Tuesday, 31 July 2018

इस संदेश को हमें में से हर एक को पढ़ना अनिवार्य है अपने बहुमूल्य समय को निकालकर आराम से इसे पढ़े

इस संदेश को हमें में से हर एक को पढ़ना अनिवार्य है अपने बहुमूल्य समय को निकालकर आराम से इसे पढ़े*


जब आप बाइबल कि अंतिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य को पढ़ेंगे तब हमें मालूम चलेगा कि कलीसियाओ में गलत शिक्षा के कारण परमेश्वर {स्पष्ट} उन्हें चेतावनी देते है
परमेश्वर गलत और झूठी शिक्षाओं के प्रति गंभीर है)
पर क्यों?
क्योंकि


1यह हमारे मन में तर्क और संदेह और परमेश्वर के विरोध में प्रश्न को लेकर आता है
2:यह हमारे विश्वास को कमजोर हमारे आनंद को समाप्त हमारे समय को बर्बाद
करता है और हमें निराशा में रखता है
और अंत में परमेश्वर के साथ हमारे सहभागिता को नष्ट कर देता है)
पौलुस तीमुथियुस को विशेष रूप से
निर्देश देता है
{मूर्खतापूर्ण और व्यर्थ के वाद विवादों से
जो गलत और झूठी शिक्षा के द्वारा उत्पन्न होती है दूर रहे
देखें 2 तीमुथियुस 2:23)
हमें भी व्यर्थ और निष्फल बातों से दूर रहना चाहिए
एक बार चेले प्रभु यीशु से कुछ प्रश्नों को पूछ रहे थे
पर प्रभु यीशु ने उनसे कहा यह जानना तुम्हारा काम नहीं
देखें प्रेरितों के काम 1:6-7)
हम भी बहुत बार प्रभु से ऐसे प्रश्न को पूछते हैं जिन्हें हम से कोई लेना-देना नहीं होता)
1 कुरिन्थियों 2:2
[2]क्योंकि मैं ने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह, वरन क्रूस पर {{चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूं।}}


