Thursday, 11 October 2018

वफादारी क्या है? परमेश्वर के बारे में बाइबल कहती है,केवल तू ही वफादार है | What is loyalty? | VFADARI KYA HAI

 वफादारी क्या है? 
इब्रानी शास्त्र में वफादारी शब्द का मतलब ऐसी कृपा है जो बड़े प्यार से किसी के साथ जुड़ जाती है और तब तक उसका साथ नहीं छोड़ती, जब तक उसके बारे में उसका मकसद पूरा न हो जाए। वफादार इंसान प्यार करता है।  गौर करने लायक बात है कि भजनकार ने चंद्रमा को ‘आकाशमण्डल का विश्वासयोग्य साक्षी’ कहा, क्योंकि वह हर रात बिना नागा आसमान में दिखायी देता है।इस मायने में, चाँद विश्वासयोग्य या भरोसे के लायक है। मगर चंद्रमा, किसी इंसान जैसी वफादारी नहीं दिखा सकता। वह क्यों? क्योंकि एक इंसान की वफादारी उसके प्रेम का सबूत होती है और बेजान चीज़ें प्रेम नहीं कर सकतीं।
बाइबल में वफादारी के गुण में प्यार, स्नेह और लगाव भी शामिल है। वफादारी का होना ही इस बात का सबूत है कि यह जिसे दिखायी जाती है और जो वफादारी दिखाता है, वे एक रिश्ते में बंधे हुए हैं। यह वफादारी चार दिन की नहीं होती। यह सागर की उन लहरों की तरह नहीं, जो हवाओं के रुख के  मुताबिक अपना रुख बदल देती हैं। इसके बजाय, वफादारी या सच्चे प्यार में वह स्थिरता, और वह मज़बूती होती है जो मुश्किल-से-मुश्किल बाधाओं से पार लगा सकती है।
यह सच है कि ऐसी वफादारी आज बहुत कम देखने को मिलती है। आम तौर पर, संगी साथी ही एक-दूसरे को ‘बरबाद’ करने पर तुले होते हैं। और ऐसे वाकये बढ़ते जा रहे हैं जहाँ पति या पत्नी एक-दूसरे को छोड़ देते हैं। विश्वासघात इतना आम हो गया है कि हम भी भविष्यवक्ता मीका की तरह बोल पड़ते हैं: “भक्‍त [“वफादार”] लोग पृथ्वी पर से नाश हो गए हैं।” हालाँकि इंसान अकसर निरंतर प्रेम-कृपा या वफादारी दिखाने में नाकाम हो जाते हैं, मगर परमेश्वर यह गुण दिखाने में बेहतरीन मिसाल कायम करता है।
दरअसल, अगर आप यह जानना चाहते हैं कि वफादारी दिखाने में क्या-क्या शामिल है तो इसका सबसे बेहतरीन तरीका है यह जाँचना कि अपने प्रेम के इस लाजवाब पहलू को परमेश्वर कैसे ज़ाहिर करता है।          परमेश्वर की बेजोड़ वफादारी परमेश्वर के बारे में बाइबल कहती है केवल तू ही वफादार है। लेकिन यह कैसे हो सकता है? क्या कई बार इंसानों और स्वर्गदूतों ने भी बढ़िया तरीके से अपनी वफादारी का सबूत नहीं दिया है? और यीशु मसीह के बारे में क्या? क्या वह परमेश्वर का सबसे बड़ा “वफादार जन था। 
सबसे पहले, हम यह न भूलें कि वफादारी, प्रेम का ही एक पहलू है।
 क्योंकि परमेश्वर प्रेम है,यानी इसका साक्षात्‌ रूप, तो फिर उससे ज़्यादा
 और कौन है जो इस गुण को पूरी तरह से ज़ाहिर कर सकता है?  सच है
 कि स्वर्गदूत और इंसान परमेश्वर के गुण ज़ाहिर कर  सकते हैं, मगर 
सिर्फ परमेश्वर सर्वोत्तम तरीके से, परम सीमा तक वफादार है। “अति
 प्राचीन” होने के नाते, वह धरती पर या स्वर्ग में जीनेवाले किसी और 
प्राणी से ज़्यादा अरसे से निरंतर प्रेम-कृपा ज़ाहिर करता आया है।
परमेश्वर वफादारी का आदर्श है। वह जिस तरीके से यह गुण ज़ाहिर 
करता है, उसकी बराबरी और कोई प्राणी नहीं कर सकता। आइए कुछ 
मिसालों पर गौर करें।
