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Saturday, 12 April 2025

Ash Wednesday राख बुधवार का महत्व और उसके अर्थ

राख बुधवार का महत्व और उसके अर्थ

राख बुधवार, जिसे एश वेंडनस्डे भी कहा जाता है, ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है। यह लेंट के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, जो 40 दिन का उपवास है, जो ईस्टर से पहले आता है। इस दिन का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, और इसे दुनिया भर में बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

इस दिन, विश्वासियों को चर्च में जाकर राख के साथ चिन्हित किया जाता है। यह राख, पाम संडे से बचे हुए सूखे ताड़ के पत्तों से बनाई जाती है। इस प्रक्रिया में, पादरी  विश्वासियों के माथे पर 'आप मिट्टी हैं और मिट्टी में लौटेंगे' शब्दों के साथ राख का संघटक करते हैं। इस रेखाश्रृंखला का उद्देश्य आत्म-प्रवचन और पश्चात्ताप को प्रेरित करना है।

राख बुधवार का एक और महत्वपूर्ण पहलू है उपवास की अवधि की शुरुआत। यह समय आत्म-नियंत्रण और आत्म-विश्लेषण के लिए है। बहुत से लोग इस दौरान मांस, शराब या किसी विशेष खाद्य पदार्थ का त्याग करते हैं। उपवास का यह अद्भुत प्रदर्शन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए है, बल्कि आध्यात्मिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

धार्मिक समुदाय इस दिन के दौरान प्रार्थना और ध्यान को बढ़ाने के महत्व को समझते हैं। लोग अपनी दिनचर्या में ध्यान और प्रार्थना को शामिल करते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। कुछ लोग इस दिन को अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताने का निर्णय लेते हैं, जिससे साझा करने और एकजुटता का अनुभव होता है।

इसके अलावा, राख बुधवार का प्रभाव समाज पर भी पड़ता है। यह दिन न केवल व्यक्तिगत आत्म-reflection का अवसर देता है, बल्कि सामूहिक एकता और सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। लोग जरूरतमंदों की मदद करने के लिए दान करते हैं और जिनकी मदद की आवश्यकता है, उनके प्रति संवेदनशील बनते हैं।

अंततः, राख बुधवार सिर्फ ईसाई धार्मिक परंपरा का एक हिस्सा नहीं है, बल्कि यह आत्मा को गहराई से जानने और इसके वास्तविक मूल्य को पहचानने का एक अवसर है। यह दिन चिंता और हताशा के बीच एक स्थायी आशा का स्रोत बनाता है, जो सभी के लिए बदलाव की प्रेरणा देता है।

Happy Palm Sunday Blessings | पाम संडे बाइबल वचन - यीशु के विजयी प्रवेश पर

 पाम संडे बाइबल वचन - यीशु के विजयी प्रवेश पर शास्त्र | Happy Palm Sunday Blessings 

पाम संडे ईस्टर से पहले का रविवार है जो पवित्र सप्ताह की शुरुआत करता है। यह वह दिन है जिस दिन हम यीशु के यरूशलेम में उद्धारकर्ता और राजा के रूप में प्रवेश करने के दिन को याद करते हैं और मनाते हैं। जब यीशु गधे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश कर रहे थे, तो एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हुई और उन्होंने सड़क पर खजूर की शाखाएँ और अपने लबादे बिछा दिए, जिससे यीशु को शाही सम्मान मिला। सैकड़ों लोगों ने चिल्लाया, "दाऊद के बेटे को होसाना! धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है! सर्वोच्च स्वर्ग में होसाना!" हमें उम्मीद है कि पाम संडे, भविष्यवाणी के शास्त्रों और विजयी प्रवेश के बारे में ये बाइबिल छंद आपको मसीह को राजाओं के सच्चे राजा के रूप में जानने के लिए प्रेरित करेंगे!

