नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
( कविता)
टूट पड़े थे हम सब तुम पर
न आओ गलियों और घर पर
दर दर तुम्हें निकाला हमने
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
छीन लिया तुमसे सब हमने
अधिकारों का हनन था हमने
न्याय को छीना था जब मिलकर
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
छीने कपड़े थे फाड़े थे
लूट लिया तुमको जब हमने
बेच दिया जब कुछ सिक्कों में
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
झूठी दी थी गवाही हमने
निर्दोषी को पकड़ा हमने
धोकेबाज़ कहा जब तुमको
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
भाग रहे थे शिष्य तुम्हारे
दुश्मन जब आकर के घेरे
बंधक तुम को बना रहे जब
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
भीड़ ने जब कर दी थी बगावत
क्रूस चढ़ाने की थी बाबत
नारेबाज़ी हो हुल्लड़ में
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
थप्पड़ गाल पर मारा हमने
कांटे ताज जड़ा सर हमने
कोड़े गिन गिन मारे तुझको
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
अपमानित किया तुझको हमने
बैंजनी वस्त्र और थूक हमने
मारपीट अधमुआ किया जब
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
कहा था उतरो क्रूस से हमने
बचो बचाया सबको तुमने
कतरा कतरा लहू बहा जब
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
कदम कदम पे नकारा हमने
हर दिन तुझे सताया हमने
बुरा हर नाम दिया था तुझको
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
क्यों ये ज़ुल्म सहा सब तुमने
कैसे प्रेम किया, क्यों तुमने
कीलें ठोकी थी जब हमने
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
रोता हूँ बिलखता हूँ मैं
ज़ख्म देख ज़ख्मी खुद हूँ मैं
मुझ कातिल को गले लगाकर
नहीं सोचा था फिर भी खामोश रहोगे
यशायाह 53:7
आज सवाल है
क्या उसकी तरह खामोश रहने की ताकत है ?
*आज बहुत से परिवारों में अशांति और झगड़े है और इन झगड़ों का मुख्य कारण है बहस करना सहनशील ना होना और क्षमा ना करना*
*सच्ची क्षमा अपने ह्रदय में दूसरों के प्रति बदले की भावना और कड़वाहट को ना रखना है*
*परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि हमें लोगों की गलतियों के प्रति धीरजवन्त होना है*
*इसका अर्थ यह नहीं कि हम लोगों को बिगड़ने के लिए छोड़ दें हां*
*हमें लोगों को समझाना और सिखाना है*
*पर बुद्धिमानी से सबसे महत्वपूर्ण परमेश्वर के मार्गदर्शन के अनुसार*
*क्योंकि हम लोगों को नहीं बदल सकते हैं लेकिन परमेश्वर है जो उन को बदल सकता है*
*मत्ती 19:26*
*यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है*
*बहुत बार हमारे जीवन में भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं जिसमें हमें बिल्कुल भी समझ में नहीं आता कि हम क्या करें?*
*अब जब तक हम जिंदा है तब तक शैतान हमें परेशान करेगा ही समस्याएं आएंगे ही*
*लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी हम एक शांतिमय जीवन को कैसे जिए?*
*और इसका कुंजी है क्या*
*इसका कुंजी है केवल परमेश्वर की उपस्थिति*
*परमेश्वर की उपस्थिति 5 मिनट बाइबल पढ़ना 10 मिनट प्रार्थना करने से नहीं आती परमेश्वर की उपस्थिति आती है {उसे खोजने में}*
*और खोजने के लिए दो बातों का होना*
*आवश्यक है पहला अपना ध्यान केवल उसी पर लगाना और दूसरा हमारा समय*
*यशायाह 55:6*
*जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो;*
*उसकी उपस्थिति के लिए हमें कीमत चुकानी पड़ती है और वह है हमारा समय*
*हम परमेश्वर की उपस्थिति में दो बातों के द्वारा प्रवेश करते हैं पहला विश्वास और दूसरा प्रभु यीशु का लहू*
*विश्वास करने के द्वारा हम परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं*
*इब्रानियों 4:3*
*और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं;*
*यह विश्राम वह स्थान है चाहे हम कैसे भी दर्दनाक परिस्थिति से गुजर रहे हो या अत्यंत दुख और क्लेश में हो पर फिर भी हम अंदर से शांत और आनंद में हो)*
*हम नाना प्रकार के समस्याओं से गुजरते तो हैं पर इसमें हम अकेले नहीं हमारे साथ कोई है*
*रोमियो 8:31*
*सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है*
*और वह अंत तक हमारे साथ रहेगा वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा*
*महिमा केवल हमारे प्रभु को*
66:1 हे सारी पृथ्वी के लोगों, परमेश्वर के लिये जयजयकार करो; |
66:1 Make a joyful noise unto God, all ye lands: |
66:2 उसके नाम की महिमा का भजन गाओ; उसकी स्तुति करते हुए, उसकी महिमा करो। |
66:2 Sing forth the honour of his name: make his praise glorious. |
66:3 परमेश्वर से कहो, कि तेरे काम क्या ही भयानक हैं! तेरी महासामर्थ्य के कारण तेरे शत्रु तेरी चापलूसी करेंगे। |
66:3 Say unto God, How terrible art thou in thy works! through the greatness of thy power shall thine enemies submit themselves unto thee. |
66:4 सारी पृथ्वी के लोग तुझे दण्डवत करेंगे, और तेरा भजन गाएंगे; वे तेरे नाम का भजन गाएंगे॥ |
66:4 All the earth shall worship thee, and shall sing unto thee; they shall sing to thy name. Selah. |
66:5 आओ परमेश्वर के कामों को देखो; वह अपने कार्यों के कारण मनुष्यों को भय योग्य देख पड़ता है। |
66:5 Come and see the works of God: he is terrible in his doing toward the children of men. |
66:6 उसने समुद्र को सूखी भूमि कर डाला; वे महानद में से पांव पावं पार उतरे। वहां हम उसके कारण आनन्दित हुए, |
66:6 He turned the sea into dry land: they went through the flood on foot: there did we rejoice in him. |
66:7 जो पराक्रम से सर्वदा प्रभुता करता है, और अपनी आंखों से जाति जाति को ताकता है। हठीले अपने सिर न उठाएं॥ |
66:7 He ruleth by his power for ever; his eyes behold the nations: let not the rebellious exalt themselves. Selah. |
66:8 हे देश देश के लोगो, हमारे परमेश्वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ, |