आज का प्रचार परीक्षा मसीहियो की निरंतर विजय
"मसीह के द्वारा हमारे लिए जीती गई महान विजय की नीव पर आधारित, मसीही अब शत्रु के किसी भी आक्रमण को हरा सकता है! यहां पर निरंतर विजय के सात मूल सिद्धांत हैं 1.विजय पहले से प्राप्त कर ली गई है इस बात को जान ले क्रूस पर उसकी हार के कारण, दुष्ट की सामर्थ केवल मसीहियों के अज्ञान में पाई जाती है ! परंतु जब एक मसीही क्रूस और पुनरुत्थान के संपूर्ण कार्य को अपने जीवन को अपने जीवन में जानता है, शैतान के पास उसके विरुद्ध कोई भी हथियार नहीं है ! 2.आत्मा के साथ चलनामसीही में एक नई सामर्थ सथापन है -स्वयं पवित्र आत्मा ! हमें प्रतिदिन उसकी उसकी प्रेरणा की आज्ञा अनुसार चलना है ! 3. परीक्षा को पहचाने कि यह क्या है परीक्षा पाप नहीं है ! परीक्षा में झुकना पाप है !
4. इस बात को समझे कि बचने के लिए मार्ग दिया गया है तुम किसी भी परीक्षा में नहीं पढ़े जो मनुष्य के सहने से बाहर है !परमेश्वर तो सच्चा है जो तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में पढ़ने नहीं देगा परंतु परीक्षा के साथ-साथ बचने का उपाय भी करेगा कि तुम सह सको परमेश्वर के अधीन हो जाओ शैतान का सामना करो तो और वह तुम्हारे पास है भाग जाएगा !
5. जीवन में उचित केंद्र रखें इसलिए यदि तुम मसीह के साथ जीवित किए गए हो तो उन वस्तुओं की खोज में लगे रहो जो स्वर्ग की है जहां मसीह विधमान है और परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान है ! अपना मन पृथ्वी पर कि नहीं, परंतु स्वर्गीय वस्तुएं पर लगाओ"
6 परीक्षा के प्रत्यक्ष क्षेत्रों से दूर रहें मैं किसी अनुसूचित बात को अपनी आंखों के सामने न रखूंगा भजन संहिता 101:3
7.शैतान की योजनाओं से अवगत रहें
हमारे लिए शत्रु की चालो का जानना आवश्यक है, जो वह हमारे विरूद्ध प्रयोग करेगा, ताकि हम उसकी युक्ति से हार न जाएं !
a वह झूठा है b वह निंदक और दोष लगाने वाला है c वह धोखा देने वाला है d वह बहकाने वाला है e वह अत्याचारी सताने वाला है f वह विघ्न उत्पन्न करने वाला है g वह फाड खाने वाले सिंह के समान है h वह ज्योतिमरय स्वर्गदूत का रूप धारण कर सकता है मसीही होने के कारण, हमें विजय में रहने के लिए बुलाया गया है !मसीह में होकर, यह विजय हमारी है : संसार पर शरीर पर शत्रु पर मेरी प्रतिज्ञा
वचन का ज्ञान|
आर्थिक बौद्धिक उन्नति आवश्यक है| और अधिक पाने की अंधी दौड़ में हर कोई शामिल है| समय सबसे बड़ा प्रश्न बन कर रह गया है| आप यदि समय के साथ नहीं चलेंगे तो पीछे रह जायेंगे| बच्चों और जवानों की पढ़ाई से समझौता करना नामुमकिन है|आराधना और प्रार्थना का समय कम होता जा रहा है| फ़ेसबुक पर सन्देश हो तो बहुत छोटा सा| लोग कहते हैं, पढ़ने का समय किसके पास है? प्रार्थना करना है इसलिए लोग प्रार्थना करते हैं| व्यस्तता का प्रभाव हमारे प्रार्थना के जीवन पर स्पष्ट देखा जा सकता है|वचन का ज्ञान ना होना घातक सिद्ध होगा|येशू यदि किसी पद को उद्धरित करता है तो आप उसकी महत्ता को नज़रंदाज़ नहीं कर सकते| मरकुस १३.१४ में लिखा है पढ़ने वाला समझ ले|शैतान कब और कैसी चाल चलेगा इसका ज्ञान बहुत आवश्यक है|दानिएल में इसे उजाड़ कराने वाली घ्रणित वास्तु मरकुस में झूठे मसीहा और नबी २ थिस्लोनीकियों में पाप का पुरुष और विनाश का पुत्र और प्रकाशितवाक्य में मसीह का विरोधी कहा गया है| क्या मसीही पाप का पुरुष झूठे मसीहा और मसीह के विरोधी के अंतर को समझते है?भरमाये वो जायेंगे जो वचन को गहराई से नहीं समझेंगे|कुरनेलियुस को स्वर्गदूत ने आदेश दिया की वो पतरस को बुला कर वचन सुने प्रेरितों के काम १०.२२ कुरनेलियुस भक्त था परिवार के साथ प्रार्थना करता था परमेश्वर से डरता था और यहूदियों को बहुत दान देता था| उसकी भेंट और प्रार्थना परमेश्वर के पास स्मरण के लिए पहुंच गईं थीं| इतना होने पर भी परमेश्वर के कहा वचन का ज्ञान ज़रूरी है|वचन के अध्यन के लिए समय निकालना ही होगा| सतही ज्ञान आपको नहीं बचा सकेगा| Amen
