पाँचवी वाणी : जिसे प्रभु यीशु ने क्रूस पर कही ।
" मैं प्यासा हूं "
यूहन्ना 19:28 इस के बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ हो चुका; इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कहा, मैं प्यासा हूं। "
प्रभु यीशु परमेश्वर की आज्ञानुसार इस जगत में हम पापी लोगों को हमारे पापों से उद्धार देने आए । प्रभु यीशु के इस जगत में जन्म लेने से पहले परमेश्वर ने अपने दास भविष्यवक्ताओं के द्वारा भविष्यवाणी कर बतला दिया था कि यीशु का जन्म किस रीति से होगा, उसकी मृत्यु क्रूस पर किस रीति से होगी , उस पर क्या क्या बीतेगा । इस लिए यीशु ने कहा : यह जान कर की अब सब कुछ हो चुका कहा " मैं प्यासा हूं । "
इस वाणी के द्वारा हम तीन बातो को बाइबिल से जानने पाह एंगे :
1. यीशु को क्रूस पर चढ़ाते वक्त कौन कौन सी भविष्यवाणी परमेश्वर ने पहले से अपने दास भविष्यवक्ताओं द्वारा की ।
2. यीशु को प्यास लगी : दो प्रकार की :
1ला -पापी लोगों को नाश होने से बचाने की प्यास ।
2रा-शारिरिक प्यास
3. हम पापी लोगों को पापों से उद्धार की भूख- प्यास होना आवश्यक है ।
1. यीशु ही इस जगत का उद्धार कर्ता है । परमेश्वर ने यीशु के विषय में क्या क्या भसविष्यवानी की जाने :
यशायाह 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए;
प्रियों, यीशु ने कोई पाप न किया था । उन्होंने इस जगत में बीमारों को चंगा किया , कोढियों को शुध्द किया, जन्म के अंधे देखने लगे, मुर्दो को जिलाया । ओर बहुत से भले कामों को किया । यीशु में उन्होंने कोई दोष न पाया तब झुटे दोष लगाया और उसे गिरफ्तार किया । ये भविष्यवाणी यीशु के जीवन में पूरी हुई । एक ओर वचन को पढ़ेंगे , जो मिलता है :
यशायाह 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। "
प्रभु यीशु हमारे पापों की सजा को उठाएगा ओर उसे कोड़ों से मारा जाएगा । कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाये । एक ओर वचन को पढ़ेंगे ।जो मिलता है :
भजन संहिता 22:16 क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरी चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। "
प्रियो, जैसे इस पद में लिखा है कि कुत्तो ने मुझे घेर लिया ।मतलब लालची लोग जो कुत्तों का स्वभाव रखते है । अपने लाभ के लिए निर्दोष की हानि करने से नही रुकते । इस लिए लिखा है कुत्तों ने मुझे घेर लिया । यीशु को दुष्ट पापी लोगों ने क्रूस पर चढ़ाया था , यहूदा पलटन और महायाजकों, फरीसियों के प्यादों ने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया। यीशु के चेले धर्मी लोग डर के मारे अपने को छुपा कर रखे हुए थे । ये भविष्यवाणी भी यीशु के विषय मे पूरी हुई। एक ओर वचन को पढ़ेंगे जो मिलता :
भजन संहिता 22:18 वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं।
प्रभु यीशु बिना सिला कपड़ा पहनते थे जिसे महायाजकों ,ओर फरीसियों के प्यादों, सिपाहियों ने उत्तर लिया था । और उस पर चिठ्ठी डाली थी । जिसे यूहन्ना 19:23 में पड़ सकते है :
जब सब भविष्यवाणी यीशु के जीवन मे पूरी हो चुकी तब यीशु ने कहा : मैं प्यासा हूं ।
2. यीशु को प्यास लगी : दो प्रकार की :
1. पापी लोगों को नरक में नाश होने से बचने की प्यास : जब यीशु क्रूस पर लटके थे उनके चारों ओर दुष्ट पापी लोग खड़े थे । जिन्हें अपने पापों के लिए कोई पश्चाताप नही था । उन्हें नाश होते देख यीशु ने कहा" मैं प्यासा हूं ।" यीशु ने अपने चेलों से कहा था :
यूहन्ना 4:34 यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं। " एक ओर वचन को पड़ेंगे :
यूहन्ना 6:38-40 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं। और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उस ने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा। "
हा प्रियों , यीशु हमें अनंत जीवन देने के लिए इस जगत में आये थे । इसलिए एक ओर जगह यीशु ने अपने वचन में कहा :
यूहन्ना 7:37,38 फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके ह्रृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। "
