क्या आपको पता है....
क्रोध का पूरा खानदान है..
क्रोध का पूरा खानदान है..
क्रोध की एक लाडली बहन है
II ज़िद ॥
II ज़िद ॥
क्रोध की पत्नी है
॥ हिंसा II
॥ हिंसा II
क्रोध का बडा भाई है
॥ अंहकार ॥
॥ अंहकार ॥
क्रोध का बाप जिससे वह डरता है
॥ भय ॥
॥ भय ॥
क्रोध की बेटिया हैं
॥ निंदा और चुगली ॥
॥ निंदा और चुगली ॥
क्रोध का बेटा है
॥ बैर ॥
॥ बैर ॥
इस खानदान की नकचडी बहू है
॥ ईर्ष्या॥
॥ ईर्ष्या॥
क्रोध की पोती है
॥ घृणा ॥
॥ घृणा ॥
क्रोध की मां है
॥ उपेक्षा ॥
॥ उपेक्षा ॥
और क्रोध का दादा है
।। द्वेष ।।
तो इस खानदान से हमेशा
दूर रहें और हमेशा खुश रहो।
इस मेसज को आगे भेजकर सबको
इस खानदान के बारे जानकारी दे।
धन्यवाद
|||||||| "ये ही सत्य हैं" |||||
।। द्वेष ।।
तो इस खानदान से हमेशा
दूर रहें और हमेशा खुश रहो।
इस मेसज को आगे भेजकर सबको
इस खानदान के बारे जानकारी दे।
धन्यवाद
|||||||| "ये ही सत्य हैं" |||||
2:1 जब पिन्तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे।
2:1 And when the day of Pentecost was fully come, they were all with one accord in one place.
2:2 और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया।
2:2 And suddenly there came a sound from heaven as of a rushing mighty wind, and it filled all the house where they were sitting.
2:3 और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं।
2:3 And there appeared unto them cloven tongues like as of fire, and it sat upon each of them.
2:4 और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे॥
2:4 And they were all filled with the Holy Ghost, and began to speak with other tongues, as the Spirit gave them utterance.
2:5 और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रहते थे।
2:5 And there were dwelling at Jerusalem Jews, devout men, out of every nation under heaven.
2:6 जब वह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाईं देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं।
2:6 Now when this was noised abroad, the multitude came together, and were confounded, because that every man heard them speak in his own language.
2:7 और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं?
2:7 And they were all amazed and marvelled, saying one to another, Behold, are not all these which speak Galilaeans?
2:8 तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है?
2:8 And how hear we every man in our own tongue, wherein we were born?
2:9 हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्पदूकिया और पुन्तुस और आसिया।
2:9 Parthians, and Medes, and Elamites, and the dwellers in Mesopotamia, and in Judaea, and Cappadocia, in Pontus, and Asia,
2:10 और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहने वाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करने वाले, क्रेती और अरबी भी हैं।
2:10 Phrygia, and Pamphylia, in Egypt, and in the parts of Libya about Cyrene, and strangers of Rome, Jews and proselytes,
2:11 परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।
2:11 Cretes and Arabians, we do hear them speak in our tongues the wonderful works of God.
2:12 और वे सब चकित हुए, और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे कि यह क्या हुआ चाहता है?
2:12 And they were all amazed, and were in doubt, saying one to another, What meaneth this?
2:13 परन्तु औरों ने ठट्ठा करके कहा, कि वे तो नई मदिरा के नशे में हैं॥
2:13 Others mocking said, These men are full of new wine.
2:14 पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और ऊंचे शब्द से कहने लगा, कि हे यहूदियो, और हे यरूशलेम के सब रहने वालों, यह जान लो और कान लगाकर मेरी बातें सुनो।
2:14 But Peter, standing up with the eleven, lifted up his voice, and said unto them, Ye men of Judaea, and all ye that dwell at Jerusalem, be this known unto you, and hearken to my words:
2:15 जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशे में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है।
2:15 For these are not drunken, as ye suppose, seeing it is but the third hour of the day.
