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Sunday, 22 March 2020

दूसरी वाणी जिसे यीशु ने क्रूस कही | Second voice: what Jesus called the cross |मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होग

दूसरी वाणी : जिसे यीशु ने क्रूस कही

लूका 23:43 "यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥

यीशु ने किससे और क्यों कहा: आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ?
    बाइबिल हमे यह बताती है कि यीशु के साथ दो डाकू और क्रूस पर लटकाये गए थे । एक यीशु के दाहिनी ओर एक बाई ओर ।  जिस का वर्णन बाइबिल में इस प्रकार से है :
लुक 23:39-43 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की (यीशु ) निन्दा करके कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा। इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है। और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया।  तब उस ने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।
तब यीशु ने कहा :
लुक 23:43 यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥

      उपरोक्त वचन के अनुसार एक डाकू ने यीशु पर विश्वाश किया कि यीशु परमेश्वर है और दूसरे डाकू ने विश्वाश नही किया ।
जिसने विशवास किया ,उससे यीशु ने कहा : तू आज ही मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ।

   प्रियो, इस वाणी से हमे यह शिक्षा मिलती है :
1. यीशु पर विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है ।
2. उस डाकू के समान अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार करना है ।
       प्रियो,  बाइबिल में यीशु मसीह ने कई उपदेश दिए विश्वास पर । जैसे यीशु ने कहा :

यूहन्ना 3:18,19 जो उस (यीशु) पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।  और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे। " एक ओर वचन को पढ़े  जो मिलता है :

इब्रानियों 11:6" और विश्वास बिना उसे  प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। " एक ओर वचन पड़ेंगे जो मिलता :

यूहन्ना 3:13,14" और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र ( यीशु ) भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए। ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए॥  "

       अर्थात अनंत जीवन ,स्वर्गीय जीवन पाने के लिए यीशु पर विश्वास करना जरूरी है । एक और वचन पढे जो मिलता है :

यूहन्ना 3:36 " जो पुत्र (यीशु ) पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र (यीशु ) की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥
   
      यदि यीशु पर विश्वास नही करते है तो परमेश्वर के क्रोध का सामना करना होगा । अर्थात नरक में डाला जाना ।एक ओर वचन को पढ़े जो मिलता है :

प्रिरितो के काम 16:30-31 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।

    प्रियो, यदि आप पापों से उद्धार पाना चाहते है  और स्वर्गीय आशीष को, अनन्त जीवन को पाना चाहते है , तो यीशु मसीह पर विश्वास करना होगा कि वह परमेश्वर का पुत्र है और हमे हमारे पापों से उद्धार देने इस जगत में आया । और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए क्रूस पर बलिदान हुआ ।
   
प्रियो, जैसे उस डाकू ने  यीशु पर विश्वास  किया कि  यीशु परमेश्वर का पुत्र है और अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार किया । तो यीशु ने उससे कहा : आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा ।

विश्वास के लिये दो बातें जरूरी है । जैसा परमेश्वर का वचन कहता :

रोमियो 10:10" क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।

एक और वचन की ओर आपका ध्यान ले जाना चाहती हूं :

1 यूहन्ना 1:9,10 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह (यीशु ) हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है॥

प्रियो, जैसे एक डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार कर  स्वर्गीय राज्य को पाया । लेकिन दूसरे डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे काबुल न कर स्वर्गीय आशीष को खो दिया । वैसे ही आज बहुत से लोग अपने पापों में बने  हुए है और परमेश्वर की दया को ठुकरा रहे है ये बहुत ही दुख की बात है । ये वाणी उन्हें फिर से परमेश्वर की दया को याद दिला रही है कि वे पापों से मन फिराए ओर परमेश्वर की दया को प्राप्त करे ।

      उपरोक्त वचनों को जानने के बाद यदि आप यीशु पर विश्वास करते है और अपने पापों से उद्धार पाना चाहते है । और स्वर्गी राज्य में भागी होना चाहते है । और नरक के दंड से बचना चाहते है तो इसी वक़्त अपने अपने पापों को यीशु के आगे कबुल करे । मतलब अपने आप को यीशु के आगे सरेंडर करे। सरेंडर करने का मतलब। जैसे एक सैनिक दूसरे देश के बॉर्डर पर यदि दूसरे देश के सैनिकों से घिर जाए तो वह अपनी जान बचाने के लिए अपने आप को सरेंडर करता है अर्थात  वह अपनी बंदूक,बैग, और जो कुछ भी उसके पास होता है उसे जमीन पर फैक कर दोनों हाथों को ऊपर करता तब दूसरे देश के सैनिक उस पर गोली नही चलते । उसी प्रकार जितने अपने पापों को यीशु के आगे डाल देते है जितने पापों से मन फिरते है और  उसे अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते है । तब यीशु उनके पापों को क्षमा करेगा । और उनको  स्वर्गीय राज्य के लिए चुन लेगा । प्रियो ,इसी वक्त अपना जीवन प्रभु यीशु को दे । ताकि स्वर्गीय आशीष को पा सको ओर नरक के दंड से बच सको । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुत बहुत आशीष दे । आमीन

