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Monday, 17 July 2023

When a man dies he faces judgment | जब मनुष्य मरता है तब वह न्याय का सामना करता है

                      जब मनुष्य मरता है, 

तब वह न्याय का सामना करता है


 जब मनुष्य मरता है, तब वह न्याय का सामना करता है (इब्र 9:27) एक व्यक्ति अपराधी है या नहीं, और यदि वह अपराधी है तो उसका अपराध कितना बड़ा है, इसका आखिरी निर्णय करने की प्रक्रिया ही न्याय है। आत्मिक दुनिया में भी ऐसा ही होता है।*

लोग जो नहीं जानते कि नरक का दुख कितना भयंकर है, वे इस पृथ्वी पर अपना कीमती समय बर्बाद करते हैं। वे अपने जीवन के अन्त में उस हालत का सामना करेंगे, जिसमें उन्हें अपने किए पर अफसोस होगा। चूंकि परमेश्वर जानते हैं कि मनुष्य के जीवन के अन्त में क्या होगा, इसलिए वह इस पृथ्वी पर शरीर धारण करके आए। उन्होंने हमारे पापों के लिए क्रूस पर एक पापबलि के रूप में अपना बलिदान करने के द्वारा नई वाचा को स्थापित किया है। इसके द्वारा उन्होंने हमारे लिए, जिन्हें सजा पाने के लिए नरक जाना पड़ा, स्वर्ग के राज्य में वापस जाने का मार्ग खोल दिया


इसलिए अधिक से अधिक आत्माओं को नरक से बचाने और उन्हें स्वर्ग की ओर ले जाने के लिए हमें अपना पूरा मन और शक्ति लगानी चाहिए। परमेश्वर चाहते हैं कि हम अपने स्वर्ग में किए गए सारे पापों से पश्चाताप करके स्वर्ग वापस आएं। इसी कारण उन्होंने हमें सुसमाचार का प्रचार करने का मिशन सौंपा है। प्रचार का उद्देश्य सिर्फ बाइबल के वचन लोगों को पहुंचाना नहीं है, बल्कि लोगों को यह जानने देना है कि जिस मार्ग पर अब वे जा रहे हैं, उसका गंतव्य स्थान क्या है, ताकि वे स्वर्ग की ओर अपने कदम बढ़ा सकें। अब आइए हम प्रचार के अर्थ के बारे में सोचने का कुछ समय लें और जानें कि हमें किस प्रकार की मानसिकता के साथ परमेश्वर का आदर करना चाहिए


मैं ने तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा॥

मरकुस 1:8

9  उन दिनों में यीशु ने गलील के नासरत से आकर, यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।

मरकुस 1:9

10  और जब वह पानी से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उस ने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर की नाई अपने ऊपर उतरते देखा।

मरकुस 1:10

11  और यह आकाशवाणी हई, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, तुझ से मैं प्रसन्न हूं॥

मरकुस 1:11

12  तब आत्मा ने तुरन्त उस को जंगल की ओर भेजा।

मरकुस 1:12

13  और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उस की परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उस की सेवा करते रहे॥

मरकुस 1:13

14  यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद यीशु ने गलील में आकर परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार किया।

मरकुस 1:14


Thursday, 14 October 2021

हम वचन खाते है , पचाते है या भीर चुईंगम की तरह चबाते आये हम देखे है कुछ वचनों को"

 मेरे प्यारे भाई ,बहन पास्टर ,प्रचारक और युवा मित्र साथियों आप सभी को प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की कहता हूँ  "हम वचन खाते है , पचाते है या भीर चुईंगम की तरह चबाते आये हम देखे है कुछ वचनों को"


प्रकाशितवाक्य 10:8-11 में इस प्रकार से लिखा गया है, ''और जिस शब्द करनेवाले को मैंने स्वर्ग से बोलते सुना था, वह फिर मेरे साथ बातें करने लगा, "जा, जो स्वर्गदूत समुद्र और पृथ्वी पर खड़ा है, उसके हाथ में की खुली हुई पुस्तक ले लें" और मैंने स्वर्गदूत के पास जाकर कहा, "यह छोटी पुस्तक मुझे दें" और उसने मुझ से कहा, "ले, इसे खा जा, और यह तेरा पेट कड़वा तो करेगी, परंतु तेरे मुंह में मधु सी मीठी लगेगीं" इसलिए मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से लेकर खा गया, वह मेरे मुंह में मधु सी मिठी तो लगी, परंतु जब मैं उसे खा गया, तो मेरा पेट कड़वा हो गयां तब मुझ से यह कहा गया, "तुझे बहुत से लोगों, और जातियों, और भाषाओं, और राजाओं पर, फिर भविष्यद्वाणी करनी होगीं"|