मैं धन्यवाद करता हूं उसकी प्रतिज्ञा के लिए कि वह मुझे परीक्षा के समय छूट जाएगा छुड़ाएगा ! मैं अपने आपको समर्पित करता हूं उसकी उस सहायता के उत्तर में जो हमेशा उपलब्ध रहती है ताकि मैं विजय जीवन जी सकूं ! मैं इस सच्चाई को औरों के साथ भी बांटलूंगा ! आमीन
जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्ता थे, उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे, और उस स्वामी का जिसने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे, और अपने आप को शीघ्र विनाश में डाल देंगे। बहुत से उन के समान लुचपन करेंगे, जिनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी। वे लोभ के लिये बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएँगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहले से हो चुकी है उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उन का विनाश ऊँघता नहीं। क्योंकि जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अन्धेरे कुण्डों में डाल दिया ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें;
"मसीह के द्वारा हमारे लिए जीती गई महान विजय की नीव पर आधारित, मसीही अब शत्रु के किसी भी आक्रमण को हरा सकता है! यहां पर निरंतर विजय के सात मूल सिद्धांत हैं 1.विजय पहले से प्राप्त कर ली गई है इस बात को जान ले क्रूस पर उसकी हार के कारण, दुष्ट की सामर्थ केवल मसीहियों के अज्ञान में पाई जाती है ! परंतु जब एक मसीही क्रूस और पुनरुत्थान के संपूर्ण कार्य को अपने जीवन को अपने जीवन में जानता है, शैतान के पास उसके विरुद्ध कोई भी हथियार नहीं है ! 2.आत्मा के साथ चलनामसीही में एक नई सामर्थ सथापन है -स्वयं पवित्र आत्मा ! हमें प्रतिदिन उसकी उसकी प्रेरणा की आज्ञा अनुसार चलना है ! 3. परीक्षा को पहचाने कि यह क्या है परीक्षा पाप नहीं है ! परीक्षा में झुकना पाप है !
4. इस बात को समझे कि बचने के लिए मार्ग दिया गया है तुम किसी भी परीक्षा में नहीं पढ़े जो मनुष्य के सहने से बाहर है !परमेश्वर तो सच्चा है जो तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में पढ़ने नहीं देगा परंतु परीक्षा के साथ-साथ बचने का उपाय भी करेगा कि तुम सह सको परमेश्वर के अधीन हो जाओ शैतान का सामना करो तो और वह तुम्हारे पास है भाग जाएगा !
5. जीवन में उचित केंद्र रखें इसलिए यदि तुम मसीह के साथ जीवित किए गए हो तो उन वस्तुओं की खोज में लगे रहो जो स्वर्ग की है जहां मसीह विधमान है और परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान है ! अपना मन पृथ्वी पर कि नहीं, परंतु स्वर्गीय वस्तुएं पर लगाओ"
6 परीक्षा के प्रत्यक्ष क्षेत्रों से दूर रहें मैं किसी अनुसूचित बात को अपनी आंखों के सामने न रखूंगा भजन संहिता 101:3
7.शैतान की योजनाओं से अवगत रहें
हमारे लिए शत्रु की चालो का जानना आवश्यक है, जो वह हमारे विरूद्ध प्रयोग करेगा, ताकि हम उसकी युक्ति से हार न जाएं !
