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Saturday, 11 October 2025

जीवन की पुस्तक में नाम लिखा रहे | Revelation 3:5 Hindi Message | Let Your Name Remain in the Book of Life

✝️ जीवन की पुस्तक में नाम लिखा रहे | Let Your Name Remain in the Book of Life

Bible Verse:

प्रकाशितवाक्य 3:5 — “जो जय पाए उसे इसी प्रकार श्वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा और मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न काटूंगा, पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा।”

 1. जय पानेवाले के जीवन की पहचान

1️⃣ जो जय पाए... – इसका अर्थ क्या है?

“जय पाना” का अर्थ है — पाप, प्रलोभन, संसार और शैतान पर विजय पाना।

यह उन लोगों की बात है जो अपने विश्वास पर अटल रहते हैं, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।

📖 1 यूहन्ना 5:4

“क्योंकि जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह संसार पर जय पाता है; और वह जय जिससे हम ने संसार पर जय पाई है, हमारा विश्वास है।”

व्याख्या:

संसार की चमक, पाप का आकर्षण और शैतान की चालें हर किसी को गिराने की कोशिश करती हैं।

परंतु जो व्यक्ति यीशु पर स्थिर विश्वास रखता है, वही जय पाता है।

जय पाने के लिए हमें प्रतिदिन आत्मिक युद्ध में स्थिर रहना होता है।

2️⃣ श्वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा – इसका अर्थ क्या है?

श्वेत वस्त्र पवित्रता, धार्मिकता और उद्धार का प्रतीक है।

📖 यशायाह 1:18 —

“यदि तुम्हारे पाप लाल रंग के हों तो वे हिम के समान उजले हो जाएंगे।”

📖 प्रकाशितवाक्य 7:14 —

“उन्होंने अपने वस्त्र धोकर मेम्ने के लोहू में उजले किए।”

व्याख्या:

श्वेत वस्त्र का अर्थ है कि व्यक्ति ने अपने जीवन को पाप से धोकर शुद्ध किया है।

केवल यीशु के लहू से यह संभव है।

जो प्रभु पर भरोसा रखता है, उसका जीवन स्वच्छ और चमकदार बन जाता है।

 3. आत्मिक रूप से जागृत रहना

यही अध्याय (प्रकाशितवाक्य 3:1-6) सर्दिस की कलीसिया को चेतावनी देता है —

“तू जीता तो कहता है, परंतु मरा हुआ है।”

इसका मतलब है — बाहर से धार्मिक दिखना, पर अंदर आत्मिक रूप से ठंडा हो जाना।

📖 रोमियों 13:11 —

“अब समय है कि तुम नींद से जागो; क्योंकि अब हमारा उद्धार उस समय से निकट है जब हमने विश्वास किया था।”

व्याख्या:

हमारा नाम जीवन की पुस्तक में तभी बना रहेगा, जब हम आत्मिक रूप से जीवित रहेंगे —

प्रार्थना, वचन, प्रेम और सेवा में।

 2. जीवन की पुस्तक और स्वर्ग में स्वीकार्यता

4️⃣ “मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न काटूंगा।”

जीवन की पुस्तक (Book of Life) वह पवित्र सूची है जिसमें उन सबके नाम लिखे हैं जिन्होंने यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया है।

📖 फिलिप्पियों 4:3 —

“जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।”

📖 निर्गमन 32:32-33 —

मूसा ने कहा, “यदि तू उनका पाप न क्षमा करेगा तो मेरा नाम अपनी पुस्तक से मिटा दे।”

व्याख्या:

परमेश्वर की इस पुस्तक में नाम लिखा होना अनन्त जीवन का प्रतीक है।

पर जो व्यक्ति पाप में लौट जाता है, और पश्चाताप नहीं करता, उसका नाम मिटाया जा सकता है।

परंतु प्रभु यीशु का वादा है — “जो जय पाएगा, उसका नाम कभी नहीं काटा जाएगा।”

5️⃣ “उसका नाम अपने पिता और स्वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा।”

यह परमेश्वर की ओर से सार्वजनिक सम्मान और स्वीकार्यता है।

📖 मत्ती 10:32 —

“जो मनुष्यों के साम्हने मेरा अंगीकार करेगा, मैं भी उसे अपने पिता के साम्हने अंगीकार करूंगा।”

व्याख्या:

जब हम इस पृथ्वी पर यीशु को स्वीकार करते हैं, वह हमें स्वर्ग में स्वीकार करता है।

यह एक अनन्त पुरस्कार है — जब यीशु हमारे नाम को स्वर्ग में घोषित करेगा,

“यह मेरा है, यह विजेता है।”

 6. आज के समय में संदेश

जय पाने के लिए हमें संसार से अलग जीवन जीना है।

हमें अपने विश्वास में दृढ़ रहना है, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए।

हमें प्रतिदिन अपने हृदय को पवित्र रखना है ताकि हमारा नाम जीवन की पुस्तक में बना रहे।

📖 2 कुरिन्थियों 7:1 —

“आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें, और परमेश्वर का भय मानकर पवित्रता को सिद्ध करें।”

🙏  (Conclusion)

जो जय पाएगा वही श्वेत वस्त्र धारण करेगा।

उसका नाम जीवन की पुस्तक में स्थायी रहेगा।

और प्रभु यीशु स्वयं उसके नाम को पिता के सामने स्वीकार करेगा।

आइए हम अपने जीवन की परीक्षा करें —

क्या हम वास्तव में जय पा रहे हैं?

