✝️ जीवन की पुस्तक में नाम लिखा रहे | Let Your Name Remain in the Book of Life
Bible Verse:
प्रकाशितवाक्य 3:5 — “जो जय पाए उसे इसी प्रकार श्वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा और मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न काटूंगा, पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा।”
1. जय पानेवाले के जीवन की पहचान
1️⃣ जो जय पाए... – इसका अर्थ क्या है?
“जय पाना” का अर्थ है — पाप, प्रलोभन, संसार और शैतान पर विजय पाना।
यह उन लोगों की बात है जो अपने विश्वास पर अटल रहते हैं, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
📖 1 यूहन्ना 5:4 —
“क्योंकि जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह संसार पर जय पाता है; और वह जय जिससे हम ने संसार पर जय पाई है, हमारा विश्वास है।”
व्याख्या:
संसार की चमक, पाप का आकर्षण और शैतान की चालें हर किसी को गिराने की कोशिश करती हैं।
परंतु जो व्यक्ति यीशु पर स्थिर विश्वास रखता है, वही जय पाता है।
जय पाने के लिए हमें प्रतिदिन आत्मिक युद्ध में स्थिर रहना होता है।
2️⃣ श्वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा – इसका अर्थ क्या है?
श्वेत वस्त्र पवित्रता, धार्मिकता और उद्धार का प्रतीक है।
📖 यशायाह 1:18 —
“यदि तुम्हारे पाप लाल रंग के हों तो वे हिम के समान उजले हो जाएंगे।”
📖 प्रकाशितवाक्य 7:14 —
“उन्होंने अपने वस्त्र धोकर मेम्ने के लोहू में उजले किए।”
व्याख्या:
श्वेत वस्त्र का अर्थ है कि व्यक्ति ने अपने जीवन को पाप से धोकर शुद्ध किया है।
केवल यीशु के लहू से यह संभव है।
जो प्रभु पर भरोसा रखता है, उसका जीवन स्वच्छ और चमकदार बन जाता है।
3. आत्मिक रूप से जागृत रहना
यही अध्याय (प्रकाशितवाक्य 3:1-6) सर्दिस की कलीसिया को चेतावनी देता है —
“तू जीता तो कहता है, परंतु मरा हुआ है।”
इसका मतलब है — बाहर से धार्मिक दिखना, पर अंदर आत्मिक रूप से ठंडा हो जाना।
📖 रोमियों 13:11 —
“अब समय है कि तुम नींद से जागो; क्योंकि अब हमारा उद्धार उस समय से निकट है जब हमने विश्वास किया था।”
व्याख्या:
हमारा नाम जीवन की पुस्तक में तभी बना रहेगा, जब हम आत्मिक रूप से जीवित रहेंगे —
प्रार्थना, वचन, प्रेम और सेवा में।
2. जीवन की पुस्तक और स्वर्ग में स्वीकार्यता
4️⃣ “मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न काटूंगा।”
जीवन की पुस्तक (Book of Life) वह पवित्र सूची है जिसमें उन सबके नाम लिखे हैं जिन्होंने यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया है।
📖 फिलिप्पियों 4:3 —
“जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।”
📖 निर्गमन 32:32-33 —
मूसा ने कहा, “यदि तू उनका पाप न क्षमा करेगा तो मेरा नाम अपनी पुस्तक से मिटा दे।”
व्याख्या:
परमेश्वर की इस पुस्तक में नाम लिखा होना अनन्त जीवन का प्रतीक है।
पर जो व्यक्ति पाप में लौट जाता है, और पश्चाताप नहीं करता, उसका नाम मिटाया जा सकता है।
परंतु प्रभु यीशु का वादा है — “जो जय पाएगा, उसका नाम कभी नहीं काटा जाएगा।”
5️⃣ “उसका नाम अपने पिता और स्वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा।”
यह परमेश्वर की ओर से सार्वजनिक सम्मान और स्वीकार्यता है।
📖 मत्ती 10:32 —
“जो मनुष्यों के साम्हने मेरा अंगीकार करेगा, मैं भी उसे अपने पिता के साम्हने अंगीकार करूंगा।”
व्याख्या:
जब हम इस पृथ्वी पर यीशु को स्वीकार करते हैं, वह हमें स्वर्ग में स्वीकार करता है।
यह एक अनन्त पुरस्कार है — जब यीशु हमारे नाम को स्वर्ग में घोषित करेगा,
“यह मेरा है, यह विजेता है।”
6. आज के समय में संदेश
जय पाने के लिए हमें संसार से अलग जीवन जीना है।
हमें अपने विश्वास में दृढ़ रहना है, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए।
हमें प्रतिदिन अपने हृदय को पवित्र रखना है ताकि हमारा नाम जीवन की पुस्तक में बना रहे।
📖 2 कुरिन्थियों 7:1 —
“आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें, और परमेश्वर का भय मानकर पवित्रता को सिद्ध करें।”
🙏 (Conclusion)
जो जय पाएगा वही श्वेत वस्त्र धारण करेगा।
उसका नाम जीवन की पुस्तक में स्थायी रहेगा।
और प्रभु यीशु स्वयं उसके नाम को पिता के सामने स्वीकार करेगा।
आइए हम अपने जीवन की परीक्षा करें —
क्या हम वास्तव में जय पा रहे हैं?
क्या हमारा नाम जीवन की पुस्तक में बना रहेगा?
यदि हम प्रभु से प्रेम रखते हैं, पवित्र जीवन जीते हैं, और अंत तक स्थिर रहते हैं,
तो एक दिन वह हमें श्वेत वस्त्र पहनाकर कहेगा —
“शाबाश, भले और विश्वासयोग्य दास।”
📖 प्रकाशितवाक्य 2:10 — “मृत्यु तक विश्वासयोग्य रह, तब मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा।”
📖 मत्ती 24:13 — “पर जो अंत तक बना रहेगा