     

Saturday, 2 February 2019

YESHU NAMAK PANI ES PANI KO PIYO OR AMAR HO JAO Water named Jesus

यीशु नामक पानी 
    प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम मे आप सभी भाईओ बहनों पास्टर 
उपदेशक और युवा मित्र साथियों कॊ जय मसीह कई कहता हूँ 

आप लोगो ने बहुत पानी का नाम सुना होगा 
जो भिँय भिँय कार्यों मे काम आता हैं 

लेकीन मै आप सब कॊ एक येसे पानी का नाम बताऊँगा जिससे पी कर आप हमेशा
 के लिये अमर हो जायेंगे हमेशा के लिये जीवित रहेंगे.

      आप लोगो ने सुना होगा टीवी मे देखा होगा की अमृत पीने से मनुष्य जो हैं ओ अमर हो जाता हैं.
      पहली बात तो ये साच्च नहीँ हैं सही नहीँ हैं और मान लो सही भी हैं तो आप कॊ अमृत कहाँ मिलेगा ?

    हम पहले देख चुके हैं टीवी मे की लोग अमृत पाने के लिये क्या क्या करते हैं.
     काई काई  वर्ष पहाडो पर जा कर तपस्या करते हैं उपवास करते हैं कइओं सालो तक ,बली देते हैं
 अमृत कॊ पाने के लिये भीर भी कोई भरोसा नहीँ की उनको अमृत मील जायेगा.

लेकीन प्रियाओं आप सब कॊ ये करने की जरुर नहीँ हैं ना ही आप कॊ पहाडो पर जाना हैं 
और ना ही आप कॊ बली देना हैं और ना ही आप कॊ तपस्या करना हैं 

   तो करना क्या हैं 

 आप कॊ बस ये करना हैं की आप कॊ अपना जीवन यीशु कॊ देना हैं 
   उसके आज्ञा कॊ बनना हैं उसके कहे वचनों पर विश्वाश करना हैं उसके साथ
 पवित्रा के साथ जीवन बिताना हैं लोगो कॊ यीशु के बारे मे बताना हैं 
    
   भीर जब आप ये सब करेंगे तो यीशु आप कॊ पानी पिलायेंगे 
   ओ पानी का नाम हैं 
"यीशु नामक पानी" 
    जी हाँ  यीशु नामक पानी पीने से आपस अमर हो जायेंगे 
यीशु ने कहाँ हैं यूहन्ना 4 अध्याय के 14 पद मे  की 

परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक
 प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो
 अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

  जी मेरे प्रियाओं ओ एक सोता बन जायेगा और ओ 
अनन्त जीवन के लिये रहेगा आप के पास.

तो मेरे दोस्तो अपना जीवन प्रभु कॊ दीजिये अपने मुँह से कहते रहे जाहे जहाँ 
भी रहे क्योंकि प्रभु ने आप कॊ ओ जल दे दिये हैं तो आप उनका धन्यवाद इस प्रकार से करे.




धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद यीशु,
धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद यीशु,धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद
 यीशु,धन्यवाद यीशु , धन्यवाद यीशु, धन्यवाद यीशु, अनगिनत बार बोलते रहे


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Sunday, 20 January 2019

Shaitan Ne Yahova Ko Uttar Diya Kya Aayob Prameshawar Ka BHAY Bina Labh Ke Mantaa hai

अय्यूब 1:9 Job 1:9
शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया,"क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है ?

मसीह में भाईयो और बहनों सबको जय मसीह की ! 
प्रभु का धन्यवाद आज के इस सुंदर वचन के लिये ! 

आज हम देखे तो हम सब बहुत बड़े स्वार्थी है ! हम सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में ही सोचते है !
 हम हर चीज़ में हर बात में बस अपना मतलब ढूँढते है ! यहाँ तक की हम अपने प्रभु के साथ 
जो रिश्ता कायम करते है, उसमे भी हमारा हर समय स्वार्थ ही होता है 

.हम जब प्रार्थना करते है तो पहले तो एक लम्बी चौड़ी लिस्ट होती है हमारे पास, प्रभु हमे यह चाहिये 
ऐसा करदो वैसा करदो ! हम अपनी इच्छाओं  को पूरा करने के लिये, अपने जरूरतों के लिये अपनी
 मनोकामनाओं के लिये ही प्रभु से प्रार्थना करते है ! हम अपनी इच्छाओं को तो हर रोज़ प्रभु को बताते है ! 
लेकिन कभी क्या हमने यह जानने की कोशिश की, कि प्रभु कि क्या इच्छा है

