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Tuesday, 18 July 2023

खुदा हमारी गलतियों को बरकतों में तब्दील कर देगा। हमारे महान और जीवित परमेश्वर का अनुग्रह हम सब पर बना रहे

 हमारे महान और जीवित परमेश्वर का अनुग्रह हम सब पर बना रहे। आमीन।


खुदा हमारी गलतियों को बरकतों में तब्दील कर देगा।

आज की इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में हर इंसान तनाव में है दिन ब दिन हम मुश्किलों और परेशानियों में फंसते जा रहे है और इसी के परिणामस्वरुप हम न जाने कितनी अनगिनत गलतियां करते है जिनका नतीजा गुनाह है। आज के इस दौर में गलतियां होना स्वाभाविक है परन्तु हम अपनी गलतियों के प्रति अपना नज़रिया कैसा रखते है ? ये सब से महत्वपूर्ण बात है - क्या हम अपनी गलती को नज़रअंदाज करते  है या उन्हें छुपााते है या उनसे भागते है या हम उन्हें सुधारते है या उनके लिए क्षमा मांगते है ?

यदि हम अपनी गलती (भूल) को छुपा रहे है या उस से भाग रहे है तो हम गुनाह कर रहे है और अपने जीवन में परेशानियों को और बुलावा दे रहे है ! यदि हम माफ़ी और सच्चे पश्चाताप द्वारा अपनी गलती को नहीं सुधार रहे तो हम गुनाहों की और जा रहे है जिसके दुष्परिणाम हमें जीवन में देखने होंगे। क्योंकि गुनाह के कारण हम खुदा से दिन-ब-दिन दूर होते जाएंगे और खुदा की बरकतों से वंचित हो जाएंगे।

जैसा हम अपनी गलतियों के साथ करते हैं, वैसा ही हम अपने जीवनों के पापों के साथ भी करते हैं। लेकिन परमेश्वर जो हम सब का सृष्टिकर्ता है, हम सबको अन्दर-बाहर से भलि-भांति जानता है, हमारी गलतियों और गुनाहों के कारण हमें छोड़ना नहीं चाहता वरन चाहता है कि हमें सुधार सकें और पाप के परिणाम से बचाकर भला और बेहतर बना सके। इसका एक उदाहरण हम प्रभु यीशु के चेले पतरस के जीवन से पाते हैं।

जब प्रभु यीशु ने अपनी आती मृत्यु के बारे में अपने चेलों से चर्चा करी तब पतरस ने उसके प्रति अपने समर्पण तथा वफादारी के बड़े बड़े दावे किए; किंतु थोड़े ही समय पश्चात जब प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए वास्तव में पकड़वाया गया, तब पतरस ने भयवश तीन बार प्रभु यीशु को पहचानने और उसका अनुयायी होने से इन्कार कर दिया। लेकिन अपने मृतकों में से पुनरुत्थान के पश्चात प्रभु यीशु ने पतरस के दोषपूर्ण अतीत के बावजूद तीन बार पतरस को अपने आने वाले अनुयायीयों की देखभाल करने कि ज़िम्मेदारी दी (यूहन्ना 21)।

यदि आपने भी कोई ऐसी भूल करी है जो आपको अपरिवर्तनीय लगती है, जिसके दुषपरिणाम आपको परेशान करते हैं, तो उन्हें सुधारने के लिए बिना कोई सन्देह किए अपनी उस भूल और उसके दुषपरिणामों को प्रभु यीशु के सामने स्वीकार कर के उन्हें उसके हाथों में सौंप दीजिए। प्रभु यीशु हमारी बड़ी भूलों को भी बड़ी भलाई में बदल देंगे ।

*हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे। प्राचीनकाल की नाईं हमारे दिन बदल कर ज्यों के त्यों कर दे।*

विलापगीत 5:21
परमेश्वर आप सभी को आशीष दे और अपनी दया अनुग्रह प्रेम करुणा और शांति हमेशा आप सभी पर बनाए रखें।आमीन।


Monday, 17 July 2023

When a man dies he faces judgment | जब मनुष्य मरता है तब वह न्याय का सामना करता है