पाम संडे के लोकप्रिय शास्त्र

मत्ती 21:5 - "सिय्योन की बेटी से कहो, 'देख, तेरा राजा तेरे पास आ रहा है, वह दीन है, और गदहे पर, वरन बोझा ढोनेवाले बच्चे पर चढ़ा हुआ है।'"

यूहन्ना 12:13 - तब वे खजूर की डालियाँ लेकर उससे भेंट करने को निकले, और पुकारने लगे, “होशाना! धन्य है वह, जो प्रभु के नाम से आता है, अर्थात् इस्राएल का राजा!”

मत्ती 21:10-11 - जब यीशु ने यरूशलेम में प्रवेश किया, तो सारे नगर में हलचल मच गई और लोग पूछने लगे, “यह कौन है?” लोगों ने उत्तर दिया, “यह गलील के नासरत का भविष्यद्वक्ता यीशु है।”

जकर्याह 9:9 - हे सिय्योन, बहुत ही आनन्द कर! हे यरूशलेम, जयजयकार कर! देख, तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर, वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा।

भजन संहिता 118:25-26 - हे यहोवा, हम प्रार्थना करते हैं, हमें बचा! हे यहोवा, हम प्रार्थना करते हैं, हमें सफलता प्रदान कर! धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हम यहोवा के घर से तुम्हें आशीर्वाद देते हैं।

लूका 19:28-44 - यीशु राजा के रूप में यरूशलेम आता है

यीशु ने यह कहकर यरूशलेम की ओर आगे बढ़कर आगे की यात्रा की। जब वह जैतून नामक पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुँचा, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, “अपने सामने के गाँव में जाओ, और वहाँ पहुँचते ही तुम्हें एक गदही का बच्चा बँधा हुआ मिलेगा, जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ। उसे खोलकर यहाँ ले आओ। यदि कोई तुम से पूछे, ‘तुम इसे क्यों खोलते हो?’ तो कहना, ‘प्रभु को इसका प्रयोजन है।’”

जो लोग आगे भेजे गए थे, उन्होंने जाकर वैसा ही पाया जैसा उसने उनसे कहा था। जब वे उस बछेड़े को खोल रहे थे, तो उसके मालिकों ने उनसे पूछा, “तुम इस बछेड़े को क्यों खोल रहे हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “प्रभु को इसकी आवश्यकता है।” वे उसे यीशु के पास ले आए, अपने कपड़े उस पर डाल दिए और यीशु को उस पर बिठा दिया। जब वह आगे बढ़ रहा था, तो लोगों ने अपने कपड़े रास्ते में बिछा दिए।

जब वह उस स्थान के पास पहुंचा जहां जैतून पहाड़ से नीचे जाने वाली सड़क है, तो शिष्यों की पूरी भीड़ ने उन सभी चमत्कारों के लिए जो उन्होंने देखे थे, खुशी से ऊंची आवाज़ में परमेश्वर की स्तुति की: “धन्य है वह राजा जो प्रभु के नाम से आता है!” “स्वर्ग में शांति और सबसे ऊँचे स्थान पर महिमा!” भीड़ में से कुछ फरीसियों ने यीशु से कहा, “गुरु, अपने शिष्यों को डाँटें!” “मैं तुमसे कहता हूँ,” उसने उत्तर दिया, “यदि वे चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।”


जब वह यरूशलेम के पास पहुंचा और शहर को देखा, तो वह उसके लिए रोया और कहा, "काश, तुम, तुम ही, इस दिन जानते कि तुम्हें शांति कैसे मिलेगी - लेकिन अब यह तुम्हारी आँखों से छिपा हुआ है। वे दिन तुम्हारे ऊपर आएंगे जब तुम्हारे दुश्मन तुम्हारे खिलाफ़ एक बाँध बनाएंगे और तुम्हें घेर लेंगे और हर तरफ़ से तुम्हें घेर लेंगे। वे तुम्हें और तुम्हारी दीवारों के भीतर के बच्चों को ज़मीन पर पटक देंगे। वे एक पत्थर भी दूसरे पर नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि तुमने परमेश्वर के तुम्हारे पास आने के समय को नहीं पहचाना।"




