंगे। उन्‍होंने स्‍वंय ऐसा कहा। लूका के 21 वें अध्याय और 27 वें पद में व़े स्‍वंय बादल पर सामर्थ और बड़ी महिमा के साथ पृथ्वी पर वापिस आने के विषय में बताते है। (क्‍या आपने ध्यान दिया कि वे बादल में गये? और यह भी कि स्वर्गदूतों ने कहा कि जिस रीति से उन्होंने उसे ऊपर जाते देखा उसी रीति से वह लौटेगा?)

   बहुत से दृष्टांत भी यीशु के पुनः आगमन के बारे में बताते हैं। उदाहरण के लिए मत्ती के 25 वें अध्याय और उसके पहले 13 पद में दिए हुए दृष्टांत को लीजिए। 

   इसमें एक दूल्‍हे के बारे में लिखा है, और क्‍योंकि यह एक विवाह का दृश्‍य है तो इसे समझना हमारे लिए मुश्किल नही है। यह दूल्हा वास्‍तव में और कोई नही मसीह है, और यह कहानी हमें चेतावनी देती है कि जब वह आएगा तो कुछ लोग ऐसे भी रहेंगे जो उसके आने के लिए तैयार न होंगे।
तेरवें पद को देखिये। यीशु ऐसा नही कहते है कि, "तुम नही जानते हो कि तुम्हारा प्रभु आएगा या नहीं" उसका आना निश्चित है। इसमें कोई सन्देह नहीं। परन्तु वे यह कहते है,
‘तुम न उस दिन को जानते हो, न उस घड़ी को, जब मनुष्य का पुत्र लौटेगा।’ (मत्ती 25:13)
प्रकाशितवाक्य में यीशु ने अपने अन्तिम सन्देश में कहा,
‘देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ!’ (प्रकाशितवाक्य, अध्याय 22, पद 7)




प्रभु यीशु आप सभी कॊ इस वचन के द्वारा आशिष देवे और दूसरे आगमन के लीये रेडी करे 
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Tuesday, 19 February 2019

अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले यीशु ने कहा कि इसलिए तुम जाओ सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिम्मा दो

मेरे प्यारे भाई और बहनो आप सभी को प्रभु यीशु मशीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की कहता हु 

अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले, यीशु ने कहा कि, "इसलिए तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिम्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी हैं, मानना सीखाओ। और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ" (मत्ती 28:19-20)। ये निर्देश स्पष्ट करते हैं कि कलीसिया को यीशु का चेला बनाने, और उन चेलों को बपतिस्मा देने के शब्दों को पूरा करने का दायित्व है। इन बातों को सभी जगहों पर ("सब जातियों") जब तक "जगत का अन्त" नहीं आ जाता किया जाना चाहिए। इसलिए, बपतिस्मा के अतिमहत्वपूर्ण होने का कोई और कारण नहीं, क्योंकि यीशु ने इसकी आज्ञा दी है।

बपतिस्मा की प्रथा कलीसिया की स्थापना से पहले की गई है। प्राचीन समय के यहूदी अन्य विश्वासों में से आए हुए लोगों को बपतिस्मा के द्वारा उनके "शुद्ध" स्वभाव के होने के चिन्ह के रूप में दर्शाते थे। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने बपतिस्मे का उपयोग न केवल अन्यजातियों के लिए, अपितु प्रत्येक लिए आवश्यक रूप से प्रभु के मार्ग की तैयारी के लिए किया, कि प्रत्येक व्यक्ति को बपतिस्मा लेना है क्योंकि प्रत्येक को पश्चाताप की आवश्यकता है। परन्तु फिर भी, यूहन्ना का बपतिस्मा, जो केवल पश्चाताप को ही दर्शाता है, वह वैसा ही नहीं है जैसा कि मसीही विश्वास वाला होता है, जो कि प्रेरितों के काम 18:26 और 19:1-7 में दिखाई देता है। मसीही बपतिस्मे की बहुत गहरी विशेषता है।