                      जब मनुष्य मरता है, 

तब वह न्याय का सामना करता है


 जब मनुष्य मरता है, तब वह न्याय का सामना करता है (इब्र 9:27) एक व्यक्ति अपराधी है या नहीं, और यदि वह अपराधी है तो उसका अपराध कितना बड़ा है, इसका आखिरी निर्णय करने की प्रक्रिया ही न्याय है। आत्मिक दुनिया में भी ऐसा ही होता है।*

लोग जो नहीं जानते कि नरक का दुख कितना भयंकर है, वे इस पृथ्वी पर अपना कीमती समय बर्बाद करते हैं। वे अपने जीवन के अन्त में उस हालत का सामना करेंगे, जिसमें उन्हें अपने किए पर अफसोस होगा। चूंकि परमेश्वर जानते हैं कि मनुष्य के जीवन के अन्त में क्या होगा, इसलिए वह इस पृथ्वी पर शरीर धारण करके आए। उन्होंने हमारे पापों के लिए क्रूस पर एक पापबलि के रूप में अपना बलिदान करने के द्वारा नई वाचा को स्थापित किया है। इसके द्वारा उन्होंने हमारे लिए, जिन्हें सजा पाने के लिए नरक जाना पड़ा, स्वर्ग के राज्य में वापस जाने का मार्ग खोल दिया


इसलिए अधिक से अधिक आत्माओं को नरक से बचाने और उन्हें स्वर्ग की ओर ले जाने के लिए हमें अपना पूरा मन और शक्ति लगानी चाहिए। परमेश्वर चाहते हैं कि हम अपने स्वर्ग में किए गए सारे पापों से पश्चाताप करके स्वर्ग वापस आएं। इसी कारण उन्होंने हमें सुसमाचार का प्रचार करने का मिशन सौंपा है। प्रचार का उद्देश्य सिर्फ बाइबल के वचन लोगों को पहुंचाना नहीं है, बल्कि लोगों को यह जानने देना है कि जिस मार्ग पर अब वे जा रहे हैं, उसका गंतव्य स्थान क्या है, ताकि वे स्वर्ग की ओर अपने कदम बढ़ा सकें। अब आइए हम प्रचार के अर्थ के बारे में सोचने का कुछ समय लें और जानें कि हमें किस प्रकार की मानसिकता के साथ परमेश्वर का आदर करना चाहिए


मैं ने तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा॥

मरकुस 1:8

9  उन दिनों में यीशु ने गलील के नासरत से आकर, यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।

मरकुस 1:9

10  और जब वह पानी से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उस ने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर की नाई अपने ऊपर उतरते देखा।

मरकुस 1:10

11  और यह आकाशवाणी हई, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, तुझ से मैं प्रसन्न हूं॥

मरकुस 1:11

12  तब आत्मा ने तुरन्त उस को जंगल की ओर भेजा।

मरकुस 1:12

13  और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उस की परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उस की सेवा करते रहे॥

मरकुस 1:13

14  यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद यीशु ने गलील में आकर परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार किया।

मरकुस 1:14


Sunday, 16 August 2020

प्रभु यीशु उसने कैसी ज़िंदगी जी || बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे न वीर अपनी वीरता पर न धनी अपने धन पर घमण्ड करे | Pastor Emmanuel New Life Sikhte Hai Kuch

 प्रभु यीशु उसने कैसी ज़िंदगी जी

(यिर्मयाह 9: 23)

यहोवा यों कहता है, बुध्दिमान अपनी बुध्दि पर घमणड न करे, न वीर अपनी वीरता पर,
और  धनी अपने धन पर घमणड करे;
(यिर्मयाह 9: 24)
परन्तु जो घमणड करे वह इसी बात पर घमणड करे, कि वह मुझे जानता और समझता हे,
 कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करूणा, न्याय और धर्म के काम करता है;
 क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ।

👉प्रभु यीशु उसने कैसी ज़िंदगी जी
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
“मेरा खाना यह है कि मैं अपने भेजनेवाले की मरज़ी पूरी करूँ और उसका काम पूरा करूँ।”
🌱यूहन्ना 4:34.🌱

