दूसरी वाणी : जिसे यीशु ने क्रूस कही
लूका 23:43 "यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥
यीशु ने किससे और क्यों कहा: आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ?
बाइबिल हमे यह बताती है कि यीशु के साथ दो डाकू और क्रूस पर लटकाये गए थे । एक यीशु के दाहिनी ओर एक बाई ओर । जिस का वर्णन बाइबिल में इस प्रकार से है :
लुक 23:39-43 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की (यीशु ) निन्दा करके कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा। इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है। और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया। तब उस ने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।
तब यीशु ने कहा :
लुक 23:43 यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥
उपरोक्त वचन के अनुसार एक डाकू ने यीशु पर विश्वाश किया कि यीशु परमेश्वर है और दूसरे डाकू ने विश्वाश नही किया ।
जिसने विशवास किया ,उससे यीशु ने कहा : तू आज ही मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ।
प्रियो, इस वाणी से हमे यह शिक्षा मिलती है :
1. यीशु पर विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है ।
2. उस डाकू के समान अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार करना है ।
प्रियो, बाइबिल में यीशु मसीह ने कई उपदेश दिए विश्वास पर । जैसे यीशु ने कहा :
यूहन्ना 3:18,19 जो उस (यीशु) पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया। और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे। " एक ओर वचन को पढ़े जो मिलता है :
इब्रानियों 11:6" और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। " एक ओर वचन पड़ेंगे जो मिलता :
यूहन्ना 3:13,14" और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र ( यीशु ) भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए। ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए॥ "
अर्थात अनंत जीवन ,स्वर्गीय जीवन पाने के लिए यीशु पर विश्वास करना जरूरी है । एक और वचन पढे जो मिलता है :
यूहन्ना 3:36 " जो पुत्र (यीशु ) पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र (यीशु ) की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥
यदि यीशु पर विश्वास नही करते है तो परमेश्वर के क्रोध का सामना करना होगा । अर्थात नरक में डाला जाना ।एक ओर वचन को पढ़े जो मिलता है :
प्रिरितो के काम 16:30-31 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।
प्रियो, यदि आप पापों से उद्धार पाना चाहते है और स्वर्गीय आशीष को, अनन्त जीवन को पाना चाहते है , तो यीशु मसीह पर विश्वास करना होगा कि वह परमेश्वर का पुत्र है और हमे हमारे पापों से उद्धार देने इस जगत में आया । और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए क्रूस पर बलिदान हुआ ।
प्रियो, जैसे उस डाकू ने यीशु पर विश्वास किया कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है और अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार किया । तो यीशु ने उससे कहा : आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा ।
विश्वास के लिये दो बातें जरूरी है । जैसा परमेश्वर का वचन कहता :
रोमियो 10:10" क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।
एक और वचन की ओर आपका ध्यान ले जाना चाहती हूं :
1 यूहन्ना 1:9,10 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह (यीशु ) हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है॥
प्रियो, जैसे एक डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार कर स्वर्गीय राज्य को पाया । लेकिन दूसरे डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे काबुल न कर स्वर्गीय आशीष को खो दिया । वैसे ही आज बहुत से लोग अपने पापों में बने हुए है और परमेश्वर की दया को ठुकरा रहे है ये बहुत ही दुख की बात है । ये वाणी उन्हें फिर से परमेश्वर की दया को याद दिला रही है कि वे पापों से मन फिराए ओर परमेश्वर की दया को प्राप्त करे ।
उपरोक्त वचनों को जानने के बाद यदि आप यीशु पर विश्वास करते है और अपने पापों से उद्धार पाना चाहते है । और स्वर्गी राज्य में भागी होना चाहते है । और नरक के दंड से बचना चाहते है तो इसी वक़्त अपने अपने पापों को यीशु के आगे कबुल करे । मतलब अपने आप को यीशु के आगे सरेंडर करे। सरेंडर करने का मतलब। जैसे एक सैनिक दूसरे देश के बॉर्डर पर यदि दूसरे देश के सैनिकों से घिर जाए तो वह अपनी जान बचाने के लिए अपने आप को सरेंडर करता है अर्थात वह अपनी बंदूक,बैग, और जो कुछ भी उसके पास होता है उसे जमीन पर फैक कर दोनों हाथों को ऊपर करता तब दूसरे देश के सैनिक उस पर गोली नही चलते । उसी प्रकार जितने अपने पापों को यीशु के आगे डाल देते है जितने पापों से मन फिरते है और उसे अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते है । तब यीशु उनके पापों को क्षमा करेगा । और उनको स्वर्गीय राज्य के लिए चुन लेगा । प्रियो ,इसी वक्त अपना जीवन प्रभु यीशु को दे । ताकि स्वर्गीय आशीष को पा सको ओर नरक के दंड से बच सको । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुत बहुत आशीष दे । आमीन

लूका 23:43 "यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥
यीशु ने किससे और क्यों कहा: आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ?