क्या हमारा नाम जीवन की पुस्तक में बना रहेगा?

यदि हम प्रभु से प्रेम रखते हैं, पवित्र जीवन जीते हैं, और अंत तक स्थिर रहते हैं,

तो एक दिन वह हमें श्वेत वस्त्र पहनाकर कहेगा —

“शाबाश, भले और विश्वासयोग्य दास।”

📖 प्रकाशितवाक्य 2:10 — “मृत्यु तक विश्वासयोग्य रह, तब मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा।”

📖 मत्ती 24:13 — “पर जो अंत तक बना रहेगा

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Wednesday, 17 September 2025

प्रभु यीशु से आशीष कैसे प्राप्त करें –How to Receive Blessings from Lord Jesus

प्रभु यीशु से आशीष प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए

प्रभु यीशु से आशीष प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए

प्रस्तावना

हर इंसान अपने जीवन में शांति, आनंद, सफलता और आशीष की तलाश करता है। लेकिन सच्ची और स्थायी आशीष केवल प्रभु यीशु मसीह में ही मिलती है, क्योंकि वही परमेश्वर का पुत्र और उद्धार का स्रोत हैं। यीशु ने कहा, “मैं आया हूँ कि वे जीवन पाएं और बहुतायत से पाएं” (यूहन्ना 10:10)। आइए समझें कि प्रभु यीशु से आशीष पाने के लिए हमें किन आत्मिक कदमों पर चलना चाहिए।

1. विश्वास और स्वीकार करना

आशीष का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है—विश्वास। बाइबिल कहती है, “जो कोई उस पर विश्वास करेगा वह नाश नहीं होगा, पर अनन्त जीवन पाएगा” (यूहन्ना 3:16)
– यह स्वीकार करें कि यीशु ही आपके उद्धारकर्ता हैं।
– अपने पापों को ईमानदारी से प्रभु के सामने स्वीकार करें।
– विश्वास करें कि उनकी क्रूस पर दी गई बलिदानमय मृत्यु आपके पापों का पूरा मूल्य चुका चुकी है।

2. प्रार्थना और संगति में रहना

प्रभु से निकटता में रहना निरंतर प्रार्थना और संगति से संभव है।
व्यक्तिगत प्रार्थना: दिन की शुरुआत और अंत प्रभु से बात करते हुए करें।
बाइबिल पाठ: प्रतिदिन परमेश्वर के वचन को पढ़ना और उस पर मनन करना आशीष के द्वार खोलता है।
संगति: आत्मिक परिवार या कलीसिया में संगति आपको विश्वास में स्थिर रखती है और सामूहिक प्रार्थना से शक्ति देती है।

3. आज्ञाकारिता में चलना

परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करना आशीष पाने का महत्वपूर्ण आधार है। व्यवस्थाविवरण 28 में लिखा है कि जो उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उन पर आशीषें बरसती हैं।
– अपने व्यवहार, विचार और कार्यों को वचन के अनुसार बनाएं।
– क्षमा करना सीखें, क्योंकि प्रभु क्षमा करने वालों को ही आशीष देते हैं।
– पवित्रता और ईमानदारी का जीवन जीने का प्रयास करें।

4. दान और सेवा का जीवन

यीशु ने सिखाया, “जो सबसे छोटों के लिए करते हो, वह मेरे लिए करते हो” (मत्ती 25:40)
– गरीबों, अनाथों, विधवाओं, और जरूरतमंदों की सहायता करें।
– समय, प्रतिभा और संसाधन दूसरों की सेवा में लगाएँ।
– सेवा का हृदय परमेश्वर को प्रसन्न करता है और अनुग्रह के द्वार खोलता है।

5. दसवाँ हिस्सा (Tithing)

बाइबिल हमें सिखाती है कि हमारी कमाई का दसवाँ हिस्सा परमेश्वर का है। यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि विश्वास और आज्ञाकारिता का कार्य है।
वचन: “सारी दशमांश भंडार में ले आओ, कि मेरे भवन में भोजन हो; और अब इस में मुझे परखो, सेनाओं का यहोवा कहता है, कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर ऐसी आशीष बरसाऊँगा कि तुम्हारे पास रखने को जगह न होगी” (मलाकी 3:10)
– दशमांश देना परमेश्वर पर हमारे विश्वास को दर्शाता है कि वह हमारी हर ज़रूरत को पूरी करेगा।
– यह केवल धन तक सीमित नहीं; समय, प्रतिभा और संसाधनों में भी हम प्रभु को प्राथमिकता दें।