Sunday, 16 August 2020

Everyone gets time to change life, but life does not get to change time

वक़्त सबको मिलता है, जिंदगी बदलने के लिए, 
पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिए*। 
इस संसार के सदृश्य न बनो, परंतु तुम्हारे मन के नये हो जाने से तुम्हारा चाल चलन भी बदलता जाये
 जिससे तुम परमेश्वर की भली और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। रोमियो 12:2, 
 क्योंकि वह, अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है,
 हमारी दीन हीन देह का रूप बदलकर , अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा। फिलि 3:21,
 इसलिए अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा। कुलु 4:5.

  *किसी को खोकर ही उसकी कीमत समझ में आती है, चाहे वह रिश्ता हो या कोई वस्तु,
 इसलिए वक़्त रहते उसकी कद्र जरूर करें, क्योंकि वक़्त निकल गया तो सिर्फ पछतावा ही बचता है।*

 वह तुच्छ जाना जाता, और मनुष्यों का त्यागा हुआ था, वह दुःखी पुरूष था, रोग से उसकी जान
 पहिचान थी, और लोग उससे मुँह फेर लेते थे, वह तुच्छ जाना गया, और हमने उसका मूल्य 
न जाना। यशा 53:3, और जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि
 अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है कि मसीह जो महिमा 
की आशा है, तुम में रहता है।कुलु 1:27, लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन 
मुझसे दूर रहता है। मत्ती 15:8 ,किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों
 में और कोई दूसरा  नाम नहीं दिया गया है, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें। प्रेरितों के काम 4:12.


भोर की प्रार्थनाओं का क्या महत्व होता हैं.....?*

1) भोर की प्रार्थना अतिआवश्यक होती हैं, क्योंकि प्रार्थना के द्वारा सैतान से मुलाक़ात करने से पहले आप अपने प्रभु से मुलाक़ात करतें हैं l 
2  आपकी जिन्दगी की परिस्थितियों से भेंट होने से पूर्व आपकी मुलाकात आपके परमेश्वर से हो जाती हैं l 

3) बहुत से लोगों से बातचीत करने से पहले आप अपने प्रभु से बातें करतें हो l  

4) अन्य लोगों के संग संगती करने से पहले आप अपने प्रभु के साथ संगती करते हो l  

5)  संसार की कोई भी ताज़ा ख़बर सुनने से पहले आप स्वर्गीय  ख़बर को प्राप्त कर लेते हैं l 

6) लोगो के सामने बैठने से पहले आप अपने प्रभु के सामने बैठते हो l 

7) इससे पहले की आपको किसी मनुष्ये के सामने घुटने झुकाने पड़ें, आप अपने प्रभु के सामने घुटनों पर आ जाते हो l  

8) प्रार्थना के द्वारा किसी भी मनुष्य को आदर सम्मान देने से पहले आप अपने प्रभु को आदर सम्मान देतें हो l 

9)  प्रार्थना के द्वारा आप किसी भी मनुष्य की उपस्थिति में जाने से पहले आप अपने प्रभु की उपस्थिति में जाते  हैं l 

10) प्रार्थना के द्वारा आप अपने शरीर को भोजन देने से पहले अपनी आत्मा को भोजन देते हैं l 

11) और अन्य छोटे-छोटे नामों को लेने से पहले प्रार्थना के द्वारा यीशुवा को पुकारते हो l 

12) इससे पहले की आप अपने आपको आईने  में देखें  प्रार्थना के द्वारा आप अपने प्रभु यीशुवा को देखते हो l 

13) प्रार्थना के द्वारा आप अपने घर आँगन की सफाई करने से पहले अपने हृदय को साफ़ करते हो l 

अतः प्रियों, भोर को उठकर अपने मुखों को खोलें और प्रभु के संग संगती करें!!!!!!!!!