परमेश्वर अपने सब कामों में वफादार है। किस तरह? वहाँ परमेश्वर के कई उद्धार के कामों का ज़िक्र है जिसमें लाल सागर से इस्राएलियों का हैरतअंगेज़ छुटकारा भी शामिल है। गौर करने लायक बात है इस भजन की हर आयत में इन शब्दों पर ज़ोर दिया गया है “उसकी निरंतर प्रेम-कृपा या वफादारी सदा की है। जब आप उन आयतों को पढ़ेंगे तो आप उन अनगिनत तरीकों को देखकर हैरत में पड़ जाएँगे जिनके ज़रिए परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए निरंतर प्रेम-कृपा ज़ाहिर की। जी हाँ,परमेश्वर अपने वफादार सेवकों की मदद की पुकार सुनकर और अपने ठहराए हुए वक्‍त पर कार्यवाही करके दिखाता है कि वह वफादार है। जब तक परमेश्वर के सेवक उसके वफादार रहते हैं, तब तक उसका सच्चा प्यार या उनके लिए वफादारी कम नहीं होती।
इतना ही नहीं परमेश्वर अपने स्तरों का पालन करने में भी अपने सेवकों से वफादारी निभाता है। परमेश्वर उन सनकी इंसानों की तरह नहीं है जो जैसा मन किया वैसा करते हैं। सही क्या है और गलत क्या इसके बारे में परमेश्वर अपने स्तरों को बदलता नहीं रहता। हज़ारों सालों से भूतविद्या  मूर्तिपूजा और हत्या के बारे में उसका नज़रिया एक ही रहा है। उसने अपने भविष्यवक्ता यशायाह के ज़रिए कहा “तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूंगा। इसलिए, हम भरोसा कर सकते हैं कि जब हम चालचलन के मामले में परमेश्वर के वचन में पाए जानेवाले स्पष्ट निर्देशों को मानेंगे तो इससे हमें लाभ होगा।
परमेश्वर अपने वादों को पूरा करके भी वफादारी निभाता है। जब वह कोई भविष्यवाणी करता है तो वह हर हाल में पूरी होती है। इसलिए परमेश्वर ने कहा मेरा वचन . जो मेरे मुख से निकलता है वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा परन्तु जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सुफल करेगा। परमेश्वर अपने वचन को पूरा करके अपने लोगों से वफादारी निभाता है। वह उनसे किसी ऐसी बात का इंतज़ार नहीं करवाता जिसे पूरा करने का उसका कोई इरादा नहीं। इस मामले में परमेश्वर का रिकॉर्ड ऐसा बेदाग है कि उसका सेवक यहोशू यह कह सका जितनी भलाई की बातें परमेश्वर ने इस्राएल के घराने से कही थीं उस में से कोई बात भी न छूटी सब की सब पूरी हुई। तो फिर, हम भरोसा रख सकते हैं कि हमें इस बात को लेकर कभी निराश नहीं होना पड़ेगा कि परमेश्वर अपना वादा पूरा करने में नाकाम रहा।
जैसे पहले बताया गया था, बाइबल कहती है कि परमेश्वर की निरंतर प्रेम-कृपा सदा की है। वह कैसे? पहले तो इस तरह कि परमेश्वर जब पापों को माफ करता है तो सदा के लिए करता है। जिन पिछली गलतियों के लिए एक इंसान को माफ किया गया है,परमेश्वर उन्हें दोबारा नहीं उठाता।
हम सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं इसलिए हममें से हरेक को एहसान मानना चाहिए कि परमेश्वर की निरंतर प्रेम-कृपा सदा की है।
मगर एक और मायने में परमेश्वर की निरंतर प्रेम-कृपा सदा की है। उसका वचन कहता है कि धर्मी जन उस वृक्ष के समान है जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है।”ऐसे हरे-भरे पेड़ की कल्पना कीजिए जिसके पत्ते कभी नहीं मुरझाते उसी तरह अगर हम सही मायनों में परमेश्वर के वचन से प्रसन्नता पाते हैं, तो हमारी ज़िंदगी लंबी शांतिमय और फलदायी होगी। परमेश्वर अपने विश्वासयोग्य सेवकों को  वफादारी निभाते हुए जो आशीषें देता है वे सदा तक रहती हैं। सचमुच परमेश्वर जो धर्मी नया संसार लाएगा उसमें आज्ञाकारी इंसान सदा तक उसकी निरंतर प्रेम-कृपा का आनंद ले सकेंगे। आमीन