हम तो प्रभु से अनगिणित  चीजे चाहते ह पर प्रभु हम से क्या चाहता है, कभी हमने सोचा है ? 
इतना ही नही  हम जब प्रभु के घर भी जाते है अपनी बहुत सारी माँगे तो प्रभु के सामने रख आते है
और कुछ लोग तो शर्ते भी रख आते है, ऐसा हो जाएगा तो हम ऐसा करेगे, वगेरह  - वगेरह  ! 
 पर मज़े की बात तो यह है अपनी लिस्ट प्रभु को देने के चक्कर में हम प्रभु की तरफ़ देखते भी नही ! 
जबकि प्रभु चाहता है, कि हम उससे बाते करे उससे अपनी बाते कहे और उसकी भी सुने !
 प्रभु चाहता है कि उसका और हमारा प्यार मतलबी न हो और देखा जाए तो ऐसा तो कोई
 भी नही चाहता की उनका किसी के भी साथ प्यार मतलबी हो ! 
आज हम वचन में देखते है कि अय्यूब का प्यार यहोवा के साथ मतलबी नही था 
वो बिना किसी लाभ के यहोवा का भय मानता था ! शैतान यहोवा से कहता है कि
 तूने अभी तक अय्यूब को आशीष  ही दी है, इसी लिये वो तेरा भय मानता है ! 
लकिन उसकी आशीशे  वापिस लेकर देख वो तेरी निन्दा करेगा ! लकिन 
अय्यूब पर कितनी ही विपितिया आई पर उसके मुँह से कभी यहोवा के विरुद्ध
 कोई बात नही निकाली, पर धन्यवाद ही निकला ! 
पर हमे थोड़ा सा कोई दुख, कोई तकलीफ, कोई परेशानी आई नही कि हम शुरू हो जाते है
 प्रभु के विरूध्द बूढ़बुडाने ! लकिन आज हमे अपने स्वभाव में बदलाव लाने की ज़रूरत है ! 
अय्यूब की तरह बिना लाभ के प्रभु का भय मानने की ज़रूरत है ! प्रभु यीशु मसीह बहुत 
जल्द आनेवाला है ! प्रभु हमे इस वचन से आशीष करे ! आमीन ! 
धन्यवाद !


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Friday, 4 January 2019

Prameshawar Ke Sath Baatcheet Karna Interact with God || परमेश्वर के साथ बातचीत करना

 परमेश्वर के साथ बातचीत करना

हमने देखा कि यह  महज़ एक कल्पना करने की बात नहीं है। दरअसल, मूसा ने वाकई परमेश्वर से बातें की थीं। हमारे बारे में क्या? अब परमेश्वर इंसानों से बातें करने के लिए अपने फरिश्ते नहीं भेजता। लेकिन आज हमारे साथ बातचीत करने का परमेश्वर के पास एक बेहतरीन ज़रिया है। हम परमेश्वर की बातें कैसे सुन सकते हैं? पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है, इसलिए जब हम उसका वचन बाइबल पढ़ते हैं, तो हम परमेश्वर की बातें सुन रहे होते हैं।  भजनकार ने परमेश्वर के सेवकों से गुज़ारिश की कि वे “रात दिन” उसका वचन पढ़ें। इसके लिए हमें बहुत यत्न करने की ज़रूरत होगी। लेकिन हमारी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। क्योंकि जैसा बाइबल हमारे स्वर्गीय पिता की तरफ से एक अनमोल खत की तरह है। तो इसे पढ़ना सिर्फ एक खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। इसे पढ़ते वक्‍त हमें इसे सजीव बनाने की कोशिश करनी चाहिए। हम यह कैसे कर सकते हैं? बाइबल की घटनाओं को पढ़ते वक्‍त कल्पना कीजिए कि आप खुद वहाँ मौजूद हैं। उसमें बताए किरदारों को देखने की कोशिश कीजिए। उनकी संस्कृति, उनके हालात, और उनके इरादों को समझने की कोशिश कीजिए। उसके बाद जो आपने पढ़ा है उस पर गहराई से सोचिए। खुद से ऐसे सवाल पूछिए यह घटना मुझे परमेश्वर के बारे में क्या सिखाती है? मैं उसके किस गुण को यहाँ देख सकता हूँ? परमेश्वर कौन-सा सिद्धांत मुझे सिखाना चाहता है और मैं इसे अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकता हूँ?’ पढ़िए, मनन कीजिए और उस पर अमल कीजिए। जब आप ऐसा करेंगे, तो परमेश्वर का वचन पढ़ने में और भी दिलचस्प लगेगा और उसमें जान आ जाएगी।परमेश्वर “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के ज़रिए भी हमसे बातें करता है। जैसे यीशु ने भविष्यवाणी की थी, संकट भरे इन अंतिम दिनों में, “समय पर  . . भोजन” देने के लिए अभिषिक्त भाइयों से बना एक छोटा-सा