2:16 परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई है।
2:16 But this is that which was spoken by the prophet Joel;
2:17 कि परमेश्वर कहता है, कि अन्त कि दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरिनए स्वप्न देखेंगे।
2:17 And it shall come to pass in the last days, saith God, I will pour out of my Spirit upon all flesh: and your sons and your daughters shall prophesy, and your young men shall see visions, and your old men shall dream dreams:
2:18 वरन मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी उन दिनों में अपने आत्मा में से उंडेलूंगा, और वे भविष्यद्वाणी करेंगे।
2:18 And on my servants and on my handmaidens I will pour out in those days of my Spirit; and they shall prophesy:
2:19 और मैं ऊपर आकाश में अद्भुत काम, और नीचे धरती पर चिन्ह, अर्थात लोहू, और आग और धूएं का बादल दिखाऊंगा।
2:19 And I will shew wonders in heaven above, and signs in the earth beneath; blood, and fire, and vapour of smoke:
2:20 प्रभु के महान और प्रसिद्ध दिन के आने से पहिले सूर्य अन्धेरा और चान्द लोहू हो जाएगा।
2:20 The sun shall be turned into darkness, and the moon into blood, before that great and notable day of the Lord come:
2:21 और जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वही उद्धार पाएगा।
2:21 And it shall come to pass, that whosoever shall call on the name of the Lord shall be saved.
2:22 हे इस्त्राएलियों, ये बातें सुनो: कि यीशु नासरी एक मनुष्य था जिस का परमेश्वर की ओर से होने का प्रमाण उन सामर्थ के कामों और आश्चर्य के कामों और चिन्हों से प्रगट है, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखलाए जिसे तुम आप ही जानते हो।
2:1 And when the day of Pentecost was fully come, they were all with one accord in one place.
2:2 और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया।
2:2 And suddenly there came a sound from heaven as of a rushing mighty wind, and it filled all the house where they were sitting.
2:3 और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं।
2:3 And there appeared unto them cloven tongues like as of fire, and it sat upon each of them.
2:4 और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे॥
2:4 And they were all filled with the Holy Ghost, and began to speak with other tongues, as the Spirit gave them utterance.
2:5 और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रहते थे।
2:5 And there were dwelling at Jerusalem Jews, devout men, out of every nation under heaven.
2:6 जब वह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाईं देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं।
2:6 Now when this was noised abroad, the multitude came together, and were confounded, because that every man heard them speak in his own language.
2:7 और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं?
2:7 And they were all amazed and marvelled, saying one to another, Behold, are not all these which speak Galilaeans?
2:8 तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है?
2:8 And how hear we every man in our own tongue, wherein we were born?
2:9 हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्पदूकिया और पुन्तुस और आसिया।
2:9 Parthians, and Medes, and Elamites, and the dwellers in Mesopotamia, and in Judaea, and Cappadocia, in Pontus, and Asia,
2:10 और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहने वाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करने वाले, क्रेती और अरबी भी हैं।
2:10 Phrygia, and Pamphylia, in Egypt, and in the parts of Libya about Cyrene, and strangers of Rome, Jews and proselytes,
2:11 परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं।
2:11 Cretes and Arabians, we do hear them speak in our tongues the wonderful works of God.
2:12 और वे सब चकित हुए, और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे कि यह क्या हुआ चाहता है?
2:12 And they were all amazed, and were in doubt, saying one to another, What meaneth this?
2:13 परन्तु औरों ने ठट्ठा करके कहा, कि वे तो नई मदिरा के नशे में हैं॥
2:13 Others mocking said, These men are full of new wine.
2:14 पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और ऊंचे शब्द से कहने लगा, कि हे यहूदियो, और हे यरूशलेम के सब रहने वालों, यह जान लो और कान लगाकर मेरी बातें सुनो।
2:14 But Peter, standing up with the eleven, lifted up his voice, and said unto them, Ye men of Judaea, and all ye that dwell at Jerusalem, be this known unto you, and hearken to my words:
2:15 जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशे में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है।
2:15 For these are not drunken, as ye suppose, seeing it is but the third hour of the day.
