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Sunday, 16 August 2020

Everyone gets time to change life, but life does not get to change time

वक़्त सबको मिलता है, जिंदगी बदलने के लिए, 
पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिए*। 
इस संसार के सदृश्य न बनो, परंतु तुम्हारे मन के नये हो जाने से तुम्हारा चाल चलन भी बदलता जाये
 जिससे तुम परमेश्वर की भली और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। रोमियो 12:2, 
 क्योंकि वह, अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है,
 हमारी दीन हीन देह का रूप बदलकर , अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा। फिलि 3:21,
 इसलिए अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा। कुलु 4:5.

  *किसी को खोकर ही उसकी कीमत समझ में आती है, चाहे वह रिश्ता हो या कोई वस्तु,
 इसलिए वक़्त रहते उसकी कद्र जरूर करें, क्योंकि वक़्त निकल गया तो सिर्फ पछतावा ही बचता है।*

 वह तुच्छ जाना जाता, और मनुष्यों का त्यागा हुआ था, वह दुःखी पुरूष था, रोग से उसकी जान
 पहिचान थी, और लोग उससे मुँह फेर लेते थे, वह तुच्छ जाना गया, और हमने उसका मूल्य 
न जाना। यशा 53:3, और जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि
 अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है कि मसीह जो महिमा 
की आशा है, तुम में रहता है।कुलु 1:27, लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन 
मुझसे दूर रहता है। मत्ती 15:8 ,किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों
 में और कोई दूसरा  नाम नहीं दिया गया है, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें। प्रेरितों के काम 4:12.


भोर की प्रार्थनाओं का क्या महत्व होता हैं.....?*

1) भोर की प्रार्थना अतिआवश्यक होती हैं, क्योंकि प्रार्थना के द्वारा सैतान से मुलाक़ात करने से पहले आप अपने प्रभु से मुलाक़ात करतें हैं l 
2  आपकी जिन्दगी की परिस्थितियों से भेंट होने से पूर्व आपकी मुलाकात आपके परमेश्वर से हो जाती हैं l 

3) बहुत से लोगों से बातचीत करने से पहले आप अपने प्रभु से बातें करतें हो l  

4) अन्य लोगों के संग संगती करने से पहले आप अपने प्रभु के साथ संगती करते हो l  

5)  संसार की कोई भी ताज़ा ख़बर सुनने से पहले आप स्वर्गीय  ख़बर को प्राप्त कर लेते हैं l 

6) लोगो के सामने बैठने से पहले आप अपने प्रभु के सामने बैठते हो l 

7) इससे पहले की आपको किसी मनुष्ये के सामने घुटने झुकाने पड़ें, आप अपने प्रभु के सामने घुटनों पर आ जाते हो l  

8) प्रार्थना के द्वारा किसी भी मनुष्य को आदर सम्मान देने से पहले आप अपने प्रभु को आदर सम्मान देतें हो l 

9)  प्रार्थना के द्वारा आप किसी भी मनुष्य की उपस्थिति में जाने से पहले आप अपने प्रभु की उपस्थिति में जाते  हैं l 

10) प्रार्थना के द्वारा आप अपने शरीर को भोजन देने से पहले अपनी आत्मा को भोजन देते हैं l 

11) और अन्य छोटे-छोटे नामों को लेने से पहले प्रार्थना के द्वारा यीशुवा को पुकारते हो l 

12) इससे पहले की आप अपने आपको आईने  में देखें  प्रार्थना के द्वारा आप अपने प्रभु यीशुवा को देखते हो l 

13) प्रार्थना के द्वारा आप अपने घर आँगन की सफाई करने से पहले अपने हृदय को साफ़ करते हो l 

अतः प्रियों, भोर को उठकर अपने मुखों को खोलें और प्रभु के संग संगती करें!!!!!!!!!

प्रार्थना एक बहुत ही प्रभावशाली हथियार हैं, एक वो हथियार जो आपके हाथों में हैं l  आपके मुख में सामर्थ हैं, जाग उठों, और अपने आपको शशक्त करने के लिए इस समर्थ का उपयोग करें!!!!!!

प्रभु आपको बहुतायत से आशीषें दें!


Thursday, 28 February 2019

क्या आपके शाप आपके जीवन को उन्नति करने मे बाधा डालता है

प्रभु यीशु के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की
जरा इन    वचनो को ध्यान से पढे 

       " मै ने तुम्हारे जुए को तोड डाला है  और तुम को सीधा करके चलाया है ।" ( लैव्यव्यवस्था  26 :13 )

  क्या आपके शाप आपके जीवन को उन्नति करने मे बाधा डालता है  ?  क्या आपके आत्मिकजीवन के अगले स्तर को बढने के दासत्व मे बंधे पडे है  ? प्रभु जो आपके जुए और बंधनो को तितर बितर कर देगा और आपको जयवंत करेगा । 

   क्या आप परेशान होकर यह कह रहे हैं,  "मैं जीवन में सफल नही हो पाऊंगा /पाऊँगी;  मैं अपने जीवन में उन्नति करने में असमर्थ हूं; मेरे अच्छे कमाने के बावजूद खर्च करने या बचाने के लिए मेरे पास पैसे नही है ...मुझे अपने व्यापार में पैसे डालने के लिए पैसे नहीं है  ?"