6. धन्यवाद और स्तुति

आशीष का रहस्य कृतज्ञता में छिपा है। “हर बात में धन्यवाद दो” (1 थिस्सलुनीकियों 5:18)
– हर परिस्थिति में प्रभु का धन्यवाद करें—सुख-दुःख दोनों में।
– भजन और गीतों से उसकी स्तुति करें।
– धन्यवाद का जीवन प्रभु की उपस्थिति और शांति को आमंत्रित करता है।

7. पवित्र आत्मा का मार्गदर्शन

पवित्र आत्मा हमारे सहायक और मार्गदर्शक हैं। जब हम पवित्र आत्मा की अगुवाई में चलते हैं, तो आत्मिक वरदान और आशीषें स्वतः मिलती हैं।
– पवित्र आत्मा से भरपूर जीवन जीने के लिए नियमित प्रार्थना करें।
– उसके निर्देशन पर संवेदनशील रहें और अवज्ञा न करें।

निष्कर्ष

प्रभु यीशु से आशीष प्राप्त करना कोई जादू नहीं, बल्कि विश्वास, आज्ञाकारिता और प्रेम से भरा निरंतर आत्मिक जीवन है। जब हम पूरे मन से प्रभु को खोजते हैं, तो वे स्वयं वचन देते हैं: “मुझ को ढूंढोगे तो मुझे पाओगे, जब अपने सारे मन से मुझे ढूंढोगे” (यिर्मयाह 29:13)

आज ही निर्णय लें—प्रभु यीशु पर विश्वास करें, उनका वचन पढ़ें, प्रार्थना करें, दान करें, अपना दशमांश निष्ठा से दें और दूसरों के लिए आशीष बनें। तब आप देखेंगे कि उनके अनुग्रह और आशीषें आपके जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर बहने लगेंगी।

How to Receive Blessings from Lord Jesus

How to Receive Blessings from Lord Jesus

Introduction

Every heart longs for peace, joy, success, and lasting blessings. The truest and most abundant blessing can only be found in Lord Jesus Christ, the Son of God and the source of salvation. Jesus said, “I have come that they may have life, and have it to the full” (John 10:10). Let’s explore the spiritual steps to receive His abundant blessings.

1. Faith and Acceptance

The first and most important step is faith. Scripture declares, “For God so loved the world that He gave His one and only Son, that whoever believes in Him shall not perish but have eternal life” (John 3:16).
– Accept Jesus as your personal Savior.
– Confess your sins honestly before God.
– Believe that His sacrifice on the cross paid the full price for your redemption.

2. Prayer and Fellowship

Stay close to the Lord through consistent prayer and fellowship.
Personal Prayer: Begin and end each day by talking with God.
Scripture Reading: Daily meditation on His Word opens the door of blessing.
Christian Fellowship: Being part of a church or faith community strengthens your walk with Christ and the power of corporate prayer.

3. Living in Obedience

God’s blessings follow obedience. In Deuteronomy 28, God promises blessings to those who keep His commands.
– Align your actions and thoughts with the Word.
– Learn to forgive, as God blesses those who forgive.
– Strive for holiness and integrity in every area of life.

4. Life of Giving and Service

Jesus taught, “Whatever you did for one of the least of these brothers and sisters of mine, you did for me” (Matthew 25:40).
– Help the poor, orphans, widows, and anyone in need.
– Offer your time, talents, and resources to serve others.
– A servant’s heart delights God and opens the floodgates of His grace.

5. Tithing (The Principle of the Tenth)

The Bible teaches that one-tenth of our income belongs to God. This is not mere tradition but an act of faith and obedience.
Scripture: “Bring the whole tithe into the storehouse, that there may be food in my house. Test me in this,” says the Lord Almighty, “and see if I will not throw open the floodgates of heaven and pour out so much blessing that there will not be room enough to store it” (Malachi 3:10).
– Tithing shows trust that God will provide all your needs.
– It’s not limited to money; we can tithe our time and abilities as well.

6. Thanksgiving and Praise

Gratitude unlocks the secret of blessing. “Give thanks in all circumstances” (1 Thessalonians 5:18).
– Thank God in every situation—both in joy and in trials.
– Worship with psalms, hymns, and songs of praise.
– A thankful heart invites God’s presence and peace.

7. Guidance of the Holy Spirit

The Holy Spirit is our Helper and Guide. When we walk in the Spirit, spiritual gifts and blessings naturally flow.
– Pray regularly to be filled with the Holy Spirit.
– Stay sensitive to His direction and do not resist His prompting.