Wednesday, 26 December 2018

DO YOU WANT JESUS TO COME TO YOUR HOME THIS CHRISTMAS

PROPHET BAJINDER SINGH MINISTRY
THE CHURCH OF GLORY AND WISDOM
आप सबको प्रोफेट बजिंद्र सिंह जी की और से क्रिसमस और नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए
क्या आप चाहते है क्रिसमस पर प्रभु यीशु मसीह आपके घर आए । प्रभु नये वर्ष मे उन लोगो के घर आएगा जो खुशखबरी का मैसेज पास करते है ।
प्रभु यीशु मसीह चरवाहो के घर इसलिए पैदा हुआ। क्योकि उस समय चरवाहे ही लोगो का मैसेज लेकर दूर दूर जाते थे ।
परमेश्वर ने भी अपने बेटे के मैसेज को पहुचाने के लिए चरवाहो को चुना ।
जो क्रिसमस के मौके पर लोगो को सुसमाचार सुना कर प्रभु यीशु मसीह उधारकर्ता का मैसेज पास रहे है ।
प्रभु के स्वर्गदूत उनके घर मे खुशियाँ लेकर आ रहे है । लोग शरीर मे क्रिसमस मनाते है । हम आत्मा मे सेलिब्रेशन करेंगे
आप लोगो को जाकर इनवीटेशन दो । प्रभु यीशु मसीह उधारकर्ता का मैसेज पास करो । जितने इस क्रिसमस पर ग्लोरी एण्ड विस्डम चर्च मे शामिल होंगे
प्रभु उन सब को आशीष देने के लिए जा रहा है ।
और इस दिन प्रोफेट जी आपके लिए प्रार्थना करके प्रभु से आपको बरकतो का चंगाई और छुटकारे का गिफ्ट दिलाएंगे ।
DO YOU WANT JESUS TO COME TO YOUR HOME THIS CHRISTMAS .THOSE WHO PASSING GOOD NEWS JESUS WILL COME TO THEIR IN THIS YEAR.
WHEN JESUS WAS BORN. ANGELS APPEARED TO THE SHEPHERED FIRST.BECAUSE ON THAT TIME SHEPHRED WAS THE WAY TO SAW THE MASSAGE.
GOD CHOOSE SHEPHERD TO PASSING HIS SON MASSAGE
THOSE WHO PASSING THE MASSAGE


THOSE WHO PASSING THE MASSAGE OF JESUS BY GIVING GOOD NEWS TO THE OTHER ON CHRISTMAS
GOD ANGELS WILL BRING HAPPINESS TO. THEIR HOUSE . PEOPLE CELEBRATE CHRISTMAS IN BODY WE WILL CELEBRATE IN SPIRIT.
YOU GO TO THE PEOPLE AND GIVE THEM INVITATION THOSE WHO COME TO CHURCH OF GLORY AND WISDOM ON THIS CHRISTMAS.
GOD WILL GOING TO BLESS ALL OF THEM
ON THAT DAY PROPHET BAJINDER SINGH WILL GIVE YOU GIFT OF GOODNESS , DELIVRANCE FROM GOD


Thursday, 6 September 2018

SABHI KE LIYE PRARTHNA | Pray for everyone | सभी के लिये प्रार्थना | परमेशवर का अनुग्रह और उसकी दया हम सबो के साथ रहे | SABHI KE LIYE PRARTHNA | Pray for everyone