बपतिस्मा पिता, पुत्र और आत्मा के नाम से दिया जाता है – ये मिल कर एक "मसीही बपतिस्मा" को बनाते हैं। इस विधान के द्वारा एक व्यक्ति को कलीसिया की संगति में स्वीकार कर लिया जाता है। जब हम बचाए जाते हैं, तब हमारा "बपतिस्मा" मसीह की देह में आत्मा के द्वारा हो जाता है। 1 कुरिन्थियों 12:13 कहता है, "क्योंकि हम सब ने - क्या यहूदी हो क्या यूनानी, क्या दास हो क्या स्वतंत्र - एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिए बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया।" पानी के द्वारा दिया हुआ बपतिस्मा आत्मा के द्वारा दिए हुए बपतिस्मे का "पुन र्प्रदर्शन" है। 

मसीही बपतिस्मा एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा एक व्यक्ति विश्वास और शिष्यता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता है। पानी के बपतिस्मे में, एक व्यक्ति इन शब्दों को कहता है कि, "मैं यीशु में अपने विश्वास का अंगीकार करता हूँ; यीशु ने मेरे प्राणों को पाप से शुद्ध कर दिया है और मेरे पास अब पवित्रीकरण में चलने वाला नया जीवन है।" 

मसीही बपतिस्मा, शैली में, मसीह की मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने को दर्शाता है। ठीक इसी समय, यह पाप के लिए हमारी मृत्यु और मसीह में नए जीवन को प्रगट करता है। जब एक पापी प्रभु यीशु का अंगीकार करता है, तो वह पाप के लिए मर जाता है (रोमियों 6:11) और पूरी तरह से एक नए-जीवन के लिए जी उठता है (कुलुस्सियों 2:12)। पानी में डूब जाना पाप के लिए मृत्यु को प्रस्तुत करता है, और पानी में से बाहर निकलना शुद्ध, पवित्र जीवन को प्रगट करता है, जो उद्धार का अनुसरण करता है। रोमियों 6:4 इसे इस तरह से कहती है कि, "अत: उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।" 

सरल रूप से कहना, बपतिस्मा एक विश्वासी के आंतरिक जीवन में हुए परिवर्तन की बाहरी गवाही है। मसीही बपतिस्मा उद्धार के बाद प्रभु की आज्ञापालन करने का एक कार्य है; यद्यपि बपतिस्मा निकटता से उद्धार के साथ सम्बन्धित है, तौभी यह बचाए जाने के लिए एक शर्त नहीं है। बाइबल इस से सम्बन्धित घटनाओं के क्रम को बहुत से स्थानों पर दर्शाती है कि 1) पहले एक व्यक्ति प्रभु यीशु में विश्वास करता है और 2) फिर उसका बपतिस्मा होता है। इस क्रम को प्रेरितों के काम 2:1 में भी देखा जा सकता है, "अत: जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया" (प्रेरितों के काम 16:14-15 को भी देखें)।

यीशु मसीह में एक नए विश्वासी को शीघ्र अतिशीघ्र बपतिस्मा लेने की इच्छा को प्रगट कर देना चाहिए। प्रेरितों के काम 8 में फिलिप्पुस कूशी खोजे को "यीशु के शुभ-सन्देश के बारे" में बताता है, और जब "वे मार्ग में चलते चलते किसी जल की जगह पहुँचे, तब खोजे ने कहा, 'देख वहाँ जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक हैॽ" (आयतें 35-36)। ठीक वहीं, उन्होंने रथ को रोक लिया, और फिलिप्पुस ने उस व्यक्ति को बपतिस्मा दिया। 

मसीही बपतिस्मा एक विश्वासी की पहचान मसीह, मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने को दर्शाता है। जहाँ कहीं भी सुसमाचार का प्रचार किया जाता है, वहाँ पर लोगों को बपतिस्मा दिया जाना चाहिए।



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Wednesday, 2 January 2019

Kon Khata Hai Ki Dharm Badla Jata Hai Pahle Pata To Karo Dharm Kya Hai कौन कहता है धर्म बदला जाता है,