Conclusion

Receiving blessings from Lord Jesus is not magic but a continual life of faith, obedience, and love. God promises, “You will seek me and find me when you seek me with all your heart” (Jeremiah 29:13).

Decide today to trust in Jesus completely, meditate on His Word, pray faithfully, give generously, offer your tithe with a sincere heart, and become a blessing to others. Then you will see His grace and abundant blessings overflow in every area of your life.

Wednesday, 7 May 2025

धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों? Dharmee Kee Pareeksha: Achchhaee ke Baavajood Duhkh kyon?

                           धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों?

 धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों -क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम भलाई करते हैं फिर भी हमारे जीवन में दुःख कठिनाई और अन्याय क्यों आता है?बाइबल में यह प्रश्न कई बार उठाया गया है। परमेश्वर के वचन में यह स्पष्ट है कि धर्मी व्यक्ति भी परीक्षाओं से नहीं बचता बल्कि वह उन परीक्षाओं के माध्यम से और अधिक मजबूत और सिद्ध बनता है

Dharmee Kee Pareeksha: Achchhaee ke Baavajood Duhkh kyon?


 धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों? 1. धर्मी भी क्यों पीड़ित होते हैं? भजन संहिता 34:19 — धर्मी बहुत क्लेश में होता है, परन्तु यहोवा उसको उन सब से छुड़ाता है।  इस वचन में स्पष्ट है कि धर्मी व्यक्ति क्लेशों से गुजरता है। यह इसलिए नहीं कि परमेश्वर उसे छोड़ देता है, बल्कि इसलिए कि वह उसे शुद्ध और सिद्ध बनाना चाहता है।
व्याख्या: दुनिया का न्याय व्यवस्था और परमेश्वर की योजना अलग होती है। परमेश्वर अपने बच्चों को कष्टों से नहीं बचाता, बल्कि उन कष्टों में उनके साथ चलता है और उन्हें निकालता है।

 धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों? 2. अय्यूब का जीवन: एक जीवित उदाहरण अय्यूब 1:1 - उत्स देश में अय्यूब नाम का एक पुरुष रहता था वह निष्कलंक और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से दूर रहता था अय्यूब ने कभी किसी का बुरा नहीं किया, फिर भी उसके जीवन में ऐसी परीक्षा आई कि उसने सब कुछ खो दिया – संतानें धन स्वास्थ्य

व्याख्या: परमेश्वर ने शैतान को यह सिद्ध करने दिया कि सच्चे विश्वासियों की परीक्षा उन्हें गिराने के लिए नहीं बल्कि उन्हें और अधिक गहरा और विश्वसनीय बनाने के लिए होती है।

धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों?  3. यीशु मसीह का जीवन: परम उदाहरण 1 पतरस 2:22-23 - उसने न कोई पाप किया और न उसके मुंह से कोई छल की बात निकली जब उस पर निन्दा की गई तो उस ने उत्तर में निन्दा नहीं की जब वह दुःख उठा रहा था, तो धमकी नहीं दी  यीशु ने पूर्णतः भलाई की फिर भी क्रूस पर चढ़ाया गया।

व्याख्या: यीशु मसीह ने हमें यह रास्ता दिखाया कि सच्ची भलाई करने वालों को इस संसार से बदले में प्रशंसा नहीं, बल्कि विरोध भी मिल सकता है। लेकिन अंततः उन्हें परमेश्वर से महिमा मिलती है।

 धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों? 4. भलाई का फल देर से मिलता है पर मिलता अवश्य है गलातियों 6:9 - हम भलाई करते करते थकें नहीं क्योंकि यदि हम ढीले न हों तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे 

व्याख्या: जब हम अच्छाई करते हैं और तुरंत परिणाम नहीं देखते तब हमें धैर्य रखना चाहिए। परमेश्वर का समय हमारे समय से अलग है लेकिन वह न्यायी है

 धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों? 5. धर्मियों के आँसू गिनता है परमेश्वर भजन संहिता 56:8 - तू ने मेरे मारे फिरने का हिसाब रखा है मेरे आँसू अपनी कुप्पी में रख दे क्या वे तेरी पुस्तक में नहीं हैं?

व्याख्या: परमेश्वर आपके हर दुःख, हर आँसू, हर अन्याय को गिन रहा है। वह किसी भी भलाई को व्यर्थ नहीं जाने देता। वह न्याय करेगा – अपने समय पर, अपने ढंग से।


निष्कर्ष -  धर्मी की परीक्षा: अच्छाई के बावजूद दुःख क्यों?  धर्मी की परीक्षा उसका विनाश नहीं उसकी परिपक्वता लाती है
यदि आप अच्छाई के बदले बुराई का सामना कर रहे हैं तो याद रखें - आप अकेले नहीं हैं। परमेश्वर आपके साथ है और वह हर परीक्षा को आपके लिए आशीष में बदल सकता है