      सर्वशक्तिमान प्रभु कहता है,  "मेरे प्रियो बेटे / बेटी मैं तुम्हारा प्रभु हूं जो तुम्हारे जुए को तोडता हूं । तुम्हे अपनी तरफ से कोशिश करने की जरूरत नही है, यह सोचकर कि अपनी तरफ से चीजो को प्राप्त कर कर सकूंगा /सकूंगी । मै तुम्हारे लिए सब कुछ पूरा करूंगा" 
         शायद आप एक निराशाजनक स्थिति में है । आपके रिश्तेदार आपके बारे मे यह कहते होंगे, कोई भी इसके जीवन को ठीक नही कर सकता । जिन लोगों पर आपने भोरोसा रखा था वे कहते होंगे,  "मै ने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की । मुझे माफ करना,  मै तुम्हारी मदद करने में असमर्थ हूं । आपके लिए एक आशा है । यह प्रभु यीशु है । स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार उसे दिया गया है ।" ( मत्ती  28 :18 )वह आपके बंधनो को तोड देगा और आपको छुटकारा देगा । 
       "प्रभु कहता है,  मैं तेरी मदद करूंगा । मैं कभी बदलता नहीं । प्रभु आपको आशीषित करेगा आपके बंधनो और दासत्व को तोड़ेगा और आपको छुटकारा देगा ।"  ( यशायाह  10 :27 ;  2 कुरिन्थियों  3 :17 )
     मेरे प्रियजनो, आज प्रभु को अपना ह्दय खोलें जिससे कि वह आपके जीवन की एक गुलाब की तरह प्रफुल्लित करे और सूसन के फूलो की तरह फूलेगा । अपने जीवन को उसके हाथो मे दे दें । तब यह  महिना  आपके लिए एक आशीषित महिना होगा । 

प्रभु आप सभी को इस वचन के द्वारा आशीष देवे
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सचेत हो और जागते रहो क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है

सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है
 कि किस को फाड़ खाए।
 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं
 ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
(1 पतरस 5:8,9)

"शैतान को अवसर न दो "
( इफिसियो 4:27)
--------------------------
जब तक हम इस संसार में है तब तक सदैव् हमे शैतान के प्रति सतर्क रहना होगा! शैतान परमेश्वर की आशीषो को चुराने का तथा हमे छुटकारे के लाभों से वचिंत रखने का प्रयास करेगा,ताकि हम सदैव चिंतित बने रहे, अन्य क्षेत्रो में नाश होने , बीमारियों के द्रारा हमारे शरीर को नाश करने , निर्धनता में डालने , परमेश्वर के कार्यों को करने से रोकने , पाप के द्रारा हमारे परिवारों को नाश करने अथवा हमारे विरोध में सताव भेजने का प्रयास करेगा आदि आदि!!!!!!

शैतन इन झेत्रो में से क्यों भी झेत्र चुने लेकिन हमे!!!!  हेलो!!!
लेकिन हमे---

विशवास "TRUST "में द्ढ होकर उसको झिडकना( भगाना ) है !
हमे अपने जीवन में शैतन को एक भी अवसर नही देना चाहिए!
भयभीत होने के बजाये हमे परमेश्वर और उसके वचनों में स्थिर रहना चाहिए !
लोगो के प्रति क्रोधित और कडवे होने के बजाए हमे परमेश्वर के वचन का दावा करना चाहिए !
हमे आत्मा की तलवार से , जो आपको मुख से बोला गया परमेश्वर का वचन है , शत्रु से युद्ध करना है!!

यहाँ एक ऐसा शत्रु है जहा बहुत से मसीही लोग गिर जाते है ! जैसे ही शत्रु उनके विरोध में आता है , वैसे ही वे वहँ से भाग जाते है! 
वे सोचते है की छुटकारे की आशीषो में चलना संभव नहीं है!
वे यह भी सोचते है की शायद परमेश्वर नाही चाहता की वे आशीष पाये ! इन सब बातो के बजाये हमे शत्रु को भगाना है और वस्तुओं का चुनाव करना है जिन्हें यीशु ने अपनी मृत्यु  के द्रारा हमे दिया है और तीसरे दिन जी उठा है !!!!!!!!!


