हमारे महान और जीवित परमेश्वर का अनुग्रह हम सब पर बना रहे। आमीन।
खुदा हमारी गलतियों को बरकतों में तब्दील कर देगा।
आज की इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में हर इंसान तनाव में है दिन ब दिन हम मुश्किलों और परेशानियों में फंसते जा रहे है और इसी के परिणामस्वरुप हम न जाने कितनी अनगिनत गलतियां करते है जिनका नतीजा गुनाह है। आज के इस दौर में गलतियां होना स्वाभाविक है परन्तु हम अपनी गलतियों के प्रति अपना नज़रिया कैसा रखते है ? ये सब से महत्वपूर्ण बात है - क्या हम अपनी गलती को नज़रअंदाज करते है या उन्हें छुपााते है या उनसे भागते है या हम उन्हें सुधारते है या उनके लिए क्षमा मांगते है ?
यदि हम अपनी गलती (भूल) को छुपा रहे है या उस से भाग रहे है तो हम गुनाह कर रहे है और अपने जीवन में परेशानियों को और बुलावा दे रहे है ! यदि हम माफ़ी और सच्चे पश्चाताप द्वारा अपनी गलती को नहीं सुधार रहे तो हम गुनाहों की और जा रहे है जिसके दुष्परिणाम हमें जीवन में देखने होंगे। क्योंकि गुनाह के कारण हम खुदा से दिन-ब-दिन दूर होते जाएंगे और खुदा की बरकतों से वंचित हो जाएंगे।
जैसा हम अपनी गलतियों के साथ करते हैं, वैसा ही हम अपने जीवनों के पापों के साथ भी करते हैं। लेकिन परमेश्वर जो हम सब का सृष्टिकर्ता है, हम सबको अन्दर-बाहर से भलि-भांति जानता है, हमारी गलतियों और गुनाहों के कारण हमें छोड़ना नहीं चाहता वरन चाहता है कि हमें सुधार सकें और पाप के परिणाम से बचाकर भला और बेहतर बना सके। इसका एक उदाहरण हम प्रभु यीशु के चेले पतरस के जीवन से पाते हैं।
जब प्रभु यीशु ने अपनी आती मृत्यु के बारे में अपने चेलों से चर्चा करी तब पतरस ने उसके प्रति अपने समर्पण तथा वफादारी के बड़े बड़े दावे किए; किंतु थोड़े ही समय पश्चात जब प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए वास्तव में पकड़वाया गया, तब पतरस ने भयवश तीन बार प्रभु यीशु को पहचानने और उसका अनुयायी होने से इन्कार कर दिया। लेकिन अपने मृतकों में से पुनरुत्थान के पश्चात प्रभु यीशु ने पतरस के दोषपूर्ण अतीत के बावजूद तीन बार पतरस को अपने आने वाले अनुयायीयों की देखभाल करने कि ज़िम्मेदारी दी (यूहन्ना 21)।
यदि आपने भी कोई ऐसी भूल करी है जो आपको अपरिवर्तनीय लगती है, जिसके दुषपरिणाम आपको परेशान करते हैं, तो उन्हें सुधारने के लिए बिना कोई सन्देह किए अपनी उस भूल और उसके दुषपरिणामों को प्रभु यीशु के सामने स्वीकार कर के उन्हें उसके हाथों में सौंप दीजिए। प्रभु यीशु हमारी बड़ी भूलों को भी बड़ी भलाई में बदल देंगे ।
*हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे। प्राचीनकाल की नाईं हमारे दिन बदल कर ज्यों के त्यों कर दे।*
विलापगीत 5:21
परमेश्वर आप सभी को आशीष दे और अपनी दया अनुग्रह प्रेम करुणा और शांति हमेशा आप सभी पर बनाए रखें।आमीन।