Wednesday, 4 July 2018

हमें क्यों चिंता नहीं करना चाहिए

हमें क्यों चिंता  नहीं करना चाहिए?
           आये हम देखते है बाइबल से 

आप सभी भाई ,बहनों पास्टर और प्रचारक  और युवा मित्र साथियों को प्रभु यीशु मसीह के मधुर और मीठे नाम में जय मसीह की

कितने लोग क्या करते है 1)बाइबल पडेंगे  2)प्रार्थना करेंगे 3)उपवास करेगे 

लेकीन भीर भी चिंता करेंगे 

जो काम हम से नहीँ होता है उसके लिये हम प्रभु यीशु से प्रार्थना करते है की प्रभु ये काम हो जाये.एक तो हम प्रभु से प्रार्थना कर रहे है उस काम होने के लिये और दूसरी तरफ़ मन मे चिंता क्या तुम नहीँ जानते हो की चिंता करना उस समुद्र के लहर के समान है जो आता है और सब कुछ बहा कर लें जाता है इसी प्रकार जब आप के मन मे चिंता आता है तो आप के विश्वाश को शैतान बहा कर लें जाता है इसी लिये मेरे भाई और बहनों चिंता कभी नहीँ करना !

   आप ने जिस किसी काम के लिये प्रभु से प्रार्थना किया है ओ मान लो की पुरा हो गय़ा हाँ और आमीन मे आये हम देखते है यीशु ने क्या कहाँ है चिंता के विषय मे हम से 


देखो,मैं जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संंग हूँ | आमीन!’’ (मती 28:19-20)


यीशु ने कहाँ  है कि

          आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते। इसलिए, यीशु कहता है कि, तुम में कौन है, जो चिन्ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?, बाइबल में परमेश्वर ने कहा कि, अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है। तो क्यों हम चिंता करके अपने आप को दुःख देते हैं , बाइबल बताती हैं, प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्दित रहो, किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।


प्रभु आप सब को इस वचन के द्वारा आशीष देवे 


मसीह में आप का भाई
Emmanuel Shiv Prasad Keshri
With
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