Prayer Vachan Hindi
हे प्रभु जब मैं भलाई के बाद भी दुःख झेलूं तो मुझे हिम्मत देना तू मेरे आँसू गिनता है तू मेरी लड़ाई लड़ता है मुझे विश्वास दे कि तू मेरी परीक्षा को मेरी गवाही बना देगा। आमीन

Friday, 2 May 2025

Bible Vachan In Hindi | Jesus Bible Vachan In Hindi

  आत्मिक जीवन का मार्गदर्शन - Bible Vachan In Hindi – जब भी मनुष्य जीवन के संघर्षों से जूझता है उसे ऐसे शब्दों की आवश्यकता होती है जो उसकी आत्मा को शांति दें ऐसे समय में Bible Vachan In Hindi एक प्रकाशस्तंभ की तरह हमारे जीवन में प्रकाश भर देता है | बाइबल के वचन केवल के शब्द नहीं हैं बल्कि जीवित वचन हैं जो सीधे परमेश्वर के हृदय से निकलकर हमारे जीवन में उतरते हैं |

Bible Vachan In Hindi
                                             Bible Vachan In Hindi

वचन: भजन संहिता 119:105  तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक और मेरी राह के लिये उजियाला है |  व्याख्या: यह Bible Vachan In Hindi हमें बताता है कि जब हम अंधकार में चलते हैं तब परमेश्वर का वचन हमें दिशा देता है। यह केवल ज्ञान नहीं देता बल्कि जीवन जीने की समझ भी देता है |  हर वह आत्मा जो भटक रही है, उसके लिए यह वचन एक रास्ता है | 

अपने जीवन में प्रभु की आवाज़ सुनें Bible Vachan In Hindi हमें हमारे जीवन की कठिनाइयों के बीच प्रभु की स्पष्ट आवाज़ सुनने में सहायता करता है |  हिंदी में जब हम प्रभु के वचन को पढ़ते हैं तो वह और भी अधिक हृदयस्पर्शी बन जाता है क्योंकि वह हमारी मातृभाषा में होता है |
वचन: यशायाह 41:10 मत डर क्योंकि मैं तेरे संग हूं इधर-उधर मत ताक क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा अपने धर्ममय दाहिने हाथ से तुझे सम्हाले रहूंगा |
व्याख्या- यह Bible Vachan In Hindi सीधे हमारे डर और असुरक्षा को संबोधित करता है | जब हम जीवन की अनिश्चितता से डरते हैं तब यह वचन हमें भरोसा दिलाता है कि प्रभु हमारे साथ हैं |  हिंदी में इस वचन को पढ़ना | हमें प्रभु के निकट लाता है |
    
 उद्धार प्रेम और अनंत जीवन का संदेश Jesus Bible Vachan In Hindi केवल धर्म का सन्देश नहीं बल्कि उद्धार का जीवित प्रमाण है। यीशु मसीह ने जो वचन बोले वे आज भी उतने ही शक्तिशाली हैं जैसे दो हजार साल पहले थे | इन वचनों में प्रेम क्षमा और शांति का गहरा सागर छिपा है | 

वचन- यूहन्ना 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाए | 
व्याख्या- यह Jesus Bible Vachan In Hindi हमें परमेश्वर के प्रेम की गहराई को दिखाता है |  यीशु मसीह के माध्यम से हमें पापों से मुक्ति और अनंत जीवन का मार्ग मिला है | यह वचन प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन में नया आरंभ चाहता है |

Bible Vachan - वह दिव्य आवाज़ जो आत्मा को जीवन देती है
Bible Vachan In Hindi  - हिंदी में परमेश्वर के वचनों की मिठास
Jesus Bible Vachan In Hindi - यीशु के वचन जो मन और आत्मा को छू जाते हैं

आज के समय में जब लोग शांति प्रेम और सच्चाई की खोज में भटक रहे हैं तब Bible Vachan उनके लिए वह दिशा है जो अंधकार में उजाला दिखाता है |  बाइबल के वचन केवल शब्द नहीं हैं वे जीते-जागते वचनों की शक्ति हैं |  और जब यही Bible Vachan In Hindi में पढ़े जाते हैं तो हर व्यक्ति अपने दिल में परमेश्वर की आवाज़ को और भी साफ़ सुन सकता है | Jesus Bible Vachan In Hindi हमें यीशु मसीह के उन पवित्र वचनों से परिचित कराते हैं जो उन्होंने प्रेम उद्धार क्षमा और विश्वास के विषय में कहे | ये वचन केवल ज्ञान नहीं देते बल्कि नया जीवन देते हैं |

वचन- मत्ती 4:4 मनुष्य केवल रोटी से ही नहीं परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा | 
व्याख्या- यह Bible Vachan In Hindiबताता है कि हमारा शारीरिक जीवन भोजन से चलता है लेकिन आत्मिक जीवन परमेश्वर के वचन से चलता है | जब हम हर दिन पढ़ते हैं तो हमारी आत्मा को पोषण मिलता है ठीक वैसे ही जैसे शरीर को भोजन से ताक़त मिलती है | Jesus Bible Vachan In Hindi का उद्देश्य यही है कि हम यीशु के शब्दों को न केवल पढ़ें बल्कि उन्हें अपने जीवन में जीना शुरू करें