यीशु ने ऊपर दिए शब्द जिस समय और हालात में कहे, उससे पता चलता है कि वह किस 
काम को अपनी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा अहमियत देता था। यीशु अपने चेलों के साथ 
सुबह से सामरिया के पहाड़ी इलाकों में पैदल चल रहा था और अब दोपहर हो चली थी। 
🌱यूहन्ना 4:6🌱
चेलों ने सोचा कि यीशु को भूख लगी होगी इसलिए उन्होंने उसे कुछ खाने के लिए दिया। 
🌱यूहन्ना 4:31-33🌱
 तब यीशु ने उन्हें बताया कि उसकी ज़िंदगी का मकसद क्या है। उसके लिए परमेश्वर का
 दिया काम, खाना खाने से ज़्यादा ज़रूरी था। उसने अपनी बातों और कामों से दिखाया कि
 उसके जीने का मकसद है, परमेश्वर की मरज़ी पूरी करना। इसमें क्या-क्या शामिल था?
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
👉 परमेश्वर के राज के बारे में प्रचार करना और सिखाना: यीशु की ज़िंदगी में सबसे 
ज़रूरी काम क्या था, इस बारे में बाइबल कहती है: “यीशु सारे गलील प्रदेश का दौरा 
करता हुआ . . . सिखाता और राज की खुशखबरी का प्रचार करता रहा।” 
🌱मत्ती 4:23🌱
 यीशु ने परमेश्वर के राज के बारे में सिर्फ प्रचार या घोषणा नहीं की, वह लोगों
 को सिखाता भी था। यानी वह उन्हें हिदायत देता, समझाता और ठोस दलीलें देकर
 यकीन दिलाता था। परमेश्वर का राज ही यीशु के संदेश का मुख्य विषय था।
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
प्रचार काम के दौरान यीशु ने लोगों को सिखाया कि परमेश्वर का राज क्या है और 
वह राज क्या करेगा। राज के बारे में आगे दी सच्चाइयों पर गौर कीजिए। उनके
 बाद बाइबल के हवाले भी दिए गए हैं जो बताते हैं कि यीशु ने उस विषय पर क्या कहा था।

👉 परमेश्वर का राज एक स्वर्गीय सरकार है  यीशु ही इसका राजा चुना है।
🌱मत्ती 4:17🌱
🌱यूहन्ना 18:36🌱

👉 राज के ज़रिए परमेश्वर का नाम पवित्र होगा और स्वर्ग की तरह
 धरती पर उसकी मरज़ी पूरी होगी।
🌱मत्ती 6:9, 10🌱

👉परमेश्वर के राज में पूरी धरती को फिरदौस यानी एक खूबसूरत बगीचे 
में तबदील कर दिया जाएगा। 1000 साल के राज मे 
🌱लूका 23:42, 43🌱

👉परमेश्वर का राज जल्द ही आएगा और धरती पर उसकी मरज़ी पूरी करेगा। 
🌱मत्ती 24:3, 7-12. 🌱
1000 साल के राज मे 

👉शक्‍तिशाली काम करना: यीशु खासकर एक “गुरु” के तौर पर जाना जाता था। 
🌱यूहन्ना 13:13🌱
 लेकिन, अपनी साढ़े-तीन साल की सेवा में उसने ढेरों शक्‍तिशाली काम किए।
 इन कामों से कम-से-कम दो मकसद पूरे हुए। पहला, इनसे यह साबित हुआ कि
 यीशु को वाकई परमेश्वर है
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
👉उसने समुद्र में उठे तूफान को शांत किया और आँधी को रोका।—मरकुस 4:39-41.

👉 उसने बीमारों को ठीक किया और अंधे, बहरे और लंगड़ों को चंगा किया।

🌱लूका 7:21, 22.🌱

👉उसने चमत्कार के ज़रिए ज़रा-से खाने को कई गुना करके हज़ारों लोगों का पेट भरा।
मत्ती 14:17-21;15:34-38.

👉कम-से-कम तीन मौकों पर उसने मरे हुओं को ज़िंदा किया।
लूका 7:11-15; 8:41-55;
 यूहन्ना 11:38-44.
👉और भी बहुत से काम है 
यूहन्ना 21:2
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