प्रियों, यीशु हमें अनंत जीवन , स्वर्गीय जीवन देने आया था । उन्हें जो पापों से उद्धार पाने की भूख और प्यास को रखते है । उनके हृदय से जीवन जल की नदियां बह निकलेगी यीशु ने कहा । इस लिए प्रियों हमें उद्धार की भुख ओर प्यास का होना जरूरी है । तभी हम अपने आप को पापों से बचाये रख सकते है ।
2 . यीशु को शारिरिक प्यास भी लगी थी । यीशु हमारी ही तरह हड्डी ओर मास का था । पूर्ण मनुष्य रूप में जन्म लेने के कारण जैसा दर्द हम शरीर में महसूस करते है वैसा ही दर्द यीशु को भी हो रहा था , लेकिन यीशु की यातना बहुत अधिक होने के कारण , ओर भूखे प्यासे होने के करण यीशु को भी प्यास लगी । और यीशु ने कहा : मैं प्यासा हूं ।इसके साथ यीशु के लिए की गई भविष्यवाणी भी पूरी हुई जो मिलती है :
भजन संहिता 69:21 और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥
प्रियो, जब यीशु ने कहा , मैं प्यासा हूं तब उन्होंने सिरके में भिगोये हुए इपंज को जुफे पर रख कर उसके मुंह से लगाया ।
प्रियो ,यीशु को पानी भी न पिलाया ।
यीशु आज भी प्यासे है । हमारी आत्मा को नाश होने से बचाने की प्यास अब भी है ।
3. इस वाणी के द्वारा हमे यह शिक्षा मिलती है, कि हम पापियों को पापों से उद्धार की भूख और प्यास का होना आवश्यक है तभी हम पापों को यीशु के आगे अंगीकार कर सच्चा समर्पण कर सकते है । जब हम पापों से सच्चा पश्चताप करेंगे तभी यीशु हमे अपने पवित्र लहू से धोकर साफ करेगा और हमारे पापों को क्षमा करेगा । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुतायत की आशीष दे । प्रभु यीशु आप सभों में पापों से उद्धार की भूख और प्यास को उत्पन्न करे । ओर धर्म की रहो पर चलने की सामर्थ प्रदान करे । यीशु का बलिदान आप सभों के लिए उद्धार का कारण हो । आप सब स्वर्गीय राज्य के योग्य बनने पाए । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुतायत की आशीष दे । अमीन
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" मैं प्यासा हूं "
यूहन्ना 19:28 इस के बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ हो चुका; इसलिये कि पवित्र शास्त्र की बात पूरी हो कहा, मैं प्यासा हूं। "
प्रभु यीशु परमेश्वर की आज्ञानुसार इस जगत में हम पापी लोगों को हमारे पापों से उद्धार देने आए । प्रभु यीशु के इस जगत में जन्म लेने से पहले परमेश्वर ने अपने दास भविष्यवक्ताओं के द्वारा भविष्यवाणी कर बतला दिया था कि यीशु का जन्म किस रीति से होगा, उसकी मृत्यु क्रूस पर किस रीति से होगी , उस पर क्या क्या बीतेगा । इस लिए यीशु ने कहा : यह जान कर की अब सब कुछ हो चुका कहा " मैं प्यासा हूं । "
इस वाणी के द्वारा हम तीन बातो को बाइबिल से जानने पाह एंगे :
1. यीशु को क्रूस पर चढ़ाते वक्त कौन कौन सी भविष्यवाणी परमेश्वर ने पहले से अपने दास भविष्यवक्ताओं द्वारा की ।
2. यीशु को प्यास लगी : दो प्रकार की :
1ला -पापी लोगों को नाश होने से बचाने की प्यास ।
2रा-शारिरिक प्यास
3. हम पापी लोगों को पापों से उद्धार की भूख- प्यास होना आवश्यक है ।
1. यीशु ही इस जगत का उद्धार कर्ता है । परमेश्वर ने यीशु के विषय में क्या क्या भसविष्यवानी की जाने :
यशायाह 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए;
प्रियों, यीशु ने कोई पाप न किया था । उन्होंने इस जगत में बीमारों को चंगा किया , कोढियों को शुध्द किया, जन्म के अंधे देखने लगे, मुर्दो को जिलाया । ओर बहुत से भले कामों को किया । यीशु में उन्होंने कोई दोष न पाया तब झुटे दोष लगाया और उसे गिरफ्तार किया । ये भविष्यवाणी यीशु के जीवन में पूरी हुई । एक ओर वचन को पढ़ेंगे , जो मिलता है :
यशायाह 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। "
प्रभु यीशु हमारे पापों की सजा को उठाएगा ओर उसे कोड़ों से मारा जाएगा । कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाये । एक ओर वचन को पढ़ेंगे ।जो मिलता है :
भजन संहिता 22:16 क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरी चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। "