वचन- यूहन्ना 8:12 यीशु ने फिर उन से कहा मैं जगत की ज्योति हूं - जो कोई मेरे पीछे हो लेगा वह अंधकार में न चलेगा परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा | व्याख्या: इस Jesus Bible Vachan In Hindi में यीशु मसीह खुद को ज्योति कहते हैं — इसका मतलब है कि जो उनके पीछे चलता है, उसके जीवन में अंधकार नहीं रहता। जब आप Bible Vachan In Hindi को प्रतिदिन पढ़ते हैं, तो यीशु की ज्योति आपके जीवन के हर क्षेत्र को प्रकाशित करती है।

एक और प्रेरणादायक वचन: भजन संहिता 119:130 तेरे वचन के खुलने से उजियाला होता है यह भोले लोगों को समझ देता है | 
व्याख्या: जब Bible Vachan In Hindi हमारे मन में खुलता है तो यह हमारे विचारों में प्रकाश भर देता है |  सरल हृदय से पढ़े गए  हमारे जीवन की दिशा को बदल सकते हैं | 

Bible Vachan In Hindi – चंगाई आशीष और उद्धार का सजीव स्रोत

Bible Vachan In Hindi – हर दिल को छूने वाला परमेश्वर का वचन

Jesus Bible Vachan In Hindi – यीशु मसीह के वचन जो जीवन बदल देते हैं

आज के समय में जब हर व्यक्ति किसी न किसी आंतरिक संघर्ष चिंता बीमारी या निराशा से जूझ रहा है उस समय Bible Vachan In Hindi हमारे लिए परमेश्वर का सीधा उत्तर है | ये वचन केवल ज्ञान नहीं देते बल्कि शांति चंगाई और आशीष की असली अनुभूति कराते हैं |
जब हम पढ़ते हैं तो हमें यह अनुभव होता है कि परमेश्वर हमसे सीधे हमारी भाषा में बात कर रहा है | Jesus Bible Vachan In Hindi हमें यीशु मसीह के उन वचनों तक पहुँचाते हैं जो उन्होंने प्रेम क्षमा और चंगाई के बारे में कहे |

चंगाई का वचन – Bible Vachan In Hindi यशायाह 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया  वह हमारे ही अधर्म के कारण कुचला गया हमारी शान्ति के लिए उस पर ताड़ना पड़ी कि हम उसके कोड़े खाने से चंगे हो जाएं |
 व्याख्या:यह Jesus Bible Vachan In Hindi स्पष्ट करता है कि यीशु मसीह ने हमारे पापों के साथ-साथ हमारी बीमारियों का बोझ भी उठाया। आज जब हम बीमार हैं चाहे शारीरिक हों या मानसिक यह हमें चंगाई का भरोसा देता है |

आशीष का वचन – Bible Vachan In Hindi  व्यवस्थाविवरण 28:2 और ये सब आशीषें तुझ पर आ पड़ेंगी और तुझ को प्राप्त होंगी यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात को सुने  व्याख्या: Bible Vachan In Hindi हमें बताता है कि आज भी अगर हम परमेश्वर की आज्ञाओं पर चलें तो जीवन में हर प्रकार की आशीषें - शांति समृद्धि स्वास्थ्य और आत्मिक उन्नति - हमारे ऊपर आएंगी |

यीशु का निमंत्रण – Jesus Bible Vachan In Hindi मत्ती 11:28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों मेरे पास आओ मैं तुम्हें विश्राम दूंगा | व्याख्या: यीशु का यह वचन एक खुला निमंत्रण है - जो भी थका हुआ टूटा हुआ या बोझिल है वह उनके पास आ सकता है | Jesus Bible Vachan In Hindi के अनुसार यीशु हर उस व्यक्ति को विश्राम देते हैं जो उनके पास आता है |

Bible Vachan In Hindi – जीवन का प्रकाश भजन संहिता 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक और मेरी राह के लिये उजियाला है व्याख्या- जब हम Bible Vachan In Hindi को पढ़ते हैं, तो यह हमारी राह में रोशनी बनता है। Bible Vachan In Hindi हमें दिखाता है कि जीवन की हर परिस्थिति में परमेश्वर का वचन हमें दिशा देता है। Bible Vachan In Hindi – हर परिस्थिति में जीवन देने वाला वचन यूहन्ना 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाए | 
व्याख्या - Jesus Bible Vachan In Hindi का यह सबसे प्रसिद्ध वचन हमें बताता है कि परमेश्वर का प्रेम अमूल्य है। यीशु मसीह के द्वारा हमें न केवल चंगाई और आशीष मिलती है  बल्कि अनन्त जीवन का वरदान भी मिलता है | 
निष्कर्ष – अपने जीवन में Bible Vachan In Hindi को स्थान दें  Bible Vachan In Hindi और Jesus Bible Vachan In Hindi केवल पढ़ने योग्य शब्द नहीं बल्कि आत्मा को जीवन देने वाले वचन हैं | जब आप इन्हें हर दिन पढ़ेंगे मनन करेंगे और अपनाएँगे तो आप देखेंगे कि कैसे आपके जीवन में चंगाई आशीष और परम शांति उतरने लगती है | 

