Sunday, 11 November 2018

चर्च कलिसिया का क्या उदेश्य है? | What is the purpose of church church? | Church Kalisiya Ka Kya Udeshy Hai Jane adhik eske bare Me

चर्च कलिसिया का क्या उदेश्य है?
उत्तर: प्रेरितो के काम 2:42 को चर्च कलिसिया के
 उदेश्य का कथन माना जा सकता है ’’और वे प्रेरितो से 
शिक्षा पाने और संगति रखने और रोटी तोडने और प्रार्थना 
करने में लौलीन रहे। इस वचन के अनुसार चर्च कलिसिया 
का उदेश्य/कार्ये
1 बाइबल की शिक्षा देना
2 विश्वासीयो की संगति के लिए स्थान उपलब्द कराना 
3 प्रभुभोज को अनुसरण करना
4 प्रार्थना करना होना चाहिए । 

चर्च कलिसिया को बाइबल की शिक्षा को सिखाना
चाहिए जिससे की हम अपने विश्वास में बने रहे।
इफिसियों 4:14 हमे बताता है ताकि हम आगे को 
बालक न रहे जो मनुष्यों की ठग -विद्या और चतुराई
से उनके भ्रम की युक्तियों के और उपदेश के हर एक 
झोके से उछाले और इधर-उधर धुमाए जाते हों। चर्च 
कलिसिया एक संगति का स्थान होचा चाहिए जहाँ 
मसीह जन एक दूसरे को समर्पित हो और एक दुसरे 
का आदर करे रोमिया 12:10 एक दूसरे को चिताए
रोमियो 15:14 एक दूसरे के प्रति दयालु और करूणामय 
हो इफिसियो 4:32 एक दूसरे को उत्साहित करे
1थिस्सलुनिकियो) और सबसे महत्वपूर्ण 
एक दूसरे से प्रेम करे ।1 यूहन्ना 3:11। 

चर्च कलिसिया वह स्थान होना चाहिए । जहाँ 
विश्वासी प्रभुभोज का मसीह की मृत्यु और उसका 
हमारे स्थान पर लहू बहाने को स्मरण करते हुए 
अनुसरण करें।1 कुरिन्थियों 11:23-26।रोटी तोड़ने
 का विचार (प्रेरितो के काम 2:42) साथ भोजन करने
 के विचार को भी साथ लिए है। यह चर्च का संगति को
 बढावा देने का एक और उदाहरण है। प्रेरितो के काम 2:42
 के अनुसार कलिसिया का अन्तिम उदेश्य प्रार्थना है।
 कलिसिया वह स्थान होना चाहिए जो प्रार्थना करने को 
बढावा देता है प्रार्थना सिखाता है और प्रार्थना करने का
अनुसरण करता है। फिलिप्पियों 4:6-7 हमें उत्साहित 
करता है कि, ’’किसी भी बात की चिन्ता मत करो परन्तु हर
एक बात में तुम्हारे निवेदन प्रार्थना और विनती के द्वारा
धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाए । 
तब परमेश्वर की शान्ति, जो सारी समझ से परे हैं
 तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह
 यीशु ने सुरक्षित रखेगी  । 
एक अन्य दायित्व जो कलिसिया को दिया गया वह है यीशु 
मसीह के द्वारा उद्वार के सुसमाचार का प्रचार करना 
मत्ती 28:18-20; प्रेरितो के काम 1:8। कलिसियाँ को 
विश्वासयोग्यता से वचन और कार्यो के द्वारा सुसमाचार
 को बाँटने के लिए बुलाया गया है। कालिसिया को समुदाय
 में एक प्रकाश स्तम्ब के समान होना चाहिए जो लोगों
 को प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की और मार्गदर्शित करें ।
 कालिसिया को सुसमाचार का प्रचार और अपने सदस्यों को
 तैयार दोनों करना चाहिए ( 1 पतरस 3:15) 

कलिसिया के कुछ अन्तिम उदेश्य याकूब 1:27 में दिये
 गए हैहमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल 
भक्ति यह है कि अनाथो और विधावाओ के कलेश में उसका
 सुधि ले, और अपने आप को संसार से निष्कलंक रखे।
 कलिसिया को जरूरतमन्दों की सेवकाई के कार्य में लगे
 होना चाहिए। इसमें से केवल सुसमाचार को बाँटना ही
 सम्मिलित नहीं है बल्कि शारीरिक आवश्यकताओं
 खाना कपडा आवास को उपलब्द कराना भी आवश्यक 
और उचित है। कलिसिया को मसीह में विश्वासीयों
 को पाप से बचने और संसार को गन्दगी से अलग
 रहने के लिए जो सामग्री आवश्यक है उसे भी
 उपलब्ध कराना है। यह बाइबल की शिक्षा देने और
 मसीह संगति से होता है, ता कलिसिया का उदेश्य
 क्या है ? पोलुस ने कुरिन्थि के विश्वासीयों को उत्तम
 उदाहरण दिया । चर्च कलिसिया संसार में परमेश्वर
 के हाथ, मुँह और पाँव है मसीह की देह 1 कुरिन्थियो 
12:12:27। हमको वह बाते करते होना चाहिए जो
यीशु मसीह इस पृथ्वी पर यदि देह मे उपस्थित होते
 तो करते। चर्च (कलिसिया) को मसीही मसीह के
 सदृश्य’ और मसीह के अनुसरण करने वाले होना चाहिए ।

आगे वचन देखे 


तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा
 मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा।
 When thou saidst, Seek ye my face; my heart said unto thee, Thy face, LORD, will I seek.
 अपना मुख मुझ से न छिपा॥ अपने दास को क्रोध करके
 न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले
परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे!
 Hide not thy face far from me; put not thy servant away in anger: thou hast been my help; leave me not, neither forsake me, O God of my salvation.
 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु
यहोवा मुझे सम्भाल लेगा॥
 When my father and my mother forsake me, then the LORD will take me up.
 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे
 द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल।
 Teach me thy way, O LORD, and lead me in a plain path, because of mine enemies.
 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि
 झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं॥
 Deliver me not over unto the will of mine enemies: for false witnesses are risen up against me, and such as breathe out cruelty.
 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर
 यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता।
 I had fainted, unless I had believed to see the goodness of the LORD in the land of the living.
 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा
 हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!
 Wait on the LORD: be of good courage, and he shall strengthen thine heart: wait, I say, on the LORD.
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