a वह झूठा है b वह निंदक और दोष लगाने वाला है c वह धोखा देने वाला है d वह बहकाने वाला है e वह अत्याचारी सताने वाला है f वह विघ्न उत्पन्न करने वाला है g वह फाड खाने वाले सिंह के समान है h वह ज्योतिमरय स्वर्गदूत का रूप धारण कर सकता है मसीही होने के कारण, हमें विजय में रहने के लिए बुलाया गया है !मसीह में होकर, यह विजय हमारी है : संसार पर शरीर पर शत्रु पर मेरी प्रतिज्ञा

वचन का ज्ञान|
आर्थिक बौद्धिक उन्नति आवश्यक है| और अधिक पाने की अंधी दौड़ में हर कोई शामिल है| समय सबसे बड़ा प्रश्न बन कर रह गया है| आप यदि समय के साथ नहीं चलेंगे तो पीछे रह जायेंगे| बच्चों और जवानों की पढ़ाई से समझौता करना नामुमकिन है|आराधना और प्रार्थना का समय कम होता जा रहा है| फ़ेसबुक पर सन्देश हो तो बहुत छोटा सा| लोग कहते हैं, पढ़ने का समय किसके पास है? प्रार्थना करना है इसलिए लोग प्रार्थना करते हैं| व्यस्तता का प्रभाव हमारे प्रार्थना के जीवन पर स्पष्ट देखा जा सकता है|वचन का ज्ञान ना होना घातक सिद्ध होगा|येशू यदि किसी पद को उद्धरित करता है तो आप उसकी महत्ता को नज़रंदाज़ नहीं कर सकते| मरकुस १३.१४ में लिखा है पढ़ने वाला समझ ले|शैतान कब और कैसी चाल चलेगा इसका ज्ञान बहुत आवश्यक है|दानिएल में इसे उजाड़ कराने वाली घ्रणित वास्तु मरकुस में झूठे मसीहा और नबी २ थिस्लोनीकियों में पाप का पुरुष और विनाश का पुत्र और प्रकाशितवाक्य में मसीह का विरोधी कहा गया है| क्या मसीही पाप का पुरुष झूठे मसीहा और मसीह के विरोधी के अंतर को समझते है?भरमाये वो जायेंगे जो वचन को गहराई से नहीं समझेंगे|कुरनेलियुस को स्वर्गदूत ने आदेश दिया की वो पतरस को बुला कर वचन सुने प्रेरितों के काम १०.२२ कुरनेलियुस भक्त था परिवार के साथ प्रार्थना करता था परमेश्वर से डरता था और यहूदियों को बहुत दान देता था| उसकी भेंट और प्रार्थना परमेश्वर के पास स्मरण के लिए पहुंच गईं थीं| इतना होने पर भी परमेश्वर के कहा वचन का ज्ञान ज़रूरी है|वचन के अध्यन के लिए समय निकालना ही होगा| सतही ज्ञान आपको नहीं बचा सकेगा| Amen
मैं धन्यवाद करता हूं उसकी प्रतिज्ञा के लिए कि वह मुझे परीक्षा के समय छूट जाएगा छुड़ाएगा ! मैं अपने आपको समर्पित करता हूं उसकी उस सहायता के उत्तर में जो हमेशा उपलब्ध रहती है ताकि मैं विजय जीवन जी सकूं ! मैं इस सच्चाई को औरों के साथ भी बांटलूंगा ! आमीन
जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्ता थे, उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे, और उस स्वामी का जिसने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे, और अपने आप को शीघ्र विनाश में डाल देंगे। बहुत से उन के समान लुचपन करेंगे, जिनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी। वे लोभ के लिये बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएँगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहले से हो चुकी है उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उन का विनाश ऊँघता नहीं। क्योंकि जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अन्धेरे कुण्डों में डाल दिया ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें;
2 पतरस 2:1-4 But [in those days] false prophets arose among the people, just as there will be false teachers among you, who will subtly introduce destructive heresies, even denying the Master who bought them, bringing swift destruction on themselves. Many will follow their shameful ways, and because of them the way of truth will be maligned. And in their greed they will exploit you with false arguments and twisted doctrine. Their sentence [of condemnation which God has decreed] from a time long ago is not idle [but is still in force], and their destruction and deepening misery is not asleep [but is on its way]. For if God did not [even] spare angels that sinned, but threw them into hell and sent them to pits of gloom to be kept [there] for judgment;
2 PETER 2:1-4