यहां हम देखते है कि जब यूहन्ना ने वह पुस्तक खाई वह उसके मुंह में मधु सी मिठी लगीं यह परमेश्वर के अनुग्रह का दृश्य है जो हमारे पास वचनो के माध्यम से आता हैं परन्तु जब वह वचन उसके अंदर गया वह कड़वा था जो यह दर्शाता है कि उसमें सत्यता है जो हमारे पापों का न्याय करता हैं यह मात्र अनुग्रह ही नही सत्य भी हैं प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में एक के बाद एक अनुग्रह और न्याय का दृश्य देखते हैं|

यहां हम देखते है कि किस प्रकार से परमेश्वर के वचन की सेवकाई कैसे सही रीति से करें हमे पहले परमेश्वर से वचन लेना, खाना और पचाना है तभी परमेश्वर हमें दूसरों के भविष्य के विषय में बताएगां ।


जब हम परमेश्वर को पाते है तो यह बहुत ही आसान होता है कि उसमें का मधुर भाग अनुग्रह ले लें हम उसे हमेशा के लिए अपने मुंह में रख सकते है, बिना परमेश्वर की अनुमति लिये कि वह हमारे अंदरूनी भाग तक पहुंचें हम उस आखरी भाग का आनन्द नहीं ले पाते क्योंकि हमने जो पाप किए है उनका न्याय करने में हम लगे रहते हैं जबकि न्याय हममें ही शुरू होना है (1 पतरस 4:17)|

बहुत से मसीही वचन को चुईंगम की तरह चबाते हैं वे इस लिए चबाते है क्योंकि वह मिठा है और बाद में उसे बाहर उगल देते हैं वह उनके हृदय में पाचन नही होतां वे परमेश्वर के वचन को गंभिरता से नहीं लेते कि खुद ही उनका न्याय करें|

परमेश्वर हमे बहुत से कड़वे अनुभवों में से लेकर जाता है ताकि जो वचन हमने सुने वे पाचन हो सकें परन्तु उन सारे कडुए अनुभवों से हम परमेश्वर की सुरक्षा का भी अनुभव करते है (2 कुरिन्थियों 1:4) और तभी हमारे पीढ़ी में हम भविष्यवाणी की सेवकाई कर पाएंगें|


जब यूहन्ना परमेश्वर के वचन का पाचन कर चुका तब परमेश्वर ने यूहन्ना से कहा 'अब तुझे भविष्यद्वाणी करना हैं जो परमेश्वर ने उससे पूर्व में कहा था इससे तुलना करो और जो सुना है वह मत लिखों हमे यह मालूम होना चाहिये कि दूसरों से क्या बाटना चाहिए और क्या नहीं|

एक बार पौलुस तिसरे स्वर्ग पर उठा लिया गया था परन्तु 14 वर्षों में उसने उस विषय में किसी को नहीं बताया और जब बताया भी तो उसने कहा मैने ऐसी बाते सुनी जो अकथनीय और मुंह पर लाना मनुष्य को उचित नही (2 कुरिन्थियों 12:4)|

यूहन्ना साफ रीति से समझ गया कि परमेश्वर उससे क्या कहना चाह रहा है और दूसरों से क्या कहना चाह रहा हैं|

प्रभु यीशु मसीह आप सभी को इस वचन के द्वारा आशीष देवे

मसीह में आप का भाई 

Emmanuel 

+919826709367

With

JESUS GROUP ALL WORLD

Always Praying For you

#JESUSGROUPALLWORLD




Sunday, 16 August 2020

प्रभु यीशु उसने कैसी ज़िंदगी जी || बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे न वीर अपनी वीरता पर न धनी अपने धन पर घमण्ड करे | Pastor Emmanuel New Life Sikhte Hai Kuch

 प्रभु यीशु उसने कैसी ज़िंदगी जी

(यिर्मयाह 9: 23)

यहोवा यों कहता है, बुध्दिमान अपनी बुध्दि पर घमणड न करे, न वीर अपनी वीरता पर,
और  धनी अपने धन पर घमणड करे;
(यिर्मयाह 9: 24)
परन्तु जो घमणड करे वह इसी बात पर घमणड करे, कि वह मुझे जानता और समझता हे,
 कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करूणा, न्याय और धर्म के काम करता है;
 क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ।