Bible Vachan In Hindi – 10 आशीष के वचन Blessings

Bible Vachan In Hindi – परमेश्वर की आशीषें आपके लिए

1. व्यवस्थाविवरण 28:2  और ये सब आशीषें तुझ पर आ पड़ेंगी यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात को सुने | 2. भजन संहिता 1:1 धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता

3. यिर्मयाह 17:7 धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है 

4. नीतिवचन 10:22 यहोवा की आशीष से धन मिलता है और वह उसमें दुख नहीं मिलाता 

5. भजन संहिता 128:1-2 धन्य है वह जो यहोवा का भय मानता है... तू अपने परिश्रम का फल खाएगा
6. मत्ती 5:9 धन्य हैं वे जो मेल कराते हैं क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे
7. भजन संहिता 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी
8. 2 कुरिन्थियों 9:8 परमेश्वर तुम्हें हर एक काम के लिए सम्पूर्ण आशीष देने में समर्थ है
9. फिलिप्पियों 4:19 मेरा परमेश्वर तुम्हारी हर घटी को पूरी करेगा
10. भजन संहिता 34:8 यहोवा की भलाई का स्वाद चखो और देखो धन्य है वह मनुष्य जो उस पर भरोसा करता है

Bible Vachan In Hindi चंगाई के 10 वचन Healing  यीशु में चंगाई है
1. यशायाह 53:5 – हम उसके कोड़े खाने से चंगे हो जाएं
2. निर्गमन 15:26 मैं यहोवा तेरा चंगा करने वाला हूं
3. मत्ती 8:17 उसने हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारे रोगों को उठा लिया
4. भजन संहिता 103:3 वह तेरे सारे अधर्मों को क्षमा करता है और तेरे सब रोगों को चंगा करता है
5. 1 पतरस 2:24 उसके कोड़े खाने से तुम चंगे हो गए।
6. यिर्मयाह 30:17 मैं तुझे स्वस्थ करूंगा और तेरे घावों को चंगा करूंगा 
7. नीतिवचन 4:20 -22  वे जीवन हैं पाने वालों के लिये, और उनके पूरे शरीर के लिये आरोग्य हैं
8. मत्ती 9:22  तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया
9. याकूब 5:15 और विश्वास से की गई प्रार्थना रोगी को बचाएगी
10. भजन संहिता 147:3“वह खेदित हृदय वालों को चंगा करता है

Jesus Bible Vachan In Hindi -- सफलता के 10 वचन Success

Bible Vachan In Hindi – मसीह में उन्नति और विजय

1. यहोशू 1:8 तब तू अपना मार्ग सफल पाएगा और बुद्धिमानी से काम करेगा
2. भजन संहिता 37:4 यहोवा में सुख मान वह तेरे मन की इच्छा पूरी करेगा 
3. नीतिवचन 3:5–6 वह तेरे मार्गों को सीधा करेगा
4. भजन संहिता 1:3 जो कुछ वह करता है उसमें सफल होता ह
5. मत्ती 6:33 –पहले तुम उसके राज्य और धार्मिकता की खोज करो सब वस्तुएँ मिलेंगी
6. यिर्मयाह 29:11 मैं तुम्हारी भलाई की योजना जानता हूँ
7. फिलिप्पियों 4:13 मसीह में मैं सब कुछ कर सकता हूँ जो मुझे सामर्थ देता है
8. नीतिवचन 16:3 अपने कामों को यहोवा पर छोड़ दे तब तेरे यत्न सफल होंगे
9. भजन संहिता 90:17 हमारे हाथों के काम को स्थिर कर
10. 3 यूहन्ना 1:2 जैसे तेरी आत्मा उन्नति कर रही है तू सब बातों में उन्नति करे