Tuesday, 19 February 2019

अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले यीशु ने कहा कि इसलिए तुम जाओ सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिम्मा दो

मेरे प्यारे भाई और बहनो आप सभी को प्रभु यीशु मशीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की कहता हु 

अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले, यीशु ने कहा कि, "इसलिए तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिम्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी हैं, मानना सीखाओ। और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ" (मत्ती 28:19-20)। ये निर्देश स्पष्ट करते हैं कि कलीसिया को यीशु का चेला बनाने, और उन चेलों को बपतिस्मा देने के शब्दों को पूरा करने का दायित्व है। इन बातों को सभी जगहों पर ("सब जातियों") जब तक "जगत का अन्त" नहीं आ जाता किया जाना चाहिए। इसलिए, बपतिस्मा के अतिमहत्वपूर्ण होने का कोई और कारण नहीं, क्योंकि यीशु ने इसकी आज्ञा दी है।

बपतिस्मा की प्रथा कलीसिया की स्थापना से पहले की गई है। प्राचीन समय के यहूदी अन्य विश्वासों में से आए हुए लोगों को बपतिस्मा के द्वारा उनके "शुद्ध" स्वभाव के होने के चिन्ह के रूप में दर्शाते थे। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने बपतिस्मे का उपयोग न केवल अन्यजातियों के लिए, अपितु प्रत्येक लिए आवश्यक रूप से प्रभु के मार्ग की तैयारी के लिए किया, कि प्रत्येक व्यक्ति को बपतिस्मा लेना है क्योंकि प्रत्येक को पश्चाताप की आवश्यकता है। परन्तु फिर भी, यूहन्ना का बपतिस्मा, जो केवल पश्चाताप को ही दर्शाता है, वह वैसा ही नहीं है जैसा कि मसीही विश्वास वाला होता है, जो कि प्रेरितों के काम 18:26 और 19:1-7 में दिखाई देता है। मसीही बपतिस्मे की बहुत गहरी विशेषता है।

बपतिस्मा पिता, पुत्र और आत्मा के नाम से दिया जाता है – ये मिल कर एक "मसीही बपतिस्मा" को बनाते हैं। इस विधान के द्वारा एक व्यक्ति को कलीसिया की संगति में स्वीकार कर लिया जाता है। जब हम बचाए जाते हैं, तब हमारा "बपतिस्मा" मसीह की देह में आत्मा के द्वारा हो जाता है। 1 कुरिन्थियों 12:13 कहता है, "क्योंकि हम सब ने - क्या यहूदी हो क्या यूनानी, क्या दास हो क्या स्वतंत्र - एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिए बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया।" पानी के द्वारा दिया हुआ बपतिस्मा आत्मा के द्वारा दिए हुए बपतिस्मे का "पुन र्प्रदर्शन" है। 

मसीही बपतिस्मा एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा एक व्यक्ति विश्वास और शिष्यता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता है। पानी के बपतिस्मे में, एक व्यक्ति इन शब्दों को कहता है कि, "मैं यीशु में अपने विश्वास का अंगीकार करता हूँ; यीशु ने मेरे प्राणों को पाप से शुद्ध कर दिया है और मेरे पास अब पवित्रीकरण में चलने वाला नया जीवन है।" 

मसीही बपतिस्मा, शैली में, मसीह की मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने को दर्शाता है। ठीक इसी समय, यह पाप के लिए हमारी मृत्यु और मसीह में नए जीवन को प्रगट करता है। जब एक पापी प्रभु यीशु का अंगीकार करता है, तो वह पाप के लिए मर जाता है (रोमियों 6:11) और पूरी तरह से एक नए-जीवन के लिए जी उठता है (कुलुस्सियों 2:12)। पानी में डूब जाना पाप के लिए मृत्यु को प्रस्तुत करता है, और पानी में से बाहर निकलना शुद्ध, पवित्र जीवन को प्रगट करता है, जो उद्धार का अनुसरण करता है। रोमियों 6:4 इसे इस तरह से कहती है कि, "अत: उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।" 

सरल रूप से कहना, बपतिस्मा एक विश्वासी के आंतरिक जीवन में हुए परिवर्तन की बाहरी गवाही है। मसीही बपतिस्मा उद्धार के बाद प्रभु की आज्ञापालन करने का एक कार्य है; यद्यपि बपतिस्मा निकटता से उद्धार के साथ सम्बन्धित है, तौभी यह बचाए जाने के लिए एक शर्त नहीं है। बाइबल इस से सम्बन्धित घटनाओं के क्रम को बहुत से स्थानों पर दर्शाती है कि 1) पहले एक व्यक्ति प्रभु यीशु में विश्वास करता है और 2) फिर उसका बपतिस्मा होता है। इस क्रम को प्रेरितों के काम 2:1 में भी देखा जा सकता है, "अत: जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया" (प्रेरितों के काम 16:14-15 को भी देखें)।