सब जानना हमारा काम नहीं
हमें बस उसे जानना है जो {सबकुछ} को जानता है
और जब हम ऐसा करते हैं तो हम इस आशीष को पाते हैं
देखें
नीतिवचन 28:5
बुरे लोग न्याय को नहीं समझ सकते, परन्तु यहोवा को ढूंढने वाले सब कुछ समझते हैं।)
हमें भी गलत शिक्षा के प्रति सचेत रहना चाहिए
ताकि हम खुद को और दूसरों को भी इन खतरों से बचा सके)
इसलिए आइए पहले हम सतर्क रहना सीखें
मत्ती 24:3
और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हम से कह कि ये बातें कब होंगी और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?
सके कुछ चले यह जानने को बहुत इच्छुक थे
कि जगत के अंत का और उसके दोबारा आने का कौन-कौन चिन्ह होगा
ताकि सतर्क रह सके
इन चेलो के जैसा जब हम भी बहुत इच्छुक होकर परमेश्वर को
{खोजतेे हैं}
तो हम भी उससे निर्देश और मार्गदर्शन पाते हैं
और आप जानते हैं प्रभु यीशु ने सबसे {पहला चिन्ह} क्या बताया?
मत्ती 24:4-5
[4]यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए।
उस के दूसरे आगमन का सबसे पहला चिन्ह यह होगा कि गलत शिक्षाएं अपनी चरम सीमा पर होंगी
और यह उन झूठे लोगों के द्वारा होगा
जिनके पास ज्ञान तो बहुत रहेगा
पर परमेश्वर का ज्ञान नहीं
और वो अपने को मसीह भी कहेंगे पर मसीह का जीवन और मसीह का स्वभाव उनमें नहीं होगा 2 पतरस 2:1}
क्योंकि परमेश्वर के ज्ञान के साथ परमेश्वर का चरित्र भी साथ में आता है
देखें याकूब.3:13)
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास परमेश्वर का ज्ञान भी है फिर भी कुछ गलत बातों को बोल देते हैं अज्ञानता और उतावली के कारण इसलिए सतर्क रहें
[5]क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे
और आज जब मैं संसार को देखता हूं तो इतना अधिक झूठी और गलत शिक्षा आज तक मैंने नहीं देखा जो इन दिनों देख रहा हूं,
उदाहरण के लिए
आज बहुत से लोग पिता पुत्र और पवित्र आत्मा त्रिएक परमेश्वर को नहीं मानते
लोग कहते हैं {त्रिएक} शब्द बाइबल में कहां लिखा हुआ है?
अच्छा संपूर्ण पवित्र शास्त्र में बाइबिल {शब्द} भी कहीं नहीं लिखा हुआ है फिर इसे तो मानते हैं
लोग आज बातों को तोड़ के मरोड़ के कहते हैं बाइबिल में कहां लिखा हुआ है
अच्छा तो पूरी बाइबिल में यह भी कहा लिखा है, की गाड़ी और मोबाइल का यूज करो फिर इन कामों को क्यों करते हो?
आज लोग छोटी छोटी बातों को ऐसा घुमा फिराकर तोड़ के मरोड़ के ऐसा अनगिनित सिद्धांत बनाकर रख दिए हैं
जिसके कारण लोग प्रभु यीशु से दूर हो रहे हैं
मत्ती 23:4
वे एक ऐसे भारी बोझ को जिन को उठाना कठिन है, बान्धकर उन्हें मनुष्यों के कन्धों पर रखते हैं; परन्तु आप उन्हें अपनी उंगली से भी सरकाना नहीं चाहते।
देखें प्रेरितों के काम 15:7-11:24-29)
याद रखें प्रभु यीशु मसीही धर्म सिखाने नहीं पर स्वर्गीय पिता से मेल कराने और
प्रेम सिखाने आया
देखें 1 कुरिन्थियों 13:4-7)
आज बहुत से लोग इंटरनेट पर बहुत सारे प्रचारकों की शिक्षा सुनते हैं
पर आप सावधान रहे कि आप क्या सुनते हैं
परमेश्वर एक के दास ने कहा था झूठी शिक्षाएं पूरी रीती से झूठी नहीं होंगी पर वह वचनों को मोड तोड़कर इधर-उधर घुमा फिरा के दूसरी बातों का मिश्रण करके हमारे सामने आएगी
जैसे शैतान ने हवा को बहुत चालाकी से
अपने बातों में फसाया देखें:उत्पत्ति 3:1)
ऐसे ही दूसरी और
बहुत से लोग कहते हैं बाइबल में लिखा है बाइबिल में :ऐसा कहकर गलत बातों को तोड़ के मरोड के पेश करते हैं
अच्छा
बाइबिल में यह भी लिखा हुआ है
यदि तुम्हारी आंख ठोकर खिलाएं तो उसको निकाल कर फेंक दो यदि तुम्हारे हाथ-पांव ठोकर खिलाएं तो उसे काट कर फेंक दो
ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं बाइबल में लिखा हुआ है तो हमें भी ऐसा ही करना चाहिए चाकू लेकर अपने आंखों को निकालकर फेंकना चाहिए
और चाकू लेकर अपने हाथ पैरों को काटना चाहिए,
लोग आज बाइबल में लिखा हुआ है ऐसा कहकर वचनों को तोड़कर मरोड़ कर सामने ला रहे हैं)
{सावधान पवित्र आत्मा और उसके प्रकाशन के बिना यह वचन भी हमारे लिए विनाशकारी है}
याद रखें शैतान ने भी यीशु से वचन के द्वारा ही बात किया था पर यीशु पवित्र आत्मा के परिपूर्ण था
पुराने नियम में जब मूसा सीने पर्वत से व्यवस्था को लेकर आया 3000 लोगों की मृत्यु हुई
पर नए नियम में पतरस ने जब पिन्तेकुस  दिन पवित्र आत्मा से भर कर प्रचार किया तो 3000 लोगों ने जीवन पाया
यह है पवित्र आत्मा की सामर्थ्य
देखें
निर्गमन 32:28 प्रेरितों के काम 2:41)
क्योंकि लिखा है
2 कुरिन्थियों 3:6
जिस ने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन आत्मा के; {{क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है।}}
महान प्रभु के एक सेवक ने कहा
:पवित्र आत्मा के बगैर कोई मसीही जीवन नहीं
: पवित्र आत्मा के बगैर हमारे परिश्रम व्यर्थ और उबाऊ हैं
: पवित्र आत्मा के बगैर परमेश्वर के साथ संगति करना असंभव है,
जैसे जैसे आप पवित्र आत्मा के द्वारा वचन को पढ़ेंगे यह वचन आपके लिए जीवित बनते जाएंगे
जितना आप पवित्र आत्मा से सीखना चाहते हैं उससे कहीं अधिक पवित्र आत्मा आपको सिखाना चाहता है
पर वह तब तक नहीं सिखाएगा जब तक आप उससे कहें नहीं
क्योंकि वह कभी भी जबरदस्ती नहीं करता वह हमेशा आपका इंतजार करता है कि कब आप उसे सच्चाई के साथ सिखाने को कहें,
(देखें नीतिवचन 2:1-5: यदि आप उसे इस वचन के अनुसार ढूंढगे
तो मैं सच कहता हूं वह आपको प्रकाशनों से भर देगा और आपके कल्पनाओं से कहीं ज्यादा वह आपके लिए करेगा)
पर अब सवाल रहा है कि हम गलत और झूठी शिक्षा को कैसे पहचाने?
(1) परमेश्वर की इच्छा पर इमानदारी से चलने की आशा रखते हुए {लगातार कोशिश } करने के द्वारा
यूहन्ना 7:17
यदि कोई उस की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि वह परमेश्वर की ओर से है, या मैं अपनी ओर से कहता हूं।)


