Monday, 18 February 2019

Prathana kaise kare or prarthana ka uttar paane ke liye kin baato ka dhyaan rakhe? प्रार्थना का उत्तर पाने के लिए किन बातो का ध्यान रखे?

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प्रार्थना कैसे करे?  
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प्रार्थना का उत्तर पाने के लिए किन बातो का ध्यान रखे?
कई बार हमारी प्रार्थना का उत्तर न मिलने के भी कुछ  कारण हो सकते है ? यदि आप 
परमेश्वर का वचन जैसा कहता है उन बातो को लागु करते है  और वैसा ही करते है तो 
आप को आपकी प्रार्थना  उत्तर जरूर   मिलने पाएगा। मैने नीचे कुछ  प्रार्थना के ऊपर
 वचन दिए है  आप उन परमेश्वर के वादे को अपनी प्रार्थना मे जरूर अंगीकार करे कि प्रभु 
तेरे वचन मे लिखा है और जो जरूरत है उसे बोले। और उन बातो का पालन करे  और उन
 वचनो को  तब तक अंगीकार करते रहे जब तक कि आपकी प्रार्थना का उत्तर नही 
मिलता उन वचनो को पकडे रहे ।और परमेश्वर का वचन भी कहता है-
नीतिवचन 4:13
शिक्षा ( परमेश्वर के वचन)    को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे; 
 इब्रानियों 10:23
और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें;
 इन सब वचनो  का  आप ध्यान रखे और उन बातो का पालन करे जो मै नीचे दे रहा हूं -

प्रार्थना मे इस्तेमाल करने वाले वचन -
मत्ती 7:7 मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा;

मत्ती 18:19 यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों,
 तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी।

यूहन्ना 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।

भजन संहिता 50:15 और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥

भजन संहिता 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु 
यहोवा के खोजियों को  किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी॥

यिर्मयाह 33:3 मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बढ़ी-बड़ी और
 कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।

मत्ती 6:33 इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो
 तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।

निर्गमन 23:25 और तुम अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे 
अन्न जल पर आशीष देगा, और तेरे बीच में से रोग दूर करेगा।

नीतिवचन 10:21 धन यहोवा की आशीष ही से मिलता है, 
और वह उसके साथ दु:ख नहीं मिलाता।
मलाकी 3:10 सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का 
यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे
 लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।

मरकुस 16:17, 18 और विश्वास करने वालों में ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे
 नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे।
18 वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।

मत्ती 8:17 उस ने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया॥

यशायाह 53:4,5
निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; 
5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के
 हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।

1 पतरस 2:24
वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम
 पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।

याकूब 1:5
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना 
दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।

भजन संहिता 32:8
मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा;
 मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा।

भजन संहिता 34:7
यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।

यशायाह 54:16
जितने हथियार तेरी हानि के लिये बनाए जाएं, उन में से कोई सफल न
होगा, 

और एक बात आपको जो याद रखना चाहिए वो ये है प्रभु यीशु के नाम मे सामर्थ है
 आप प्रभु यीशु के नाम से दुष्ट आत्मा भी निकल सकते है और बिमारो को चंगा भी
 कर सकते है और यही बात पतरस भी जानता था इसलिए पतरस ने उस जन्म के
 लंगडे व्यक्ति को यीशु के नाम से आज्ञा दी और वह चंगा हो गया।
जैसा वचन कहता है -

प्रेरितों के काम 3:6,7
तब पतरस ने कहा, चान्दी और सोना तो मेरे पास है नहीं; परन्तु जो मेरे पास है
वह तुझे देता हूं: यीशु मसीह नासरी के नाम से चल फिर। 
7 और उस ने उसका दाहिना हाथ पकड़ के उसे उठाया: और तुरन्त उसके पावों और टखनों में बल आ गया। 
8 और वह उछलकर खड़ा हो गया, और चलने फिरने लगा और चलता; और कूदता
 और परमेश्वर की स्तुति करता हुआ उन के साथ मन्दिर में गया।
यीशु के नाम मे सामर्थ है यही बात दूसरे वचन मे भी  हम देख सकते है-

मरकुस 9:38
तब यूहन्ना ने उस से कहा, हे गुरू हम ने एक मनुष्य को तेरे नाम से दुष्टात्माओं 
को निकालते देखा और हम उसे मना करने लगे, क्योंकि वह हमारे पीछे नहीं हो लेता था।
39 यीशु ने कहा, उस को मत मना करो; क्योंकि ऐसा कोई नहीं जो मेरे नाम से 
सामर्थ का काम करे, और जल्दी से मुझे बुरा कह सके।

प्रार्थना मे इन वचनो को भी ध्यान रखे-
याकूब 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे;

याकूब 4:2 तुम्हें इसलिये नहीं मिलता, कि मांगते नहीं।

मत्ती 21:22 और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा॥

मरकुस 9:22 यीशु ने उस से कहा;  विश्वास करने वाले  के लिये सब कुछ हो सकता है।

 याकूब 5:13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: 

 याकूब 5:16 और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की
 प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।

अय्यूब 42:10
जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिये प्रार्थना की, तब यहोवा ने उसका सारा दु:ख 
दूर किया, और जितना अय्यूब का पहिले था, उसका दुगना यहोवा ने उसे दे दिया।

नीतिवचन 15:29
यहोवा धर्मियों की प्रार्थना सुनता है।