मसीहियत में Celebrity (मशहूरी, ख्याति)
हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे" लूका 6:26
(जब मनुष्य दिखता है, आदर पाता है, और प्रभु यीशु नहीं नज़र आता है )
आखिर क्यों ? टिकेगा हर घुटना, करेगी हर ज़ुबान अंगीकार की
"यीशु ही प्रभु है" फिलि. 2:5 -11
वो इसलिये की प्रभु यीशु ने
* अपने अधिकारों को त्यागा * स्वयं शून्य बने * मनुष्य बने * दास बने * दीन बने
* आज्ञाकारी बने * क्रूस की मृत्यु भी सह ली
क्योंकि वो शून्य बने
- इसलिए उन्होंने कोढ़ियों को गले लगाया,
- चुंगी लेनेवालों, वेश्याओं, गुनाहगारों के साथ बैठकर मुक्ति की बातें की,
- पांच पति करने वाली सामरी स्त्री के साथ कुएं पर बैठकर जीवन जल की बातें करी।
- अपने चेलों के पांव धोये।
- जब उसके मुंह पर थूका, मारा पीटा, कोड़े मारे, सिरपर काँटों का ताज रखा, उसने शिकायत नहीं करी, वह चुप रहा।
( इसके विपरीत आज सारे गुरु, धर्म, धनी, अपने आप को बड़ा बनाते हैं, सोने के तख्त पर बैठते है, भक्तों से अपने पांव धुलाते हैं। धनदौलत से घिरे रहते हैं )
मसीही जगत में भी आज
सेलिब्रिटी (celebrity) मसीही छाए हुए हैं
भीड़भाड़ की मीटिंगों, धनदौलत , नाम ,सम्मान, और दिखावे का बोलबाला है।
आज सवाल है
क्या हमारा स्वभाव प्रभु यीशु जैसा है ?
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गीत (unknown)
यीशु का नाम है
मीठा नाम है, सबसे प्यारा नाम है
यीशु का नाम - बोलो नाम
( यीशु का .... )
हर व्यक्ति हो छोटा बड़ा
यीशु के पास आओ
देगा वो शांति आराम
हर घुटना टिक जाएगा
हर एक ज़बान मानेगी
यीशु मसीह ही प्रभु है
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मैंने ये गीत क्यों लिखा ?
मैं दिल्ली में अपने शिष्याश्रम पहुंचा, कुछ गांव के देहाती भाई लंबा ट्रैन का सफर करके आश्रम पहुंचे थे।
पर,रोटी बनाने वाली एक बहिन नहीं आयी, चिंतित होकर मैन फ़ोन लगाया, तो बोली, भैया जी मैं बहुत परेशान हूँ।
मेरी बहू (उम्र करीब 20 वर्ष) को भूत लग गए हैं। उसके अंदर से आदमी की आवाज़ में बात कर रहे हैं। और वो मार पीट कर रही है, गालियां दे रही है, कोई उसको काबू में नहीं कर पा रहा है। पड़ोसी और आसपास के लोग घर के बाहर जमा हो रहे हैं।
मैंने उससे कहा, इसका उपाय तो आसान है,
मैंने तुम्हें प्रभु यीशु के बारे में, और उसके नाम की शक्ति के बारे में बताया था ।
तुम अपनी बहू के पास जाकर प्रभु यीशु के नाम से भूत प्रेत को आदेश दो की वो निकल जाएं। लेकिन,
दोपहर को वो फिर नहीं आयी, और हमने रोटी खुद ही बना ली।
बहरहाल,
मैंने फ़ोन लगाकर पूछा , क्या हुआ बहन , क्या प्रार्थना करी थी?
उसने जवाब दिया, हाँ
जब प्रार्थना करी तो भूत तो नहीं भागे, लेकिन बहू घर से निकलकर भागने लगी,
और लोग बड़ी मुश्किल से उसे पकड़कर वापस लाये हैं।
उसी दिन शाम को हम भाई मिलकर इंडिया गेट के पास राजपथ पर चल रहे थे।
एक देहात से आये भाई ने सवाल किया -
शिष्य जी, आप ने पहले बताया था कि इन सास और बहू के बीच में बहुत झगड़ा हुआ करता था, और इस लड़की ने हमारे आश्रम में सेवा करने वाली बहिन को बहुत सताया था, गालियां दी थीं, तो क्या इस ने अपनी सास से माफी मांग ली है?
मैंने जवाब दिया, इस लड़की ने अभी तक अपनी सास से माफी नहीं मांगी है। इस पर भाई ने कहा,
तो आओ फिर हम लोग ही उस लड़की की तरफ से परमेश्वर से क्षमा मांग लेते हैं। तब हम पांचों भाइयों ने रास्ते के किनारे खड़े होकर प्रभु से प्रार्थना करी, और कहा हे प्रभु इस लड़की के गुनाह हम पर डाल दीजिए,उसकी तरफ से उसके बदले हम पापों की क्षमा मांगते हैं, उस पर दया करो, क्षमा करो, मुक्त करो'।
दूसरे दिन जब सुबह बहन खुशी से आश्रम आ गयी
तो मैंने सवाल किया, क्या है तुम्हारी बहू का हाल ?
उसने जवाब दिया,
अचानक कल शाम को उसके अंदर से भूत प्रेत बोले , "हम निकल कर जा रहे हैं" करीब शाम के 6 बजे
(ये वही समय था, जब हम मिलकर प्रभु से प्रार्थना कर रहे थे, उसके पापों को अपने ऊपर लेकर क्षमा याचना कर रहे थे।)
मैंने उसी दिन ये गीत लिखा -
सबसे ऊंचा सबसे प्यारा यीशु का वो नाम रे,
स्वर्ग लोक संसार में, अधोलोक पाताल में"
भीड़ के कारण उसे खाट समेत बीच में यीशु के साम्हने उतार दिया।
उस ने उन का विश्वास देखकर उस से कहा; हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए"
लूका 5:19-21 आज सवाल है,
दूसरों के बदले, उनकी मुक्ति के लिए क्या आप प्रभु के सामने प्रार्थना में घुटनों पर आने को तैयार हैं ?
----गीत -
सबसे ऊंचा सबसे प्यारा यीशु का वो नाम रे,
स्वर्ग लोक संसार में, अधोलोक पाताल में,
भूत प्रेत सब थर थर कापें सुन यीशु का नाम रे,
सब घबराएं डर डर भागें, यीशु के शुभ नाम से - 2
सबसे ऊंचा...
राजे- राज और सब नर नारी, महिमा उसकी जान के,
चरण कमल पर सब रख जाएँ, हर वैभव और शान रे - 2
सबसे ऊंचा...
यीशु नाम जय ख्रिस्त नाम, राजाधिराज वो नाम रे,
पाप हरण सब जीवन पाएं, यीशु के बलिदान से,
सबसे ऊंचा...