प्रार्थना एक बहुत ही प्रभावशाली हथियार हैं, एक वो हथियार जो आपके हाथों में हैं l  आपके मुख में सामर्थ हैं, जाग उठों, और अपने आपको शशक्त करने के लिए इस समर्थ का उपयोग करें!!!!!!

प्रभु आपको बहुतायत से आशीषें दें!


Sunday, 3 March 2019

तुम रोओगे और विलाप करोगे तुम्हारा शोक आनन्द में बदक जाएगा।

तुम रोओगे और विलाप करोगे... तुम्हारा शोक आनन्द में बदक जाएगा।’ (यूहन्ना, 16: 20)

आप सभी भाई ,बहनों पास्टर और प्रचारक को प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की

यीशु को सलीव की मौत दी गई थी। उसके शिष्य व्याकुल और निराश हो गए थे। उनकी सब आशाएँ उसी पर थी - अब वह कबर में मृतक पड़ा था।
परन्तु तीसरे दिन वह जी उठा। उसके शिष्यों ने अवश्य ही उन शब्दों को याद रखा होगा जिन्हें कि उसने उनसे अपनी मृत्यु के पहले कहा था: जो ऊपर लिखा है 
अपने प्यारे प्रभु और स्वामी को फिर देखने में उन्हें कितना आनन्द हुआ होगा! यूहन्ना हमें बताता है, ‘तब चेले प्रभु को देखकर आनन्दित हुए’ (यूहन्ना, अध्याय 20, पद 20)।

हम उनके आनन्द का अन्दाजा नही लगा सकते हैं।
जब यीशु स्वर्ग चला गया
प्ररितों के काम के पहले अध्याय के प्रथम आठ पदों को फिर से पढ़िये। कल्‍पना कीजिये कि जी उठने के बाद चालीस दिनों तक जब यीशु अपने शिष्यों के बीच में रहा और फिर से उन्हें शिक्षा देते रहा तो वे कितने आनन्दित हुए होंगे।

  चालीस दिनों के बाद आप उन्हें और उनके बीच यीशु को बैतनिय्याह की हरी पहाड़ियों पर खड़ा देखते हैं। अचानक वह उनके बीच में से ऊपर स्वर्ग पर उठा लिया गया। कितने अचम्‍भे से वे उस दृश्‍य को निहार रहे होंगे जब उन्‍उसने पृथ्वी को छोड़ा और एक बादल ने उसे उनकी आखों से छिपा लिया। फिर से वह उनसे ले लिया गया। लेकिन इस समय वे न विस्मित हुए और न निराश हुए; बिल्‍कुल भी नही! 
    लूका हमें बताता है,
‘वह उनसे अलग हो गया और स्वर्ग पर उठा लिया गया। तब वे उसको दण्डवत् करके बड़े आनन्द से यरूशलेम को लौट गए।’ (लूका 24:51-52)

दूसरी बार उनसे अलग होने पर वे इतने आनन्दित क्यों थे? इसलिये कि यीशु ने उनसे एक प्रतिज्ञा की थी। उसने कहा था,
‘देखो, मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ।’ (मत्ती, अध्याय 28, पद 20)

   वे जानते थे कि कुछ भी हो जाए, वह स्वर्ग से उनकी चौकसी करता रहेगा।
परन्तु सिर्फ इतना ही नहीं। जब वे उसे स्वर्ग में जाते हुए देख रहे थे, दो स्वर्गदूत एक संदेश लेकर उनके पास आए। उन्होंने कहा,
‘हे गलीली पुरूषो, तुम क्‍यों खड़े आकाश की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्‍वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्‍वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा।’ (प्रेरितों के काम 1:11)

