सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है
कि किस को फाड़ खाए।
कि किस को फाड़ खाए।
विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं
ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
(1 पतरस 5:8,9)
"शैतान को अवसर न दो "
( इफिसियो 4:27)
--------------------------
जब तक हम इस संसार में है तब तक सदैव् हमे शैतान के प्रति सतर्क रहना होगा! शैतान परमेश्वर की आशीषो को चुराने का तथा हमे छुटकारे के लाभों से वचिंत रखने का प्रयास करेगा,ताकि हम सदैव चिंतित बने रहे, अन्य क्षेत्रो में नाश होने , बीमारियों के द्रारा हमारे शरीर को नाश करने , निर्धनता में डालने , परमेश्वर के कार्यों को करने से रोकने , पाप के द्रारा हमारे परिवारों को नाश करने अथवा हमारे विरोध में सताव भेजने का प्रयास करेगा आदि आदि!!!!!!
शैतन इन झेत्रो में से क्यों भी झेत्र चुने लेकिन हमे!!!! हेलो!!!
लेकिन हमे---
विशवास "TRUST "में द्ढ होकर उसको झिडकना( भगाना ) है !
हमे अपने जीवन में शैतन को एक भी अवसर नही देना चाहिए!
भयभीत होने के बजाये हमे परमेश्वर और उसके वचनों में स्थिर रहना चाहिए !
लोगो के प्रति क्रोधित और कडवे होने के बजाए हमे परमेश्वर के वचन का दावा करना चाहिए !
हमे आत्मा की तलवार से , जो आपको मुख से बोला गया परमेश्वर का वचन है , शत्रु से युद्ध करना है!!
यहाँ एक ऐसा शत्रु है जहा बहुत से मसीही लोग गिर जाते है ! जैसे ही शत्रु उनके विरोध में आता है , वैसे ही वे वहँ से भाग जाते है!
वे सोचते है की छुटकारे की आशीषो में चलना संभव नहीं है!