परमेशवर का अनुग्रह और उसकी दया हम सबो के साथ रहे आमीन 
पतरस कहता हे " हमारे अंदर हमारे बाप-दादाओ ( पूर्वजों ) का स्वभाव हे, आपने देखा होगा बहुत बार कूछ बचो का आचारण बिलकुल मां-बाप की तरह होता हे, बहूत जल्दी गूसा आ जाना, माफ ना करना, बजपन से ही एक शकी स्वभाव रखना, अपने लिए उच विचार रखना और दूसरो को अपने से कम जानना, झूठ बोलना, मन और शरीरक रूप से व्यभिचार करना, यह सब बाते हम बचपन से ले कर पेदा हूए हे, आज यह स्वभाव होने के कारण ही घर के अंदर तकलीफे हे, पती-पत्नी के बीच झगड़े हे, लड़ाईयां हे और तलाक तक हो जाते हे, मेरे भाईयो और बहनों यह बात आप जान लीजीए, हमारी तकलीफ बाहर नही पर हमारे अंदर ( हमारी सोच ) हे, यीशू मसीह वचन हे जो आपके अंदर जा कर आपको बदलता हे.
वचन कहता हे " मरियम नाक की एक सत्री थी " वह कुंवारी थी, एक दिन परमेशवर की और से एक स्वर्ग दूत उसके पास गया, उसने कहा " पवित्र आत्मा तूझ पर उतरेगा और तुझ से एक बालक उतपन होगा और उसका नाम यीशू रखना, पवित्र आत्मा ने पिता का खून ले कर यीशू के बदन मे डाला, यीशू ने वह खून हमारे लिए क्रूस पर बहा दिया, यदि आप अपने बाप-दादाओं के सवभाव से बाहर आना चाहते हे और मसीह की तरह बनना चाहते हे तोह आपको इस खून का उपयोग करना होगा जो खून यीशू ने क्रूस पर बहाया . लूका 1 
यीशू के पास शैतान आया और उसको भरमाने की कौशिश करता रहा, हर बार यीशू ने वचन कह कर उसको अपने आप से दूर किया, एक यही तरीका हे यीशू के लहू को प्रयोग करने का, हर दिन यह कहे " मे जो दूर था अब यीशू के लहू के कारण पिता के करीब हू, उसके लहू मे मूझे छूटकारा और पापो की शमा मिली हे, उसका लहू मेरे मरे हूऐ विवेक को जिलाता हे, मेरे भाईयो और बहनो जितना अदिक आप अपनी जूबान से यीशू के लहू के विषय मे लिखे हूऐ वचन कहोगे उतना अदिक आप अपने बंधनों से आजाद होते जाओगे... एक यही तरीका हे उसके लहू को इस्तमाल करने का.1 पतरस 1:18-19
क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ, 
पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ। दूख की बात हे की आज कलीसयाओ मे एक ऐसा सूसमाचार प्रचार हो रहा हे जहां यीशू के लहू का कोई जिक्र तक नही होता.इसलिए लोग कलीसया मे रह कर भी बंधनों मे हे.
यदि आप चाहकर भी अपने पापों से निकल नहीं पा रहे हैं तो
मेरे भाईयो और बहनो भार भार इस वचन को सूने और परमेश्वर के अनुग्रह से इसका अभ्यास कर अपने जीवन में यह वचन आपको आजाद कर देगा.

सभी के लिये प्रार्थना 1 तीमुथियुस 2:1-7
[1] अब मैं सब से पहिले यह उपदेश देता हूं, कि बिनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिये किए जाएं।
[2] राजाओं और सब ऊंचे पद वालों के निमित्त इसलिये कि हम विश्राम और चैन के साथ सारी भक्ति और गम्भीरता से जीवन बिताएं।[3] यह हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर को अच्छा लगता, और भाता भी है।
[4] वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। (यहे. 18:23)
[5] क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है।
[6] जिस ने अपने आप को सब के छुटकारे के दाम में दे दिया; ताकि उस की गवाही ठीक समयों पर दी जाए।
[7] मैं सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता, कि मैं इसी उद्देश्य से प्रचारक और प्रेरित और अन्यजातियों के लिये विश्वास और सत्य का उपदेशक ठहराया गया॥*
AmEn


Wednesday, 5 September 2018

मैं आप सभी से एक सवाल करना चाहता हूं | सच्चा दोस्त | I want to ask you all one question