प्रियो, जैसे इस पद में लिखा है कि कुत्तो ने मुझे घेर लिया ।मतलब लालची लोग जो कुत्तों का स्वभाव रखते है । अपने लाभ के लिए निर्दोष की हानि करने से नही रुकते । इस लिए लिखा है कुत्तों ने मुझे घेर लिया । यीशु को दुष्ट पापी लोगों ने क्रूस पर चढ़ाया था , यहूदा पलटन और महायाजकों, फरीसियों के प्यादों ने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया। यीशु के चेले धर्मी लोग डर के मारे अपने को छुपा कर रखे हुए थे । ये भविष्यवाणी भी यीशु के विषय मे पूरी हुई। एक ओर वचन को पढ़ेंगे जो मिलता :
भजन संहिता 22:18 वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं।
प्रभु यीशु बिना सिला कपड़ा पहनते थे जिसे महायाजकों ,ओर फरीसियों के प्यादों, सिपाहियों ने उत्तर लिया था । और उस पर चिठ्ठी डाली थी । जिसे यूहन्ना 19:23 में पड़ सकते है :
जब सब भविष्यवाणी यीशु के जीवन मे पूरी हो चुकी तब यीशु ने कहा : मैं प्यासा हूं ।
2. यीशु को प्यास लगी : दो प्रकार की :
1. पापी लोगों को नरक में नाश होने से बचने की प्यास : जब यीशु क्रूस पर लटके थे उनके चारों ओर दुष्ट पापी लोग खड़े थे । जिन्हें अपने पापों के लिए कोई पश्चाताप नही था । उन्हें नाश होते देख यीशु ने कहा" मैं प्यासा हूं ।" यीशु ने अपने चेलों से कहा था :
यूहन्ना 4:34 यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं। " एक ओर वचन को पड़ेंगे :
यूहन्ना 6:38-40 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं। और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उस ने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा। "
हा प्रियों , यीशु हमें अनंत जीवन देने के लिए इस जगत में आये थे । इसलिए एक ओर जगह यीशु ने अपने वचन में कहा :
यूहन्ना 7:37,38 फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके ह्रृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। "
प्रियों, यीशु हमें अनंत जीवन , स्वर्गीय जीवन देने आया था । उन्हें जो पापों से उद्धार पाने की भूख और प्यास को रखते है । उनके हृदय से जीवन जल की नदियां बह निकलेगी यीशु ने कहा । इस लिए प्रियों हमें उद्धार की भुख ओर प्यास का होना जरूरी है । तभी हम अपने आप को पापों से बचाये रख सकते है ।
2 . यीशु को शारिरिक प्यास भी लगी थी । यीशु हमारी ही तरह हड्डी ओर मास का था । पूर्ण मनुष्य रूप में जन्म लेने के कारण जैसा दर्द हम शरीर में महसूस करते है वैसा ही दर्द यीशु को भी हो रहा था , लेकिन यीशु की यातना बहुत अधिक होने के कारण , ओर भूखे प्यासे होने के करण यीशु को भी प्यास लगी । और यीशु ने कहा : मैं प्यासा हूं ।इसके साथ यीशु के लिए की गई भविष्यवाणी भी पूरी हुई जो मिलती है :
भजन संहिता 69:21 और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥
प्रियो, जब यीशु ने कहा , मैं प्यासा हूं तब उन्होंने सिरके में भिगोये हुए इपंज को जुफे पर रख कर उसके मुंह से लगाया ।
प्रियो ,यीशु को पानी भी न पिलाया ।
यीशु आज भी प्यासे है । हमारी आत्मा को नाश होने से बचाने की प्यास अब भी है ।
3. इस वाणी के द्वारा हमे यह शिक्षा मिलती है, कि हम पापियों को पापों से उद्धार की भूख और प्यास का होना आवश्यक है तभी हम पापों को यीशु के आगे अंगीकार कर सच्चा समर्पण कर सकते है । जब हम पापों से सच्चा पश्चताप करेंगे तभी यीशु हमे अपने पवित्र लहू से धोकर साफ करेगा और हमारे पापों को क्षमा करेगा । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुतायत की आशीष दे । प्रभु यीशु आप सभों में पापों से उद्धार की भूख और प्यास को उत्पन्न करे । ओर धर्म की रहो पर चलने की सामर्थ प्रदान करे । यीशु का बलिदान आप सभों के लिए उद्धार का कारण हो । आप सब स्वर्गीय राज्य के योग्य बनने पाए । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुतायत की आशीष दे । अमीन
यदि अपने इस वचन से आशीष पाई है तो अवश्य लाइक कर अपने मित्रों में शेयर करे ताकि वे भी वचन की आशीष को पा सके ।