Wednesday, 13 March 2019

New Jerusalem Study Who will not enter new Jerusalem New Jerusalem under construction in heaven

नये यरूशलेम का अध्ययन
         स्वर्ग में निर्माणाधीन नया यरूशलेम
मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।  यूहन्ना 14: 2-3
प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए रहने की जगह तैयार कर रहे हैं जब हमारे रहने का स्थान तैयार हो जाएगा । तब वे हमें लेने आएंगे । मसीह की दुल्हन व उसका निवास स्थान अर्थात नया यरूशलेम दुल्हन सहित नई पृथ्वी पर उतरेगा । (प्रा वा. 21: 1-2 )2 पतरस 3: 7, 10-13 के अनुसार वर्तमान पृथ्वी और आकाश जलाए जाने के लिए रखे गए है । क्योंकि शैतान ओर उसके और उसके दूतो ने वर्त्तमान पृथ्वी और आकाश को अपने धृणीत कामो और विचरण से अपवित्र कर दिया है । परमेश्वर की आग तत्वों को पिघलाकर उन्हें नया रूप देगी पृथ्वी पर समुद्र भी नहीं रहेगा और इस प्रकार वर्तमान पृथ्वी और आकाश नए आकाश और पृथ्वी में तब्दील हो जायेगे । पृथ्वी  और आकाश को बदल कर नये व पवित्र स्वरूप में होने के बाद पृथ्वी पर नया यरूशलेम उतरेगा ।
नया यरूशलेम कैसा होगा ?
(1) उसका नाम क्या होगा ।
(1) पवित्र नगर ( प्र.वा.21:2, 22:19)
(2) नया यरूशलेम (  प्र.वा. 3:12, 21:2)
(3) परमेस्वर का डेरा (  प्र.वा. 21 :2, 9,19 )
(4) दुल्हन मेमने की पत्नी (  प्र.वा. 21:2,9,19 )
(5) पवित्र यरूशलेम (  प्र.वा. 21:10)
(6) स्वर्गीय यरूशलेम (इबा : 12:2 )
(7) पिता का घर ( यूहन्ना 14:2)
(2) नये यरूशलेम के बनाने वाले-
परमेश्वर व प्रभु मसीह (  प्र.वा.3: 12, 21:1, 10
यूहन्ना 14:1-3, कुलु 4:26, इब्रा 9:11, 11: 10-16)
(3) नये यरूशलेम का बाहरी स्वरूप-
1) परमेश्वर की महिमा उसमे होगी ।
2) उसकी ज्योति प्रकाश बिल्लौर के समान और यशब की तरह स्वच्छ होगी ।
3) उसकी शहर पनाह बहुत उची होगी।
4) उसके बाहर फाटक होंगे जिन पर 12 स्वर्गदुत होंगे । और इस फाटकों पर इसाइल के 12 गोत्रो का नाम होंगे।
5) पूर्व, पश्चिम, उत्तर , दक्षिण , में 3-3 फाटक होंगे।
6) शहर पनाह की 12 निवे होगी जिन पर मेम्ने (प्रभु यीशु) के 12 प्रेरितो के नाम होंगे ( प्रा.वा. 21:11-14)
(4) नये यरूशलेम का आकार व माप -
1) नगर  वर्गाकार बसा हुआ होगा ।
2) नगर का माप साढे सात सौ कोस । इस नगर की ऊँचाई ,लाबाई और चौडाई एक बराबर होगी अर्थात 2400 कि. मी. लबा ऊँचा और चौडा नगर।
3) शहर पनाह का माप 144 हाथ ( लगभग 100 मीटर ऊँचा ) होगा ( प्रा. वा. 21:16-17)
(5) नये यरुशलेम की निर्माण सामग्री
1) शहरपनाह - यशब की
2) नगर - शुद्ध सोना ( स्वच्छ कांच के समान )
3) नगर की नीव - बहुमुल्य पत्थरो की ( 1. यशब 2) निलमणि 3) लालडी 4) मरकत 5) गोमेदक 6) पुखराज 7) लहसनिआ 8 ) याकूत की होगी।
4) 12 फाटक - मोतियों के
5) सड़क - स्वाच्छ कांच के सामान शुद्ध सोने की ( प्रा .वा. 21:18:21)
(6) नये यरुशलेम की प्रकाश व्यवस्था-
1) नगर में सूर्य और चाँद की उजियाला नही होगी।
2) परमेश्वर के तेज से उसमे उजियाला होगा व हो रहा है।
3) मेम्ना नगर का दीपक है।
4) उस नगर में रात कभी न होगी । ( प्रा. वा. 21:23, 25, 22: 5)
(7) नये यरुशलेम की जल व्यवस्था-
* उस नगर में बिल्लौर के सामान झलकती हुए जीवन के जल नदी है ।
 कोई भी आकर इस जल को पी सकेगा ( प्रा. वा. 221,17 )
(8) नये यरूसलेम की भोजन व्यवस्था- 
1) जीवन के वृक्ष में 12 प्रकार के फल लगेंगे जो हर माह फलेंगे । वृक्ष के पते जाती जाती के लोगो को चंगा करेगे( प्रा.वा. 22:2:7)
2) गुत्त मन्ना ( स्वर्गीय अन्न) स्वर्गदूतो का भोजन  ( प्रा.वा. 2:17) (भजन 78:24-25)
3)प्रभु भोज प्राप्त होगा ( लुका 22:15-18,30)
(9) नये यरुशलेम में कौन प्रवेश नहीं करेगा।
1. डरपोक 2. अविश्वासियों 3. घिनौनो 4. हत्यारो 5. व्यभिचारी 6. टोन्हों जादूगरों तांत्रिक 7. अपवित्र 8. घृणित काम करने वाले 10. झूठे झूठ को चाहने वाले और गठने वाले (  ( प्रा.वा. 21:8, 27, 22, 15 )
(10) नये यरूशलेम में कौन रहेंगे -
1) पुराने नियम के पवित्र लोगो से नये यरूशलेम की प्रतिज्ञा की गई थी ( इब्रा 11:8-16 )
2) आरभीभक कलीसिया से नगर की प्रतिज्ञा की गई थी ( यूहन्ना 14:1-3 , इब्रा 12:22-23)
3) प्रत्येक मसीही से नगर की प्रतिज्ञा है ( प्रा. वा. 3:12 यूहन्ना 14:1-3
4) वहां 144000 यहूदी होंगे । (  ( प्रा.वा. 6:9-11, 7:9-17 ,15:2-4 ,20:4-6
(11) नये यरूशलेम के शासक 
परमेश्वर और मेम्ना (  ( प्रा.वा. 22: 3-5) है व होंगे।
प्रियो स्वर्ग असीमित है उसका आकार व्यापक है जिसका हमे ज्ञान नही है। परमेश्वर जी जो कि आत्मा है और हर जगह व्याप्त है स्वर्ग , अंतरीक्ष,प्रथ्वी, नरक,अधोलोक ,सूर्य ,ग्रह ,नक्षत्र, तारे हर एक स्थान पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर मौजूद है हम हर जगह उसके देखने मे आते है हम उससे बच नही सकते ।
प्रभु परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारे निवास के लिए स्वर्ग के किसी हिस्से में नये यरुशलेम में स्थान तैयार किया जा रहा है और स्थान का निर्माण कार्य पूरा होते ही वे हमें लेने आएगे ।
स्वर्ग औऱ नये यरुशलेम मव यही फर्क है मानो स्वर्ग 1000 एकड़ की जमीन है और उस नया यरूशलेम 20 × 50 वर्गफीट का मकान ।।