बाइबिल हमे यह बताती है कि यीशु के साथ दो डाकू और क्रूस पर लटकाये गए थे । एक यीशु के दाहिनी ओर एक बाई ओर । जिस का वर्णन बाइबिल में इस प्रकार से है :
लुक 23:39-43 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की (यीशु ) निन्दा करके कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा। इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है। और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया। तब उस ने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।
तब यीशु ने कहा :
लुक 23:43 यीशु ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा॥
उपरोक्त वचन के अनुसार एक डाकू ने यीशु पर विश्वाश किया कि यीशु परमेश्वर है और दूसरे डाकू ने विश्वाश नही किया ।
जिसने विशवास किया ,उससे यीशु ने कहा : तू आज ही मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ।
प्रियो, इस वाणी से हमे यह शिक्षा मिलती है :
1. यीशु पर विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है ।
2. उस डाकू के समान अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार करना है ।
प्रियो, बाइबिल में यीशु मसीह ने कई उपदेश दिए विश्वास पर । जैसे यीशु ने कहा :
यूहन्ना 3:18,19 जो उस (यीशु) पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया। और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे। " एक ओर वचन को पढ़े जो मिलता है :
इब्रानियों 11:6" और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है। " एक ओर वचन पड़ेंगे जो मिलता :
यूहन्ना 3:13,14" और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र ( यीशु ) भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए। ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए॥ "
अर्थात अनंत जीवन ,स्वर्गीय जीवन पाने के लिए यीशु पर विश्वास करना जरूरी है । एक और वचन पढे जो मिलता है :
यूहन्ना 3:36 " जो पुत्र (यीशु ) पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र (यीशु ) की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥
यदि यीशु पर विश्वास नही करते है तो परमेश्वर के क्रोध का सामना करना होगा । अर्थात नरक में डाला जाना ।एक ओर वचन को पढ़े जो मिलता है :
प्रिरितो के काम 16:30-31 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।
प्रियो, यदि आप पापों से उद्धार पाना चाहते है और स्वर्गीय आशीष को, अनन्त जीवन को पाना चाहते है , तो यीशु मसीह पर विश्वास करना होगा कि वह परमेश्वर का पुत्र है और हमे हमारे पापों से उद्धार देने इस जगत में आया । और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए क्रूस पर बलिदान हुआ ।
प्रियो, जैसे उस डाकू ने यीशु पर विश्वास किया कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है और अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार किया । तो यीशु ने उससे कहा : आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा ।
विश्वास के लिये दो बातें जरूरी है । जैसा परमेश्वर का वचन कहता :
रोमियो 10:10" क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।
एक और वचन की ओर आपका ध्यान ले जाना चाहती हूं :
1 यूहन्ना 1:9,10 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह (यीशु ) हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है॥
प्रियो, जैसे एक डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे अंगीकार कर स्वर्गीय राज्य को पाया । लेकिन दूसरे डाकू ने अपने पापों को यीशु के आगे काबुल न कर स्वर्गीय आशीष को खो दिया । वैसे ही आज बहुत से लोग अपने पापों में बने हुए है और परमेश्वर की दया को ठुकरा रहे है ये बहुत ही दुख की बात है । ये वाणी उन्हें फिर से परमेश्वर की दया को याद दिला रही है कि वे पापों से मन फिराए ओर परमेश्वर की दया को प्राप्त करे ।
उपरोक्त वचनों को जानने के बाद यदि आप यीशु पर विश्वास करते है और अपने पापों से उद्धार पाना चाहते है । और स्वर्गी राज्य में भागी होना चाहते है । और नरक के दंड से बचना चाहते है तो इसी वक़्त अपने अपने पापों को यीशु के आगे कबुल करे । मतलब अपने आप को यीशु के आगे सरेंडर करे। सरेंडर करने का मतलब। जैसे एक सैनिक दूसरे देश के बॉर्डर पर यदि दूसरे देश के सैनिकों से घिर जाए तो वह अपनी जान बचाने के लिए अपने आप को सरेंडर करता है अर्थात वह अपनी बंदूक,बैग, और जो कुछ भी उसके पास होता है उसे जमीन पर फैक कर दोनों हाथों को ऊपर करता तब दूसरे देश के सैनिक उस पर गोली नही चलते । उसी प्रकार जितने अपने पापों को यीशु के आगे डाल देते है जितने पापों से मन फिरते है और उसे अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते है । तब यीशु उनके पापों को क्षमा करेगा । और उनको स्वर्गीय राज्य के लिए चुन लेगा । प्रियो ,इसी वक्त अपना जीवन प्रभु यीशु को दे । ताकि स्वर्गीय आशीष को पा सको ओर नरक के दंड से बच सको । परमेश्वर इस वचन के द्वारा आप सभों को बहुत बहुत आशीष दे । आमीन