कौन कहता है 
धर्म बदला जाता है, पहले पता करो कि धर्म क्या है, सत्य, प्यार और
अहिंसा हि धर्म है भला इन बातो कों उल्ता क्यो बदलेगा
बदलता तो सोच है जिसे अधबिश्वासी, हिंसा, लडाई, बुराई और पाप को "बदलो धर्म नही"

शांति प्यार का रास्ता देने वालो को मानो और दिल की सचे मन से विस्वाश करो 
परमेश्वर आप सभी को बुधी ज्ञान और समझ दे ताकी आप धर्म को नही सोच को बदला जाए 
           धन्यबाद 

जिवन के पिछे देखो अनुभब मिलेगा !
जिवन के आगे देखो आसा मिलेगा !
दाए-बाए देखो सत्य  मिलेगा !
स्वयं अपने अन्दर झाककर देखो !
परमेशवर का पवित्र आत्मा तुमहारे बतिस्मा के रुप मे मिलेगा !

जिवन के पिछे देखो अनुभब मिलेगा !
जिवन के आगे देखो आसा मिलेगा !
दाए-बाए देखो सतय मिलेगा !
सवय्म अपने अन्दर झाककर देखो !
परमेशवर का पवित्र आत्मा तुमहारे बतिस्मा के रुप मे मिलेगा !

दिन बित जाती है यीशु  के  वचन सुन कर
वचन  रह जाती है जिन्दगी बनकर !!
पर यीशु  तो हमेशा दिलो मे मेरा रहेगा
 पवित्र आत्मा बनकर !
कभी बाइबिल के वचन पर तो कभी प्रर्थाना सुनकर 





_*🙏👇गज़ब का संदेश 👇🙏*_

_*दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से किसी ने पूछा - 'क्या इस धरती पर आपसे भी अमीर कोई है ?*_

_*बिल गेट्स ने जवाब दिया - हां, एक व्यक्ति इस दुनिया में मुझसे भी अमीर है।*_

_*कौन ---!!!!!*_

_*बिल गेट्स ने बताया:*_
_*एक समय मे जब मेरी प्रसिद्धि और अमीरी के दिन नहीं थे, मैं न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर था.. वहां सुबह सुबह अखबार देख कर, मैंने एक अखबार खरीदना चाहा,पर मेरे पास खुदरा पैसे नहीं थे.. सो, मैंने अखबार लेने का विचार त्याग कर उसे वापस रख दिया.. अखबार बेचने वाले लड़के ने मुझे देखा, तो मैंने खुदरा पैसे/सिक्के न होने की बात कही.. लड़के ने अखबार देते हुए कहा - यह मैं आपको मुफ्त में देता हूँ..*_ 

_*बात आई-गई हो गई.. कोई तीन माह बाद संयोगवश उसी एयरपोर्ट पर मैं फिर उतरा और अखबार के लिए फिर मेरे पास सिक्के नहीं थे।उस लड़के ने मुझे फिर से अखबार दिया, तो मैंने मना कर दिया। मैं ये नहीं ले सकता.. उस लड़के ने कहा, आप इसे ले सकते हैं, मैं इसे अपने प्रॉफिट के हिस्से से दे रहा हूँ.. मुझे नुकसान नहीं होगा। मैंने अखबार ले लिया......*_

_*19 साल बाद अपने प्रसिद्ध हो जाने के बाद एक दिन मुझे उस लड़के की याद आयी और मैंने उसे ढूंढना शुरू किया। कोई डेढ़ महीने खोजने के बाद आखिरकार वह मिल गया। मैंने पूछा - क्या तुम मुझे पहचानते हो ?*_

_*लड़का - हां, आप मि. बिल गेट्स हैं.*_

_*गेट्स - तुम्हे याद है, कभी तुमने मुझे फ्री में अखबार दिए थे ?*_

_*लड़का - जी हां, बिल्कुल.. ऐसा दो बार हुआ था..*_

_*गेट्स- मैं तुम्हारे उस किये हुए की कीमत अदा करना चाहता हूँ.. तुम अपनी जिंदगी में जो कुछ चाहते हो, बताओ, मैं तुम्हारी हर जरूरत पूरी करूंगा..*_