  यह छोटा सा पद इतना महत्‍वपूर्ण है कि इसे हमेशा याद रखना चाहिये। जब शिष्य यरूशलेम को अपने प्रभु की आज्ञाओं का पालन करने  वापस लौटे, तो उन्‍हें पक्‍का विश्‍वास था कि यीशु खुद पृथ्वी पर वापस लौटेगा। इस बात ने उनहें बहुत आनन्दित किया।
यीशु ने कहाँ था ऊन से 
यह सब 2016 वर्ष  पूर्व हुआ और यीशु अभी तक वापस नहीं आये है।
परन्तु वह अवश्य आयेंगे। उन्‍होंने स्‍वंय ऐसा कहा। लूका के 21 वें अध्याय और 27 वें पद में व़े स्‍वंय बादल पर सामर्थ और बड़ी महिमा के साथ पृथ्वी पर वापिस आने के विषय में बताते है। (क्‍या आपने ध्यान दिया कि वे बादल में गये? और यह भी कि स्वर्गदूतों ने कहा कि जिस रीति से उन्होंने उसे ऊपर जाते देखा उसी रीति से वह लौटेगा?)

   बहुत से दृष्टांत भी यीशु के पुनः आगमन के बारे में बताते हैं। उदाहरण के लिए मत्ती के 25 वें अध्याय और उसके पहले 13 पद में दिए हुए दृष्टांत को लीजिए। 

   इसमें एक दूल्‍हे के बारे में लिखा है, और क्‍योंकि यह एक विवाह का दृश्‍य है तो इसे समझना हमारे लिए मुश्किल नही है। यह दूल्हा वास्‍तव में और कोई नही मसीह है, और यह कहानी हमें चेतावनी देती है कि जब वह आएगा तो कुछ लोग ऐसे भी रहेंगे जो उसके आने के लिए तैयार न होंगे।
तेरवें पद को देखिये। यीशु ऐसा नही कहते है कि, "तुम नही जानते हो कि तुम्हारा प्रभु आएगा या नहीं" उसका आना निश्चित है। इसमें कोई सन्देह नहीं। परन्तु वे यह कहते है,
‘तुम न उस दिन को जानते हो, न उस घड़ी को, जब मनुष्य का पुत्र लौटेगा।’ (मत्ती 25:13)
प्रकाशितवाक्य में यीशु ने अपने अन्तिम सन्देश में कहा,
‘देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ!’ (प्रकाशितवाक्य, अध्याय 22, पद 7)




प्रभु यीशु आप सभी कॊ इस वचन के द्वारा आशिष देवे और दूसरे आगमन के लीये रेडी करे 
बाइबल यहाँ से खरीदेबाइबल यहाँ से खरीदे

Thursday, 28 February 2019

Happy Palm Sunday पाम संडे क्या होता है ?

पाम संडे क्या होता है ?
 आये हम जानते है पाम संडे क्या होता है?

पाम संडे यानी खजूर रविवार को ईसाई धर्म के अनुयाइयों के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार मनाया गया। 
इस दिन को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। 
इस बार 28 March  को पाम संडे मनाया गया।
पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशू जब यरुशलम पहुँचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियाँ अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे। लोगों ने प्रभु यीशू की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। यह बात करीब दो हजार वर्ष पहले की बताई जाती है। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है।
इसे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है।  पाम संडे दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इसे पैसन संडे भी कहा जाता है।
इस मौके पर चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं। इसमें बाइबल का पाठ, प्रवचन और मीसा का आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही एक विशेष आयोजन के साथ शाम को विशेष चल समारोह निकाला जाएगा। ईसाई समाज पाम संडे के दिन प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर इस दिन का स्वागत करते हैं। वे हाथों में खजूर की डालियाँ लेकर प्रभु के आने की खुशी में गीत गाएँगे। रविवार से गिरिजाघरों में शुरू हुई प्रभु आराधना एवं भक्ति का सिलसिला ईस्टर तक जारी रहेगा।
मसीही मंदिरों में विशेष प्रार्थना होगी। 
 इसमें झाँकी सजाकर प्रभु के जीवन को दर्शाया जाएगा।