मैं आप सभी से एक सवाल करना चाहता हूं इस संसार में आपका परिवार आपके दोस्त और आपके रिश्तेदार आप के जानकार भी होंगे परंतु उनमें से क्या कोई ऐसा है ✝आपकी बीमारियो को  ठीक कर सकता हो आप के पापों को क्षमा कर सकता हो आपकी सोच को अच्छा कर सकता हो  आपके बुरे कामों को छुड़वा सकता हो आपको शांति दे सकता हो आपको आनंद दे सकता हो आपके क्रोध को शांत कर सकता हो आपको एक नया जीवन दे सकता हो हर समय जब भी आपको कोई भी जरूरत हो आपकी बात सुन सकता हो क्या कोई ऐसा मनुष्य आपके घर में या आपके घर के बाहर  मिलेगा यहां तक कि जिसने आपके लिए अपना प्राण तक दे दिया हो ताकि आप दूसरी मृत्यु ( नर्क ) को ना जाएं परंतु अनंत जीवन प्राप्त करें मैं विश्वास के साथ कहता हूं ऐसा कोई मनुष्य इस धरती पर तो नहीं हो सकता है  तो अगर आप भी अपनी जिंदगी से परेशान है और आपकी कोई सहायता नहीं कर रहा तुम मेरी बात  ध्यान से सुनो मैं तुमसे सच कहता हूं मैं तुमसे कोई मजाक नहीं कर रहा बाइबल को लिखवाने वाला परमेश्वर आज भी सभी की चिंता करता ह*क्योंकि वह कोई देवी या देवता नहीं है  वही सारी सृष्टि का सृजन हार है अगर आपको भी  जिंदगी की सच्चाई जाननी है तो बाइबल पढ़ना हर व्यक्ति को बहुत जरूरी है क्योंकि एक ही स्वर्ग है और एक ही नारा एक ही बार मनुष्य पैदा होता है और एक ही बार मरता है और मनुष्य की उम्र का कोई भरोसा नहीं इसलिए मैं आप सभी से प्रार्थना करता हूं अपने समय को खराब ना कीजिए और  क्योंकि बाइबल का परमेश्वर आपसे बहुत कुछ कहना चाहता है क्योंकि वह सभी प्राणियों की आत्माओं का पिता है और आप उसकी संतान हो क्या एक पिता का मन नहीं करता कि वह अपने बच्चे से बातचीत करें और क्या मृत्यु के बाद आप बाइबल पढ़ सकते हो क्या मृत्यु के बाद आप उसे  जान सकते हो कि वह कौन है क्योंकि मनुष्य का जन्म ही इसलिए हुआ था कि वह उस सत्य को खोजें   
परमेश्वर कहता है कि तुम नाशवान शरीर के लिए अपना कीमती समय मत खराब करो परंतु उस भोजन के लिए मेहनत करो जो तुम्हें हमेशा हमेशा के लिए जीवित रखता है
अभी आप इस बात को नहीं जानते परंतु बाइबल से पढ़कर आप जानोगे  कि वह बार बार आप को बुलाता रहता  है  आपको कहता है दूख और निराशा में पड़े हुए लोगों मेरे पास आओ मैं तुम्हें शांति दूंगा  क्योंकि सारी दुनिया जहान की धन दौलत और आपका शरीर यहीं इसी जगह रह जाएगा आगे जाएगा तो वह आपका आत्मा और परमेश्वर का सत्य वचन कहता है  हम इस पृथ्वी पर सब कुछ बनाकर अपनी आत्मा को ऩाश करे  तो इससे बड़ा दुख तेरे लिए और क्या होगा

 

                             सच्चा दोस्त 
मूसा और अब्राहम को परमेश्वर का मित्र कहाँ गया ।दाऊद को परमेश्वर के मन के मुताबिक कहाँ गया ।
 अय्युब हनोक और नूह की परमेश्वर के साथ मित्रता थी।पुरोहितो को परमेश्वर से मिलने के लिए  घंटी तैयारी करनी पड़ती थी। अब हम परमेश्वर से किसी भी समय मिल सकते है। रोमियों 5:11 " केवल यहीं नहीं परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा , जिसके द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर में आनन्दित होते है।) 2 कुरू, 5:18" ये सब बातें परमेश्वर की ओर से है. जिसने मसीह कंघी  द्वारा अपने साथ हमारा मेल मिलाप कर लिया. और मेल मिलाप की सेवा हमे सौंप दी है " यीशु ने कहाँ " अब से मैं तुम्हें दास न कहूँगा. क्योंकि दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करता है; परन्तु मै ने तुम्हें मित्र कहाँ है हमारा सच्चा मित्र प्रभु यीशु मसीह है। हमे उसने अपना मित्र कहाँ है। 
क्योंकि संसार से मित्रता करना परमेश्वर से बैर रखना है। 
इसलिए आज हमारे पास एक अच्छा अवसर है कि इस फ्रेंड सीप डे मे हम यीशु से दोस्ती करले। वह हमेशा दोस्ती निभाएगा ।
अगर आज आप यीशु को अपना फ्रेंड बनाते है तो। आपको ।
 नेगी की ओर से हेप्पी फ्रेंड सीप डे
आप सभी को फ्रेंड सीप डे मुबारक हो।
आमीन आमीन आमीन 
दुनिया की भीड़ मे मैं पापों कि जिन्दगी जी रहा था.
लोगों ने समझाया पर मैं किसी की नहीं सून रहा था...
पर मुझे नहीं पता था कि कोई मेरे पापों को अपने पिठ के पीछे फेंक रहा था.मेरे कामों कि बजाह से मेरा परिवार भी रोह रहा था.
मैंने सोचा कि जिन्दगी यही है पर मैंने इये ना सोचा जिसनें मुझे अपने लिए रचा वो भी रोह रहा था.एक बार जब सोचा मैंने जिन्दगी के बारे मे तब एक आवाज आई कि तु पाप से भरी जिन्दगी जी रहा है.
अब तो मेरे आंखों में आसूँओ कि धारा वहने लगीं जब उसने कहा तु  तो नर्क का बिछौना तैयार कर रहा है.अब मैं झुका उसके कदमों में मैंने कहा हे प्रभू मुझे माफ कर.जो आपने बहाया लहू मेरे गुनाहों के खातिर उस लहू से मुझे माफ कर.फिर उसने कहा हे मेरे बेटे क्योंकि मैंने तेरे गुनाहों को मैंने मिटा दिया.लेकिन मैं ईतना चाहता हूँ की तू मेरी सेवा करे इस लिए मैंने तूझे नया जीवन दिया.तब मैंने कहा प्रभु तुझसे दुर मैं कहीं ना जाऊँगा.और जो पाप मे फसे हैं उनको तेरे बारे मे बताऊँगा.
मार्ग सत्य और जीवन यीशू मसीह ही है सारे संसार मे सबको मैं फैलाऊँगा.और यीशू मसीह हमारे पापों के लिए मारे गए गाडे़ गए और तीसरे दिन जी उठे अब सबको मैं बताऊँगा