(2) कोई भी शिक्षा इनके विरोध मैं नहीं होगी
गलातियों 5:22-23
[22]पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
[23]और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; {{ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।}}
अर्थात कोई भी शिक्षा :परमेश्वर के चरित्र और उसके इच्छा के विरोध में कभी नहीं नहीं होंगी
अधिक जानने के लिए नीचे के वचनों को ध्यान से पढ़ें
याकूब 3:17-18
[17]पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो (पवित्र होता है)
{फिर मिलनसार},
{कोमल} और {मृदुभाव} और {दया}, और अच्छे फलों से लदा हुआ और {पक्षपात} और {कपट रहित होता है}
[18]और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का {फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है॥}
परमेश्वर का चरित्र
1दयालु:2अनुग्रहकारी:3कोप करने में धीरजवन्त:4अति करूणामय:5सत्य
6:हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर करूणा करने वाला,7: और{न्यायि}
निर्गमन 34:6-7)
(3) हमें वचनों की जानकारी होनी चाहिए
लूका 6:3
यीशु ने उन का उत्तर दिया; क्या तुम ने यह नहीं पढ़ा, कि दाऊद ने जब वह और उसके साथी भूखे थे तो क्या किया?
हमें वचनो की जानकारी कैसे होगी
तब होगी
जब हम पवित्र आत्मा की मदद लेते हुए बाइबल को गंभीरता से पढ़ते जाएंगे)
(4) पवित्र आत्मा का आदर करना उसकी बात को अनसुना ना करना
और उसकी आत्मा से परिपूर्ण रहने के द्वारा
कभी कभी जब आप किसी मीटिंग में या किसी का प्रचार सुनेंगे तो आप के ह्रदय में ,मन में नहीं
{अचानक}
एक अशांति अटपटा सा महसूस होगा
तो समझ जाए यह वचन परमेश्वर की इच्छा से नहीं
पर हमें सावधान भी रहना चाहिए है
कि हम अपने भावनाओं के आधार पर ऐसा ना करें पर उसे वचन के द्वारा जांचें भी ,यदि हम पवित्र आत्मा के घनिष्टता  संबंध में ज्यादा है तो हमें यह मालूम चल जाएगा कि यह हमारी भावनाओं की ओर से है या पवित्र आत्मा की ओर से)
हमें ऐसी शिक्षा पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए जो गलत है
इसके लिए हमें प्रार्थना में अधिक समय बिताना चाहिए
और उसे वचनों के द्वारा खोजते हुए कि यह सही है कि नहीं जांचना चाहिए
प्रार्थना और वचन यह दोनों एक साथ होनी चाहिए
:और इस में समय लगता है यह तुरंत नहीं होता पर जब आप [सच्चाई] के साथ उसे खोजते रहेंगे तो आप पर सत्य प्रकट हो जाएगा)
और जब हम ऐसा करते हैं
बाईबल बताती है परमेश्वर अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है
याद रखें खोजने वालों को प्रतिफल मिलता है
खोजना एक मजबूत शब्द है अर्थात उसके पीछे लगे रहना
यूहन्ना 16:13
परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, 
देखें 1यूहन्ना.2:27 
आप प्रतिदिन पवित्र आत्मा के द्वारा वचनों का अध्ययन करने में अधिक से अधिक समय बिताएं
और वह आप पर अपनी बातों को प्रकट करेगा
1 यूहन्ना 4:1
हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं।
महिमा केवल हमारे प्रभु को
इस संदेश की आवश्यकता बहुत से लोगों को है इसे दूसरों के साथ बांटने के द्वारा उनकी मदद करें