यीशु मसीह में एक नए विश्वासी को शीघ्र अतिशीघ्र बपतिस्मा लेने की इच्छा को प्रगट कर देना चाहिए। प्रेरितों के काम 8 में फिलिप्पुस कूशी खोजे को "यीशु के शुभ-सन्देश के बारे" में बताता है, और जब "वे मार्ग में चलते चलते किसी जल की जगह पहुँचे, तब खोजे ने कहा, 'देख वहाँ जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक हैॽ" (आयतें 35-36)। ठीक वहीं, उन्होंने रथ को रोक लिया, और फिलिप्पुस ने उस व्यक्ति को बपतिस्मा दिया। 

मसीही बपतिस्मा एक विश्वासी की पहचान मसीह, मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने को दर्शाता है। जहाँ कहीं भी सुसमाचार का प्रचार किया जाता है, वहाँ पर लोगों को बपतिस्मा दिया जाना चाहिए।



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1} दशमांश किसको देना है ??





5} प्रार्थना में घुटने टेकने का अर्थ।



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Saturday, 9 February 2019

इजेबल परमेश्वर के नबियों का विरोध करने वाली आत्मा है इस वचन को ध्यान से पढ़े यह वचन आपके लिए बहुत ही आशिष और छुटकारे का कारण बनेगा। आमीन

इस वचन को ध्यान से पढ़े यह वचन आपके लिए बहुत ही 
आशिष और छुटकारे का कारण बनेगा। आमीन

 ईज़ेबेल की आत्मा और इसके कुछ लक्षण :- 

1) भय - फेल हो जाने का भय , मृत्यु का भय किसी के दूर हो जाने का भय
भय किसी भी प्रकार हो सकता है, वचन कहता है कि भय का संबंध दंड से होता है।

2) प्रबल ईर्ष्या, गुस्सा , घमण्ड 
3) जादू टोना के द्वारा, मूर्ति पूजा 
4) अधिकार का गलत इस्तेमाल करना 
5) असुद्धता, कामुकता, व्यभिचार, बुरे विचारों का आना
6) परमेश्वर के दासों का विरोध करना

यह सिर्फ कुछ ही बातें यहां लिखी है, आप और भी लक्षणों का 
पता लगा सकते हैं वचन में से ध्यान से पढ़कर।

इजेबल परमेश्वर के नबियों का विरोध करने वाली आत्मा है और जितने भी लोग, भविष्यवाणी के क्षेत्र में इस्तेमाल होते हैं, उन सब पर इस आत्मा का अटैक हो सकता है, क्योंकि यह शुरू से ही परमेश्वर के नबियों की दुश्मन रही है, आपको इसकी युक्तियों का पता लगाना है, और इसे निकाल देना है, ईज़ेबेल की आत्मा ज्यादातर भावनायों के द्वारा भी कार्यन्वित होती है, प्राण के क्षेत्र में, और ज्यादातर महिलाओं के द्वारा, इसलिए यदि आप एक नबी के रूप में और नबूवत करनेवाले के रूप में बुलाये गयें हैं तो सावधानी पूर्वक अपनी बुलाहट को पूरा करें। आमीन।।

 प्रकाशित वाक्य 2:19-21
मैं तेरे कामों, और प्रेम, और विश्वास, और सेवा, और धीरज को जानता हूं, और यह भी कि तेरे पिछले काम पहिलों से बढ़ कर हैं।पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है।मैं ने उस को मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।
1 राजा 19:1-3
तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।

ईज़ेबेल कोई साधारण स्त्री नही थी, वह सिदोनियों के राजा एतबाल की बेटी थी, ईज़ेबेल के पिता ने इसको जन्म के समय से ही बाल देवता और अशेरा देवी के सामने अर्पित किया था, इसलिए शुरू से ही ईजेबेल में यह बुरी आत्मायों का वास था, इसलिए जैसे ही ईजेबेल का विवाह अहाब राजा से हुआ तभी से अहाब की दुष्टता इस्राएल में और भी बढ़ गई थी, और उसने अपनी पत्नी की बात मान कर बाल और अशेरा की आराधना की और इस्राएल से भी यह पाप करवाया, जिसके कारण परमेश्वर का क्रोध इस्राएल पर पडा था, वचन में लिखा है कि अहाब अपनी पत्नी के हाथों में बिक गया था, असल में रानी ईजेबेल के पास दूसरों को वश में करने की दुष्ट शक्तियां थी, इसलिए अहाब बुरी रीति से अपनी पत्नी के जाल में फंस गया था, (1 राजा 21:20)

ईजेबेल ने अपने अधिकार का गलत प्रयोग किया था
               और परमेश्वर के बहुत सारे नबियो को मरवा दिया था।