_*लड़का - सर, लेकिन क्या आप को नहीं लगता कि, ऐसा कर के आप मेरे काम की कीमत अदा नहीं कर पाएंगे..*_

_*गेट्स - क्यूं ..!!!*_

_*लड़का - मैंने जब आपकी मदद की थी, मैं एक गरीब लड़का था, जो अखबार बेचता था..*_
_*आप मेरी मदद तब कर रहे हैं, जब आप इस दुनिया के सबसे अमीर और सामर्थ्य वाले व्यक्ति हैं.. फिर, आप मेरी मदद की बराबरी कैसे करेंगे...!!!*_

_*बिल गेट्स की नजर में, वह व्यक्ति दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति से भी अमीर था,*_ _*क्योंकि-----*_
_*"किसी की मदद करने के लिए, उसने अमीर होने का इंतजार नहीं किया था "....🙏*_
अमीरी पैसे से नहीं दिल से होती है दोस्तों किसी की मदद करने के लिए अमीर दिल का होना भी बहुत जरूरी है ☺

Wednesday, 26 December 2018

DO YOU WANT JESUS TO COME TO YOUR HOME THIS CHRISTMAS

PROPHET BAJINDER SINGH MINISTRY
THE CHURCH OF GLORY AND WISDOM
आप सबको प्रोफेट बजिंद्र सिंह जी की और से क्रिसमस और नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए
क्या आप चाहते है क्रिसमस पर प्रभु यीशु मसीह आपके घर आए । प्रभु नये वर्ष मे उन लोगो के घर आएगा जो खुशखबरी का मैसेज पास करते है ।
प्रभु यीशु मसीह चरवाहो के घर इसलिए पैदा हुआ। क्योकि उस समय चरवाहे ही लोगो का मैसेज लेकर दूर दूर जाते थे ।
परमेश्वर ने भी अपने बेटे के मैसेज को पहुचाने के लिए चरवाहो को चुना ।
जो क्रिसमस के मौके पर लोगो को सुसमाचार सुना कर प्रभु यीशु मसीह उधारकर्ता का मैसेज पास रहे है ।
प्रभु के स्वर्गदूत उनके घर मे खुशियाँ लेकर आ रहे है । लोग शरीर मे क्रिसमस मनाते है । हम आत्मा मे सेलिब्रेशन करेंगे
आप लोगो को जाकर इनवीटेशन दो । प्रभु यीशु मसीह उधारकर्ता का मैसेज पास करो । जितने इस क्रिसमस पर ग्लोरी एण्ड विस्डम चर्च मे शामिल होंगे
प्रभु उन सब को आशीष देने के लिए जा रहा है ।
और इस दिन प्रोफेट जी आपके लिए प्रार्थना करके प्रभु से आपको बरकतो का चंगाई और छुटकारे का गिफ्ट दिलाएंगे ।
DO YOU WANT JESUS TO COME TO YOUR HOME THIS CHRISTMAS .THOSE WHO PASSING GOOD NEWS JESUS WILL COME TO THEIR IN THIS YEAR.
WHEN JESUS WAS BORN. ANGELS APPEARED TO THE SHEPHERED FIRST.BECAUSE ON THAT TIME SHEPHRED WAS THE WAY TO SAW THE MASSAGE.
GOD CHOOSE SHEPHERD TO PASSING HIS SON MASSAGE
THOSE WHO PASSING THE MASSAGE


THOSE WHO PASSING THE MASSAGE OF JESUS BY GIVING GOOD NEWS TO THE OTHER ON CHRISTMAS
GOD ANGELS WILL BRING HAPPINESS TO. THEIR HOUSE . PEOPLE CELEBRATE CHRISTMAS IN BODY WE WILL CELEBRATE IN SPIRIT.
YOU GO TO THE PEOPLE AND GIVE THEM INVITATION THOSE WHO COME TO CHURCH OF GLORY AND WISDOM ON THIS CHRISTMAS.
GOD WILL GOING TO BLESS ALL OF THEM
ON THAT DAY PROPHET BAJINDER SINGH WILL GIVE YOU GIFT OF GOODNESS , DELIVRANCE FROM GOD