Thursday, 30 August 2018

प्रोफेट बजिंद्र सिंह के लिए तीन दिन की फास्टिंग प्रार्थना करे| बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार |

जब एस्थर ने अपने लोगो के साथ मिलकर तीन दिन रात के रोजे रखे तो परमेश्वर ने उनकी प्रार्थना का उत्तर उन्हे दिया एस्थर की जाती बचाई गई आप सब भी परमेश्वर के दास प्रोफेट बजिंद्र सिंह के लिए तीन दिन की फास्टिंग प्रार्थना करे (बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार) जिस तरह जब पतरस जेल में था तो कलीसिया ने एक मन होकर प्रार्थना की और परमेश्वर ने उनकी प्रार्थना का उत्तर उन्हे दिया जब आप प्रभु के दास के लिए प्रार्थना करेंगे तो परमेश्वर आपको ब्लेस करेगा जिस तरह परमेश्वर ने अब्राहम को बोला की जो तुझेआशीष देगा मैं उसे आशीष दूंगा जो तुझे श्राप देगा मैं उसे श्राप दूंगा जब आप परमेश्वर के दास के लिए प्रार्थना करेंगे तो आपके जीवन से बिमारिओ के निराशा के कर्जे के बंधन टूट जायेंगे प्रभु के दास ने भविष्यवाणी की है जो लोग तीन दिन की फास्टिंग प्रार्थना करेंगे वो तीन महीने के बाद बहुत बड़ी गवाही के साथ वापीस आएंगे अगर आप इस भविष्यवाणी को ग्रहण कर रहे है तो शेयर और कमेंट जरूर करे ।
When Esther did three day night fasting with his people. God answered her pray. Esther people got safe. Pray for Prophet Bajinder Singh for three day night when Patrus was in jail all his people pray together for him and God answered for there prayer when you do pray for man of God Prophet Bajinder Singh God will bless you like God said to Abraham bless who bless you who curse you i curse on him. When you pray for Prophet Bajinder Singh all the chains in your life wheather it is sickness, disapointment, or debt it will be broken. Prophet Bajinder Singh prophecy people who do three days night fasting Wednesday, Thursday & Friday after three month they will back with bigest testimonies. It you beleive in this prophecy please Comment & share

Sunday, 5 August 2018

आज का विषय यीशु मेरा सच्चा मित्र

विषय -- सच्चा मित्र कौन ???
   आप सभी को प्रभु यीशु मसीह  
      मधुर नाम में  जय मसीह की  