👉प्रभु यीशु उसने कैसी ज़िंदगी जी
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
“मेरा खाना यह है कि मैं अपने भेजनेवाले की मरज़ी पूरी करूँ और उसका काम पूरा करूँ।”
🌱यूहन्ना 4:34.🌱

यीशु ने ऊपर दिए शब्द जिस समय और हालात में कहे, उससे पता चलता है कि वह किस 
काम को अपनी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा अहमियत देता था। यीशु अपने चेलों के साथ 
सुबह से सामरिया के पहाड़ी इलाकों में पैदल चल रहा था और अब दोपहर हो चली थी। 
🌱यूहन्ना 4:6🌱
चेलों ने सोचा कि यीशु को भूख लगी होगी इसलिए उन्होंने उसे कुछ खाने के लिए दिया। 
🌱यूहन्ना 4:31-33🌱
 तब यीशु ने उन्हें बताया कि उसकी ज़िंदगी का मकसद क्या है। उसके लिए परमेश्वर का
 दिया काम, खाना खाने से ज़्यादा ज़रूरी था। उसने अपनी बातों और कामों से दिखाया कि
 उसके जीने का मकसद है, परमेश्वर की मरज़ी पूरी करना। इसमें क्या-क्या शामिल था?
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
👉 परमेश्वर के राज के बारे में प्रचार करना और सिखाना: यीशु की ज़िंदगी में सबसे 
ज़रूरी काम क्या था, इस बारे में बाइबल कहती है: “यीशु सारे गलील प्रदेश का दौरा 
करता हुआ . . . सिखाता और राज की खुशखबरी का प्रचार करता रहा।” 
🌱मत्ती 4:23🌱
 यीशु ने परमेश्वर के राज के बारे में सिर्फ प्रचार या घोषणा नहीं की, वह लोगों
 को सिखाता भी था। यानी वह उन्हें हिदायत देता, समझाता और ठोस दलीलें देकर
 यकीन दिलाता था। परमेश्वर का राज ही यीशु के संदेश का मुख्य विषय था।
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
प्रचार काम के दौरान यीशु ने लोगों को सिखाया कि परमेश्वर का राज क्या है और 
वह राज क्या करेगा। राज के बारे में आगे दी सच्चाइयों पर गौर कीजिए। उनके
 बाद बाइबल के हवाले भी दिए गए हैं जो बताते हैं कि यीशु ने उस विषय पर क्या कहा था।

👉 परमेश्वर का राज एक स्वर्गीय सरकार है  यीशु ही इसका राजा चुना है।
🌱मत्ती 4:17🌱
🌱यूहन्ना 18:36🌱

👉 राज के ज़रिए परमेश्वर का नाम पवित्र होगा और स्वर्ग की तरह
 धरती पर उसकी मरज़ी पूरी होगी।
🌱मत्ती 6:9, 10🌱

👉परमेश्वर के राज में पूरी धरती को फिरदौस यानी एक खूबसूरत बगीचे 
में तबदील कर दिया जाएगा। 1000 साल के राज मे 
🌱लूका 23:42, 43🌱

👉परमेश्वर का राज जल्द ही आएगा और धरती पर उसकी मरज़ी पूरी करेगा। 
🌱मत्ती 24:3, 7-12. 🌱
1000 साल के राज मे 

👉शक्‍तिशाली काम करना: यीशु खासकर एक “गुरु” के तौर पर जाना जाता था। 
🌱यूहन्ना 13:13🌱
 लेकिन, अपनी साढ़े-तीन साल की सेवा में उसने ढेरों शक्‍तिशाली काम किए।
 इन कामों से कम-से-कम दो मकसद पूरे हुए। पहला, इनसे यह साबित हुआ कि
 यीशु को वाकई परमेश्वर है
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱
👉उसने समुद्र में उठे तूफान को शांत किया और आँधी को रोका।—मरकुस 4:39-41.

👉 उसने बीमारों को ठीक किया और अंधे, बहरे और लंगड़ों को चंगा किया।

🌱लूका 7:21, 22.🌱

👉उसने चमत्कार के ज़रिए ज़रा-से खाने को कई गुना करके हज़ारों लोगों का पेट भरा।
मत्ती 14:17-21;15:34-38.

👉कम-से-कम तीन मौकों पर उसने मरे हुओं को ज़िंदा किया।
लूका 7:11-15; 8:41-55;
 यूहन्ना 11:38-44.
👉और भी बहुत से काम है 
यूहन्ना 21:2
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