Conclusion जब हम जीवन की उलझनों से जूझते हैं तो हमें मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यही मार्गदर्शन हमें Bible Vachan In Hindi में मिलता है। यह वचन हमें सिखाते हैं कि कैसे परमेश्वर का वचन हर परिस्थिति में हमारा सहारा बन सकता है। Jesus Bible In Hindi हमें यीशु मसीह के जीवन और शिक्षाओं से परिचित कराता है यीशु का प्रेम क्षमा और विश्वास हमें हर दिन नई आशा देता है जब हम Bible Vachan In Hindi को अपने जीवन में अपनाते हैं तब हम देखते हैं कि कैसे परमेश्वर की शक्ति हमें बदलती है आज का युग कठिनाइयों से भरा है, लेकिन Jesus Bible In Hindi और Bible Vachan In Hindi हमें आत्मिक बल चंगाई और शांति प्रदान करते है अगर आप अपने जीवन में आशीष, चमत्कार और शांति की तलाश में हैं, तो प्रतिदिन Bible Vachan In Hindi को पढ़ें और यीशु के वचनों को अपने हृदय में उतारें
यीशु मसीह आज भी जीवित हैं और वह अपने वचनों के द्वारा आपसे बात करना चाहते हैं। Jesus Bible In Hindi में उनके जीवन का सार छिपा है  प्रेम करुणा और उद्धार आपका जीवन बदल सकता है बस आज ही से Bible Vachan In Hindi पढ़ना आरंभ करें और यीशु के साथ चलना शुरू करें

 

                                                         






Thursday, 18 June 2020

Time with the bible | बाइबिल के साथ पर्याप्त समय

   Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय

"मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूँ क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है"* (भ सं 119:99)

बाइबिल के साथ पर्याप्त समय गुजारने का अनुशासन बचपन से सीखना चाहिये. यह जिम्मेदारी प्राथमिक रूप से माता-पिता की है. पौलुस एक आत्मिक महापुरुष था. उसे अद्वितीय कौशल एवं क्षमता प्राप्त थी. उसकी बुद्धिमत्ता असाधारण थी. उसकी उपलब्धियाँ अतुलनीय थी. क्या दूसरी पंक्ति में कोई अगुवा हम पा सकते है जो उसका स्थान ले सकें? पौलुस की दृष्टि युवा तीमुथियुस पर थी,    Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समयलेकिन क्या तीमुथियुस इस जिम्मेदारी को अपने कांधे पर लेने से डरता और झिझकता न था? (1 कुरि 16:10,11; 1 तीमु 5:23). फिर भी तीमुथियुस में एक असाधारण आकर्षण था. पवित्रशास्त्र के प्रति उसका प्रेम जो उसके बाल्यकाल से, उस आयु से भी पहिले था, जिसमें पापों से पश्चाताप करने और यीशु मसीह को निज उद्धारकर्ता मानकर ग्रहण करने की समझ प्राप्त हो जाती है
(2 तीमु 3:14,15). इसका श्रेय उसकी नानी और मां को जाता है (2 तीमु 1:5).   Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय माता-पिता प्रतिदिन, कक्षा के बाद, इतना अधिक समय उन्हें मार्गदर्शन देते हुये और पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन के लिये प्रोत्साहित करते हुये बिताते हैं.   Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय  प्रतिद्वंदिता के इस संसार में यह सही और आवश्यक भी है. परन्तु बच्चों को कितना समय बाइबिल के साथ बिताने के लिये दिया जाता है? हम शायद ही यह समझ पाते हैं कि ऐसा भेदभाव परमेश्वर के क्रोध को भड़काता है. वह होशे भविष्यवक्ता के माध्यम से विलाप करता है,    Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय“मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखता आया हूँ परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं" (होशे 8:12). अपने क्रोध में उसने कहा, “इसलिये कि तूने अपने परमेश्वर की व्यवस्था को तज दिया है, मैं भी तेरे लड़केवालों को छोड़ दूँगा" (होशे 4:6).    Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय मैं मरियम की आराधना नहीं करता पर प्रशंसा अवश्य करता हूँ! अपने पुत्र की उद्धार संबंधी सेवकाई को पूरा करने के लिये उसने परमेश्वर के साथ कितना सहयोग किया! उसके प्रयासों के विषय में सोचिये कि कैसे उसने बालक यीशु के मन और हृदय में वचन को इस अधिकाई से भरा कि मंदिर में व्यवस्था के शिक्षक भी दंग रह गये! (लूका 2:46,48). बारह से तीस वर्ष तक, वह उसकी बाइबिल शिक्षिका बनी रही.    Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय एक युवा ग्रामीण महिला के लिये जो एक बढ़ई के घर में थी, बहुत कम शैक्षणिक योग्यता के साथ, ढेर सारी घरेलू जिम्मेदारियों के बीच, Time with the bible बाइबिल के साथ पर्याप्त समय अपने पुत्र यीशु एवं अन्य दूसरी संतानों के साथ पवित्रशास्त्र के अध्ययन में समय देना आसान नहीं रहा होगा. मसीहियों में “मरियम" नाम बड़ा जाना-पहचाना है किन्तु उसकी जैसी माताएँ दुर्लभ है.

*बा-इ-बि-ल, हाँ,*
*यह पुस्तक मेरे लिये है!*
*मैं केवल परमेश्वर के वचन पर निर्भर हूँ,*
*बा-इ-बि-ल!*

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