आज का विषय "यीशु मेरा सच्चा मित्र" आज इसे हम परमेश्वर क वचन से सीखेंगे। यदि आप परमेश्वर के वचन से देखे तो नीतिवचन 17:17 में " मित्र सब समयों में प्रेम रखता है , और विपत्ति के दीन भाई बन जाता है।" बहुत अच्छी बात परमेश्वर के वचन में सुलेमान राजा ने कहा मेरे प्रिय भाइयो और बहनों में आप लोगो से ये कहना चाहती हूँ क्या आपका कोई मित्र है ? यदि हाँ तो कैसी मित्रता है आपकी उनके साथ ? क्या वो आपका सच्चा मित्र है ? इन सारे सवालों के जवाब आपको कही और नहीं बल्कि परमेश्वर के वचन से मिलेंगे । और ये आपको बतायेगा कि आपका सच्चा मित्र कौन हो सकता है। मेरे प्रियो यहाँ जो वचन आपके समुख रखा गया है उसके अनुसार यहाँ दो बाते विशेष है (1) प्रेम , (2) भाई । इन्ही दो बातो को हम देखेंगे कि हमारा सच्चा मित्र इसी संसार से है या फी यीशु मसीह है।
प्रेम - किसी के लिए ये प्रेम शब्द कहने में बहुत सरल है लेकिन क्या अपने कभी इस शब्द का मतलब samjhne की कोशिश कि ? आखिर ये प्रेम है क्या ?
मेरे प्रियो ये प्रेम शब्द कहा से आया किसने किया प्रेम ?
  1 यहुन्ना 4: 9 " प्रेम इस में नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया, परन्तु इसमें है कि उसने हमसे प्रेम किया और हमारे पापों के प्रयाश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा। "
   जब हमारा कोई मित्र होता है तो हम उससे प्रेम करते है लेकिन क्या आप जानते है कि जिसे अपने अपना मित्र बनाया है क्या वो भिअप्से वैसा ही प्रेम करता / करती है
   जैसा आप उससे करते है ? जैसा नितिवचन में लिखा है कि "मित्र सब समयों में प्रेम रखता है" क्या आपका जो मित्र है आपसे हर समयों में प्रेम रखता है ?
   नहीं मेरे प्रियो ऐसा नहीं होता शयद ही कोई ऐसा हो जो प्रेम रखे यदि आपके मित्र के साथ आपकी बहस या लड़ाई हो जाये तो वो शयद आपसे बात न करे या फिर आपके और आपके मित्रके बिच में बातचीत बंद हो जाये तो क्या यहाँ पर आपके और आपके मित्र के बिच में प्रेम कहा रहा? परन्तु मेरे प्रियो मेरा और आपका यीशु हमसे प्रेम करता है हम उससे यदि याद न करे भूल जाये फिर भी वो आपको और मुझको स्मरण रखता है और हमसे प्रेम करता है अप और में उससे प्रेम न करे या भूल जाये पर वो हमेशा हमे याद रखता है और हमसे प्रेम करता है। हम इस बात को न भूले कि
*प्रभु यीशु तु मुझे

आज बहुत से परिवारों में अशांति और झगड़े है और इन झगड़ों का मुख्य कारण है बहस करना सहनशील ना होना और क्षमा ना करना*

*सच्ची क्षमा अपने ह्रदय में दूसरों के प्रति बदले की भावना और कड़वाहट को ना रखना है*

*परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि हमें लोगों की गलतियों के प्रति धीरजवन्त होना है*

*इसका अर्थ यह नहीं कि हम लोगों को बिगड़ने के लिए छोड़ दें हां*

*हमें लोगों को समझाना और सिखाना है*
*पर बुद्धिमानी से सबसे महत्वपूर्ण परमेश्वर के मार्गदर्शन के अनुसार*

*क्योंकि हम लोगों को नहीं बदल सकते हैं लेकिन परमेश्वर है जो उन को बदल सकता है*

*मत्ती 19:26*
*यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है*

*बहुत बार हमारे जीवन में भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं जिसमें हमें बिल्कुल भी समझ में नहीं आता कि हम क्या करें?*

*अब जब तक हम जिंदा है तब तक शैतान हमें परेशान करेगा ही समस्याएं आएंगे ही*

*लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी हम एक शांतिमय जीवन को कैसे जिए?*

*और इसका कुंजी है क्या*

*इसका कुंजी है केवल परमेश्वर की उपस्थिति*

*परमेश्वर की उपस्थिति 5 मिनट बाइबल पढ़ना 10 मिनट प्रार्थना करने से नहीं आती परमेश्वर की उपस्थिति आती है {उसे खोजने में}*

*और खोजने के लिए दो बातों का होना*
*आवश्यक है पहला अपना ध्यान केवल उसी पर लगाना और दूसरा हमारा समय*

*यशायाह 55:6*
*जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो;*

*उसकी उपस्थिति के लिए हमें कीमत चुकानी पड़ती है और वह है हमारा समय*

*हम परमेश्वर की उपस्थिति में दो बातों के द्वारा प्रवेश करते हैं पहला विश्वास और दूसरा प्रभु यीशु का लहू*

*विश्वास करने के द्वारा हम परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं*

*इब्रानियों 4:3*
*और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं;*

*यह विश्राम वह स्थान है चाहे हम कैसे भी दर्दनाक परिस्थिति से गुजर रहे हो या अत्यंत दुख और क्लेश में हो पर फिर भी हम अंदर से शांत और आनंद में हो)*

*हम नाना प्रकार के समस्याओं से गुजरते तो हैं पर इसमें हम अकेले नहीं हमारे साथ कोई है*

*रोमियो 8:31*
*सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है*

*और वह अंत तक हमारे साथ रहेगा वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा*

*महिमा केवल हमारे प्रभु को*