2:16 परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई है।
2:16 But this is that which was spoken by the prophet Joel;
2:17 कि परमेश्वर कहता है, कि अन्त कि दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरिनए स्वप्न देखेंगे।
2:17 And it shall come to pass in the last days, saith God, I will pour out of my Spirit upon all flesh: and your sons and your daughters shall prophesy, and your young men shall see visions, and your old men shall dream dreams:
2:18 वरन मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी उन दिनों में अपने आत्मा में से उंडेलूंगा, और वे भविष्यद्वाणी करेंगे।
2:18 And on my servants and on my handmaidens I will pour out in those days of my Spirit; and they shall prophesy:
2:19 और मैं ऊपर आकाश में अद्भुत काम, और नीचे धरती पर चिन्ह, अर्थात लोहू, और आग और धूएं का बादल दिखाऊंगा।
2:19 And I will shew wonders in heaven above, and signs in the earth beneath; blood, and fire, and vapour of smoke:
2:20 प्रभु के महान और प्रसिद्ध दिन के आने से पहिले सूर्य अन्धेरा और चान्द लोहू हो जाएगा।
2:20 The sun shall be turned into darkness, and the moon into blood, before that great and notable day of the Lord come:
2:21 और जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वही उद्धार पाएगा।
2:21 And it shall come to pass, that whosoever shall call on the name of the Lord shall be saved.
2:22 हे इस्त्राएलियों, ये बातें सुनो: कि यीशु नासरी एक मनुष्य था जिस का परमेश्वर की ओर से होने का प्रमाण उन सामर्थ के कामों और आश्चर्य के कामों और चिन्हों से प्रगट है, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखलाए जिसे तुम आप ही जानते हो।
*आज बहुत से परिवारों में अशांति और झगड़े है और इन झगड़ों का मुख्य कारण है बहस करना सहनशील ना होना और क्षमा ना करना*
*सच्ची क्षमा अपने ह्रदय में दूसरों के प्रति बदले की भावना और कड़वाहट को ना रखना है*
*परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि हमें लोगों की गलतियों के प्रति धीरजवन्त होना है*
*इसका अर्थ यह नहीं कि हम लोगों को बिगड़ने के लिए छोड़ दें हां*
*हमें लोगों को समझाना और सिखाना है*
*पर बुद्धिमानी से सबसे महत्वपूर्ण परमेश्वर के मार्गदर्शन के अनुसार*
*क्योंकि हम लोगों को नहीं बदल सकते हैं लेकिन परमेश्वर है जो उन को बदल सकता है*
*मत्ती 19:26*
*यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है*
*बहुत बार हमारे जीवन में भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं जिसमें हमें बिल्कुल भी समझ में नहीं आता कि हम क्या करें?*
*अब जब तक हम जिंदा है तब तक शैतान हमें परेशान करेगा ही समस्याएं आएंगे ही*
*लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी हम एक शांतिमय जीवन को कैसे जिए?*
*और इसका कुंजी है क्या*
*इसका कुंजी है केवल परमेश्वर की उपस्थिति*
*परमेश्वर की उपस्थिति 5 मिनट बाइबल पढ़ना 10 मिनट प्रार्थना करने से नहीं आती परमेश्वर की उपस्थिति आती है {उसे खोजने में}*
*और खोजने के लिए दो बातों का होना*
*आवश्यक है पहला अपना ध्यान केवल उसी पर लगाना और दूसरा हमारा समय*
*यशायाह 55:6*
*जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो;*
*उसकी उपस्थिति के लिए हमें कीमत चुकानी पड़ती है और वह है हमारा समय*
*हम परमेश्वर की उपस्थिति में दो बातों के द्वारा प्रवेश करते हैं पहला विश्वास और दूसरा प्रभु यीशु का लहू*
*विश्वास करने के द्वारा हम परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं*
*इब्रानियों 4:3*
*और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं;*
*यह विश्राम वह स्थान है चाहे हम कैसे भी दर्दनाक परिस्थिति से गुजर रहे हो या अत्यंत दुख और क्लेश में हो पर फिर भी हम अंदर से शांत और आनंद में हो)*
*हम नाना प्रकार के समस्याओं से गुजरते तो हैं पर इसमें हम अकेले नहीं हमारे साथ कोई है*
*रोमियो 8:31*
*सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है*
*और वह अंत तक हमारे साथ रहेगा वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा*
*महिमा केवल हमारे प्रभु को*
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